दंतेवाड़ा: विधायक भीमा मंडावी की हत्या में शामिल चार नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाई जा रही लोन वर्राटू नीति से प्रभावित होकर आठ नक्सलियों ने एसपी अभिषेक पल्लव के सामने आत्मसमर्पण किया. इनमें से चार नक्सली 2019 में विधायक भीमा मंडावी हत्याकांड के आरोपी हैं जो घटना के दौरान घटनास्थल के पास खाना बनाने का काम कर रहे थे.
बता दें, 2019 में लोकसभा चुनाव के करीब श्यामगिरी से कुछ ही दूरी पर बड़ा मेला भरने वाला था और आसपास के गांव के लोग इकट्ठा होने वाले थे. इसी दौरान ग्रामीण वेशभूषा में नक्सली भी रेकी कर रहे थे. नक्सलियों को पहले से अंदेशा था कि इस मेले में बड़े जनप्रतिनिधि आ सकते हैं, क्योंकि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टी अपना अपना चुनाव प्रचार में लगी थी और 2 दिन बाद वोटिंग थी.
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चुनाव के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम कर रखे थे. साथ ही सभी जनप्रतिनिधियों को हिदायत दी गई थी कि कहीं भी जाने के 24 घंटे पहले पुलिस को जानकारी दें. ताकि सर्चिंग पार्टी रास्तों को क्लियर करा सके. इसी दौरान लोकसभा चुनाव का प्रचार कार्यक्रम में भीमा मंडावी बचेली किरंदुल में अपनी सभा ले रहे थे. तभी श्यामगिरी से गांव वालों ने मेला के लिए भीमा मंडावी को बुलाया.
सरेंडर नक्सली ने बताई ये बात
पुलिस सुरक्षा के मद्देनजर देखते हुए भीमा मंडावी को वहां जाने से मना किया गया, लेकिन वह नहीं माने. इसके बाद वे अपने काफिले के साथ श्यामगिरी रवाना हुए. घात लगाए बैठे नक्सलियों ने उनकी गाड़ी को ब्लास्ट कर उड़ा दिया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. समर्पित नक्सली माडका बारसे ने बताया कि 'हम लोग उस दिन ग्रामीण वेशभूषा में खाना बनाने का काम कर रहे थे. तभी भीमा मंडावी के काफिले पर बड़े नक्सली नेताओं ने हमला कर दिया'.