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दंतेवाड़ा: अतिथि शिक्षकों ने प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा, अनिश्चित कालीन हड़ताल का दूसरा दिन

धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अतिथि शिक्षकों को शिक्षा कार्य से हटा दिया गया है. ऐसे में गेस्ट टीचर्स अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिला मुख्यालय में अतिथि शिक्षक संघ दुर्गा मंच पर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे हैं.  अतिथि शिक्षकों ने प्रशासन के खिलाफ अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं

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Published : Dec 2, 2020, 11:04 PM IST

Updated : Dec 2, 2020, 11:16 PM IST

दंतेवाड़ा: धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अतिथि शिक्षकों को शिक्षा कार्य से हटा दिया गया है. ऐसे में गेस्ट टीचर्स अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिला मुख्यालय में अतिथि शिक्षक संघ दुर्गा मंच पर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे हैं. शिक्षक अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से दोबारा पोस्ट करने को लेकर मांग कर रहे हैं.

अतिथि शिक्षकों ने प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

अतिथि शिक्षकों का कहना है कि कोरोना काल में जिस प्रकार हमें हटाया गया है. यह नियम के खिलाफ है. हम सब अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं. ज्यादातर अतिथि शिक्षक अंदरूनी क्षेत्रों में कार्यरत थे, जो कि विषम परिस्थितियों में भी नदी-नाले पार कर गांवों में जाकर शिक्षा की अलख जगाते थे. अब सरकार ने शिक्षकों को कोरोना काल में हमें हटा दिया है.

पढ़ें: रायणपुर: 8 महीने से अतिथि शिक्षकों को नहीं मिला वेतन, सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

अतिथि शिक्षकों ने बताया कि हमें अपना परिवार चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हम सभी अतिथि शिक्षक सरकार और प्रशासन से निवेदन करते हैं कि हमें नियमित कर रखा जाए. इसके लिए अतिथि शिक्षक संघ ने कई बार कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है, लेकिन आज तक कोई निर्णय नहीं लिया गया. ऐसे में अतिथि शिक्षक अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे हैं.

प्रमुख मांगें-

  • स्थानीय अतिथि शिक्षकों की सेवा बहाली तत्काल किया जाए.
  • स्थानीय अतिथि शिक्षकों को कोरोना काल में 8 महीने का मानदेय दिया जाए.
  • 2014 से अब तक जो स्थानीय अतिथि शिक्षक की नियुक्ति हुई ह,. उन्हें यथावत रखा जाए.
  • हरियाणा और दिल्ली के तर्ज पर स्थानीय अतिथि शिक्षक विधेयक 2020 लाया जाए.
  • साथ ही सरकार अतिथि शिक्षकों की 62 वर्ष की आयु तक सेवा सुरक्षित करे.

दंतेवाड़ा: धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अतिथि शिक्षकों को शिक्षा कार्य से हटा दिया गया है. ऐसे में गेस्ट टीचर्स अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिला मुख्यालय में अतिथि शिक्षक संघ दुर्गा मंच पर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे हैं. शिक्षक अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से दोबारा पोस्ट करने को लेकर मांग कर रहे हैं.

अतिथि शिक्षकों ने प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

अतिथि शिक्षकों का कहना है कि कोरोना काल में जिस प्रकार हमें हटाया गया है. यह नियम के खिलाफ है. हम सब अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं. ज्यादातर अतिथि शिक्षक अंदरूनी क्षेत्रों में कार्यरत थे, जो कि विषम परिस्थितियों में भी नदी-नाले पार कर गांवों में जाकर शिक्षा की अलख जगाते थे. अब सरकार ने शिक्षकों को कोरोना काल में हमें हटा दिया है.

पढ़ें: रायणपुर: 8 महीने से अतिथि शिक्षकों को नहीं मिला वेतन, सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

अतिथि शिक्षकों ने बताया कि हमें अपना परिवार चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हम सभी अतिथि शिक्षक सरकार और प्रशासन से निवेदन करते हैं कि हमें नियमित कर रखा जाए. इसके लिए अतिथि शिक्षक संघ ने कई बार कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है, लेकिन आज तक कोई निर्णय नहीं लिया गया. ऐसे में अतिथि शिक्षक अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे हैं.

प्रमुख मांगें-

  • स्थानीय अतिथि शिक्षकों की सेवा बहाली तत्काल किया जाए.
  • स्थानीय अतिथि शिक्षकों को कोरोना काल में 8 महीने का मानदेय दिया जाए.
  • 2014 से अब तक जो स्थानीय अतिथि शिक्षक की नियुक्ति हुई ह,. उन्हें यथावत रखा जाए.
  • हरियाणा और दिल्ली के तर्ज पर स्थानीय अतिथि शिक्षक विधेयक 2020 लाया जाए.
  • साथ ही सरकार अतिथि शिक्षकों की 62 वर्ष की आयु तक सेवा सुरक्षित करे.
Last Updated : Dec 2, 2020, 11:16 PM IST
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