दंतेवाड़ा: मां दंतेश्वरी तालाब के जीर्णोद्धार से यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है. जिसका फायदा स्थानीय दुकानदारों को मिल रहा है. जिला प्रशासन की पहल पर नगर पालिका परिषद ने मां दन्तेश्वरी तालाब का सौंदर्यीकरण किया है. शहर के बीचोंबीच स्थित मां दन्तेश्वरी सरोवर के सौन्दर्यीकरण के बाद यह बेहद खूबसूरत हो गया है, जिस पर लोग आकर्षित हो रहे हैं. इससे स्थानीय दुकानदारों की आमदनी भी बढ़ गई है. लोग सुंदर नजारों के साथ तरह-तरह के जायके का भी लुत्फ उठा रहे हैं. जीर्णोद्धार के बाद ना केवल सरोवर की सुन्दरता बढ़ी है, बल्कि मां दन्तेश्वरी तालाब कई लोगों के जीविकोपार्जन का साधन भी बन गया है.
दन्तेश्वरी सरोवर का सौन्दर्यीकरण
शहर के बीचोंबीच स्थित मां दन्तेश्वरी तालाब का सौन्दर्यीकरण सबसे पहले दन्तेवाड़ा सीएमओ लालसिंह मरकाम की निगरानी में करवाया गया. तालाब के जलस्तर को बनाए रखने के लिए डंकिनी नदी से पानी तालाब में भरने का काम भी किया गया. तालाब के घाट के चारों तरफ आदिवासी संस्कृति को पेंटिंग के माध्यम से उकेरा गया है. वृक्षों पर भी पेंटिंग की गई है और रंग-बिरंगी लाइटें लगाकर मां दन्तेश्वरी सरोवर की सुन्दरता में चार चांद लगाए गए हैं. तालाब के चारों तरफ स्थित गार्डन में रंग-बिरंगे फूल, हरे घास भी लगाए गए हैं. पार्क में आने वाले लोगों की फिटनेस के लिए जिम उपकरण की व्यवस्था भी की गई है.
महिला स्वसहायता समूह करा रहा बोटिंग
सरोवर में महिला स्वसहायता समूह बोटिंग भी करा रहा है. जिसका प्रति व्यक्ति किराया 20 रुपए लिया जाता है. इससे प्रतिदिन महिलाओं की 1500 रुपए से 2000 रुपए तक की आमदनी हो जाती है.
तालाब बना जीविकोपार्जन का साधन
पार्क के बाहर गुब्बारे, भेल, गुपचुप, पॉपकॉर्न, आइसक्रीम के ठेले भी लगाए जा रहे हैं. जिसका आनंद पार्क में आने वाली महिलाएं, बच्चे और दूसरे उम्र के लोग ले रहे हैं. शक्ति भेल सेंटर के संचालक उमाशंकर साहू ने बताया कि पार्क के खुलने से इनकी आमदनी में वृद्धि हुई है. हर दिन वो 1800 से 2000 रुपए की कमाई वे कर लेते हैं. वहीं आइसक्रीम विक्रेता नारायण लाल कुमावत ने बताया कि उनकी प्रतिदिन की आय 1200 से 1300 रुपए तक हो जाती है. इस तरह से जहां तालाब एक बार फिर जीवित हो गया है, तो दूसरी तरफ लोगों के मनोरंजन के साथ-साथ जीविकोपार्जन का साधन भी बन रहा है.