दंतेवाड़ा: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के कार्यकर्ताओं और मुक्ति मोर्चा का दल ग्राम पंचायत गुड़से गांव पहुंचा. कार्यकर्ताओं ने वहां पुलिस कस्टडी में मौत हुई महिला नक्सली पांडे कवासी के परिजनों और ग्रामीणों से मुलाकात की. JCC (J) कार्यकर्ताओं और मुक्ति मोर्चा के दल ने CBI से जांच की मांग की.
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दरअसल कटेकल्याण ब्लॉक गुड़से ग्राम पंचायत में रहने वाली युवती पांडे कवासी ने सरेंडर करने के बाद आत्महत्या कर ली थी. इसी सिलसिले में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे और मुक्ति मोर्चा का दल गांव पहुंचा और परिवार से बात की. बातचीत में मृतका के परिजनों ने प्रशासन पर कई आरोप लगाए.
परिजनों ने जिला व पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाए
परिजनों का कहना है कि पांडे कवासी का किसी भी नक्सली संगठन से कोई लेना-देना नहीं था. उन्होंने बताया कि मृतका ग्राम पंचायत के अन्य मोहल्ले में पारिवारिक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची थी. परिजनों ने बताया कि उन्होंने कवासी को छुड़वाने की कोशिश भी की लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई. बाद में उन्हें उसकी मौत की सूचना मिली.
सरेंडर महिला नक्सली के आत्महत्या को लेकर उठे सवाल
CBI से जांच कराने की मांग
JCCJ व मुक्ति मोर्चा के जांच दल ने संयुक्त रूप से बयान जारी करते हुए कहा कि संपूर्ण घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है. उन्होंने कहा कि पुलिस कस्टडी में युवती की खुदकुशी पुलिस विभाग की चूक को दर्शाता है. उन्होंने मामले की CBI से जांच कराने की मांग की.
इस दौरान जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के जांच कमेटी अध्यक्ष और प्रदेश महासचिव नवनीत चांद, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जमुना संकनी, दंतेवाड़ा विधानसभा पूर्व प्रत्याशी सुजीत कर्मा, बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा जिला संयोजक भरत कश्यप, बीजापुर जिला संयोजक बालकृष्ण बजाज, बीजापुर जिला सहसंयोजक दीपक मरकाम और अन्य लोग उपस्थित रहे.
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19 फरवरी को लोन वर्राटू अभियान के तहत किया था सरेंडर
महिला नक्सली पांडे कवासी ने 19 फरवरी को अन्य इनामी नक्सली साथियों के साथ लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर सरेंडर किया था. आत्मसमर्पण करने के बाद से पांडे कवासी डीआरजी कार्यालय के महिला विश्राम कक्ष में अन्य महिला नक्सली जोगी कवासी के साथ रह रही थी. इस दौरान दो महिला पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात थीं.
मंगलवार दोपहर बाद पांडे कवासी नहाने चली गई. इसकी जानकारी उसने जोगी कवासी और अन्य दो महिला पुलिस कर्मियों को दी थी. जब लगभग 20 मिनट बाद भी पांडे कवासी बाथरूम से बाहर नहीं निकली, तब जोगी कवासी और अन्य दो महिला आरक्षकों ने दरवाजे को धक्का देकर खोला. वहां उन्होंने देखा कि पाण्डे कवासी ने खिड़की के सहारे गमछे से फांसी लगा ली है.
सरेंडर महिला नक्सली पांडे कवासी के आत्महत्या मामले को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने सवाल उठाए हैं. इस मामले में पांडे कवासी के परिजनों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों ने पुलिस से शव लेने से इनकार कर दिया था.