दंतेवाड़ाः मां दंतेश्वरी की पालकी को 12 दिन का नगर भ्रमण कराया गया. मां दंतेश्वरी की डोली के नगर भ्रमण के साथ ही फागुन मेला संपन्न हो गया. इस दौरान दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी ने देवी-देवताओं की डोली निकालकर नगर के कई स्थानों का भ्रमण कराया. यह डोली यात्रा नारायण मंदिर से होते हुए, क्षेत्र के कई स्थानों से गुजरी. स्थानीय लोगों ने यात्रा में शामिल होकर मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद लिया. साथ डोली को पूरे नगर में भ्रमण कराने के बाद वापस मां दंतेश्वरी मंदिर लाया गया.
मां दंतेश्वरी की डोली यात्रा के बाद मेला संपन्न
मां दंतेश्वरी की डोली को नगर भ्रमण कराने के बाद फागुन मेले का समापन किया गया. मां दंतेश्वरी की डोली का 9 दिनों तक पूरे रीति-रिवाज के साथ पूजा-पाठ किया गया. जिसके बाद दसवें दिन होलिका दहन के साथ ही मां दंतेश्वरी मंदिर के प्रांगण में पूजा की गई. विधि-विधान से होली खेली गई. जिसके बाद 12वें दिन मां दंतेश्वरी की डोली को नगर भ्रमण कराया गया. मां दंतेश्वरी की डोली को पुराने बाजार ले जाया गया. जहां मां दंतेश्वरी की डोली को रख कर पूरे विधि-विधान से पूजा की गई. जिसके साथ ही बस्तर के विश्व प्रसिद्ध फागुन मेला संपन्न हुआ.
दंतेश्वरी दरबार में पलाश के फूलों और होलिका दहन की राख से खेली होली
कोरोना की वजह से फीका रहा मेला
बस्तर के विश्व प्रसिद्ध फागुन मेले के समापन के अगले दिन दंतेश्वरी मंदिर में आए अन्य देवी-देवताओं की विदाई की जाएगी. कोरोना काल को देखते हुए इस बार मेले की रौनक फीकी रही. कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए तीसरे दिन ही दूरदराज से आए 800 से ज्यादा देवी-देवताओं की विदाई कर दी गई. जिसके बाद आसपास के कुछ देवी-देवताओं के माध्यम से 9 दिन तक फागुन मेले की रीति को निभाया गया.