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नाटक के जरिए प्रकृति की रक्षा का संदेश दे रहा वन विभाग

कोरोना संक्रमण से बचाव और जंगलों को नुकसान नहीं पहुंचाने को लेकर वन मंडल ग्रामीणों को जागरूक रहा है. युवाओं की टीम लोगों को नाटक के जरिए जागरूक कर रही है.

forest department giving massage through drama
नुक्कड़ नाटक के जरिए संदेश
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Published : Apr 10, 2021, 6:07 PM IST

Updated : Apr 12, 2021, 1:05 PM IST

दंतेवाड़ा: बारसूर में कोरोना महामारी के बीच वन मंडल कोरोना से बचाव और वन्य प्राणी की रक्षा करने के लिए नाटक मंडली के जरिए लोगों को संदेश दे रहा है. नुक्कड़ नाटक के जरिए युवाओं की टीम लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है.

नुक्कड़ नाटक के जरिए संदेश

दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा वन मंडल लोगों को कोरोना महामारी से बचाव का संदेश दे रहा है. इसके अलावा लोगों को लघु वनोपज में पानी न मिलाने की भी समझाइश दी जा रही है. इसके लिए युवाओं की एक टीम बाजार में नाटक के जरिए ग्रामीणों को जागरूक कर रही है.

SPECIAL: जंगल में लगने वाली आग से कम हो रही वाइल्ड एनिमल की संख्या

जंगलों को होता है नुकसान

इसी तरह का एक कार्यक्रम गीदम के बारसूर में भी किया गया. दक्षिण बस्तर का दंतेवाड़ा जिला अत्यधिक वन क्षेत्र वाला जिला है. जिसमें ग्रामीण अपनी जरूरतों के हिसाब से जंगलों में आग लगा देते हैं. कई बार महुआ तोड़ने के लिए भी ग्रामीण पेड़ के नीचे आग लगा देते हैं. जिससे जंगलों को नुकसान हो रहा है. साथ ही लघु वनोपज को भी नुकसान पहुंच रहा है. और तो और कीमती लकड़ियां भी आग की चपेट में आ जाती है. इन सभी चीजों की जागरूकता के लिए वन मंडल हाट बाजारों में क्षेत्रीय भाषा में नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर रहा है.

वनोपज इकट्ठा करने के लिए लगाते हैं आग

दरअसल ग्रामीण वनोपज इकट्ठा करने के लिए पेड़ों के नीचे आग लगा देते हैं. आग की गर्मी से वनोपज नीचे गिर जाते हैं. जिसके बाद ग्रामीण उसे इकट्ठा करते हैं. इसी के साथ ग्रामीणों में कोरोना को लेकर भी जागरूकता की कमी है. इन सभी बातों को लेकर वन मंडल ग्रामीणों को जागरूक कर रहा है.

दंतेवाड़ा: बारसूर में कोरोना महामारी के बीच वन मंडल कोरोना से बचाव और वन्य प्राणी की रक्षा करने के लिए नाटक मंडली के जरिए लोगों को संदेश दे रहा है. नुक्कड़ नाटक के जरिए युवाओं की टीम लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है.

नुक्कड़ नाटक के जरिए संदेश

दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा वन मंडल लोगों को कोरोना महामारी से बचाव का संदेश दे रहा है. इसके अलावा लोगों को लघु वनोपज में पानी न मिलाने की भी समझाइश दी जा रही है. इसके लिए युवाओं की एक टीम बाजार में नाटक के जरिए ग्रामीणों को जागरूक कर रही है.

SPECIAL: जंगल में लगने वाली आग से कम हो रही वाइल्ड एनिमल की संख्या

जंगलों को होता है नुकसान

इसी तरह का एक कार्यक्रम गीदम के बारसूर में भी किया गया. दक्षिण बस्तर का दंतेवाड़ा जिला अत्यधिक वन क्षेत्र वाला जिला है. जिसमें ग्रामीण अपनी जरूरतों के हिसाब से जंगलों में आग लगा देते हैं. कई बार महुआ तोड़ने के लिए भी ग्रामीण पेड़ के नीचे आग लगा देते हैं. जिससे जंगलों को नुकसान हो रहा है. साथ ही लघु वनोपज को भी नुकसान पहुंच रहा है. और तो और कीमती लकड़ियां भी आग की चपेट में आ जाती है. इन सभी चीजों की जागरूकता के लिए वन मंडल हाट बाजारों में क्षेत्रीय भाषा में नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर रहा है.

वनोपज इकट्ठा करने के लिए लगाते हैं आग

दरअसल ग्रामीण वनोपज इकट्ठा करने के लिए पेड़ों के नीचे आग लगा देते हैं. आग की गर्मी से वनोपज नीचे गिर जाते हैं. जिसके बाद ग्रामीण उसे इकट्ठा करते हैं. इसी के साथ ग्रामीणों में कोरोना को लेकर भी जागरूकता की कमी है. इन सभी बातों को लेकर वन मंडल ग्रामीणों को जागरूक कर रहा है.

Last Updated : Apr 12, 2021, 1:05 PM IST
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