दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा को लेकर बडे़-बड़े दावे तो कर रही है, लेकिन दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम है. करोड़ों की लागत से बना ये अस्पताल मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है. अस्पताल में स्टाफ कम हैं. इसके अलावा अस्पताल में सिटी मशीन और कई सुविधाओं की कमी है. जिसकी वजह से ग्रामीणों को इलाज के लिए दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. जिसका सीधा असर उनकी जेब पर पड़ रहा है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहें हैं.
जिला अस्पताल में जिला प्रशासन ने करोड़ों रुपए खर्च किए परंतु जिला अस्पताल की लचार व्यवस्था के कारण सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है. लोगों का कहना है कि अस्पताल में जाने पर वार्ड ब्वॉय तक नहीं मिलता है. वहीं अस्पताल के कर्मचारियों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
समय पर नहीं मिलता वेतन
जिला अस्पताल के शवगृह में काम करने वाले संविदा कर्मचारी संदीप पटेल ने बताया कि पिछले 1 साल से मॉर्च्यूरी में गैस नहीं होने के कारण एक ही फ्रीजर से काम चलाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां कभी भी कोई भी बड़ी घटना घट सकती है. जिसके लिए जिला अस्पताल ने कोई व्यवस्था नहीं है. कर्मचारी ने बताया की उन्हें वक्त पर वेतन भी नहीं दिया जाता है.
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अस्पताल में कपड़े धोने की मशीन और सफाईकर्मियों की कमी
अस्पताल के धोबी त्रिलोचन कौशल ने बताया कि धोबी घर में पिछले 1 साल से मशीन खराब होने के कारण मरीजों के कपड़े, चादर, बेडशीट को डेली छोटी सी मशीन में धोना पड़ता है. जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है. त्रिलोचन कौशल ने बताया कि 100 बेड का जिला अस्पताल होने के कारण उन्हें डेली बहुत से कपड़े धोने पड़ते हैं. उन्होंने बताया कि कई बार इसकी शिकायत की गई है. पंरतु अब तक अधिकारीयों ने कोई ध्यान नहीं दिया है. हादसे के समय 108 के कर्मचारी नहीं होते हैं तो आपात स्थिति में मरीजों को लाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है.