दंतेवाड़ाः दक्षिण बस्तर के अंदरूनी इलाकों में जापानी इन्सेफेलाइटिस (जेई), डेंगू और स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जिले में एक महीने के भीतर डेंगू से ग्रसित छह मरीज और जापानी बुखार के सात मरीज पाए गए वहीं लौह नगरी में एक मरीज स्वाइन फ्लू जांच सामने आया है.
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि संक्रमित बीमारियों से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया था जिसमें लोगों को बचाव के उपाय बताए गए थे.
चौंकाने वाली रिपोर्ट
बचेली के काठमांडू में स्वास्थ्य विभाग और पशु विभाग की संयुक्त टीम ने लगभग डेढ़ माह पहले दो सुअरों का ब्लड सैंपल लिया, जिसे जांच के लिए बैंगलोर भेजा गया. रिपोर्ट के अनुसार सुअर में जापानी बुखार फैलाने वाले खतरनाक वायरस पाए गए थे.
विभागों पर लापरवाही का आरोप
राष्ट्रीय पशु रोग जनपादित और सूचना विज्ञान संस्थान बैंगलूर से डेढ़ महीने पहले आई रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग को चौंका दिया. लेकिन इसके बावजूद न ही संबंधित विभाग द्वारा क्षेत्र के इन संक्रमित सुअरों का उपचार किया गया और न ही उन्हें आवासीय इलाके से दूर किया गया. इसके अलावा पूरे मामले को गंभीरता से नहीं लेते हुए, विभाग एक दूसरे के ऊपर डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग का दावा
- मच्छरों के लार्वा स्रोत वाले जगहों पर नियंत्रण के लिए छिड़काओ किया जा रहा है.
- लोगों को मच्छरदानी उपयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.
- जिले में घर- घर मितानिनों को भेजकर लोगों को लक्षण और बचाव के बारे में बताया जा रहा है.
- सुअर पालकों को सुअरों को घर से 500 मीटर दूर रखने की सलाह दी गई है.