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National doctor's day: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के डॉक्टर्स के सामने हर 'चुनौती' छोटी पड़ जाती है - doctors day

दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र (naxal affected area) में कई विषम परिस्थितियों में डॉक्टर गणेश बाबू (Dr. Ganesh Babu) अपने स्टाफ के साथ सेवाएं दे रहे हैं. डॉक्टर्स-डे (doctor's day) पर ETV भारत से डॉक्टर ने अनुभव साझा किए हैं.

Doctor Ganesh Babu serving for years in naxal affected area of Dantewada on National Doctors Day
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सेवाएं दे रहे डॉक्टर
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Published : Jul 1, 2021, 10:55 AM IST

Updated : Jul 1, 2021, 12:44 PM IST

दंतेवाड़ा : राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor's Day) एक जुलाई को मनाया जाता है. कोरोना काल में हर परिस्थिति में डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (Naxal affected areas of Dantewada) में काम करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है. जहां एक ओर जवान ऐसे क्षेत्रों में मुस्तैदी से तैनात हैं तो वहीं डॉक्टर्स भी विषम परिस्थितियों में लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं. ऐसे ही एक डॉक्टर हैं गणेश बाबू (Dr. Ganesh Babu). वे भी लगातार नक्सल प्रभावित 30 से ज्यादा गांवों में अपनी सेवा देकर लोगों का इलाज करने के साथ ही वैक्सीनेशन के लिए भी जागरूक कर रहे हैं. इस डॉक्टर्स डे पर ETV भारत के जरिए आप भी डॉ. गणेश बाबू (Dr. Ganesh Babu) से मिलिए.

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सेवाएं दे रहे डॉक्टर

डॉक्टर गणेश बाबू पिछले 4 साल से नक्सल प्रभावित क्षेत्र बारसूर (Barsoor) में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. डॉक्टर ने अंदरूनी इलाकों में 30 से ज्यादा सफल प्रसव कराए हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से काम के दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद वे कई किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंचते हैं और लोगों का इलाज करते हैं. दंतेवाड़ा में इंद्रावती नदी (Indravati River) बरसात के समय उफान पर रहती है. डॉक्टर ने बताया कि इस दौरान वे नाव में बैठकर नदी के पार 20 गांव में इलाज के लिए पहुंचते हैं.

National Doctor's Day 2021: कैसे हुई नेशनल डॉक्टर्स डे की शुरुआत, जानें महत्व!

बारिश में नदी पार कर जाते हैं गांव

तेज बारिश के दौरान 20 गांव पूरी तरह से जिला मुख्यालय से कट जाते हैं. नदी पार करना मुमकिन नहीं हो पाता है. ऐसे में डॉक्टर को मेडिकल स्टाफ के साथ 3 महीने वहीं रहकर लोगों का इलाज करना होता है. बारिश के दौरान रास्ते में कई छोटे झरने भी बनने लगते हैं, सड़क नहीं होने की वजह से उन्हें पैदल ही गांव पहुंचना होता है. कई किलोमीटर की चढ़ाई भी करनी पड़ती है.

लैंग्वेज प्रॉब्लम का करना पड़ा सामना

डॉक्टर गणेश बाबू ने बताया कि इन क्षेत्रों में यहां की स्थानीय बोली गोंडी और हल्बी बोली जाती है. कई ग्रामीण ऐसे होते हैं जो किसी अन्य भाषा को नहीं समझ पाते हैं. इस स्थिति में उनकी बात समझना और अपनी बात रखना दोनों ही बहुत बड़ी चुनौती होती है. लैंग्वेज की सबसे ज्यादा परेशानी कोरोना काल में महसूस की गई. ग्रामीणों को इसके प्रति जागरूक करना बहुत जरूरी था. ऐसे में उनकी बोली समझने में कई बार स्टाफ को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

वैक्सीनेशन कराने की अपील

मेडिकल की पूरी टीम लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करने में जुट गई है. कई गांव में लोगों को जागरूक कर वहां शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन कराया गया. लोगों की जागरूकता और टीम की मेहनत के जरिए जिले में कोरोना संक्रमण में लगाम लगाया जा सका है. डॉक्टर ने लोगों से कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीनेशन कराने की अपील की है.

क्यों मनाया जाता है चिकित्सक दिवस ?

1 जुलाई को महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ बिधान चंद्र रॉय की जयंती और पुण्यतिथि के सम्मान में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है. यह दिन व्यक्तिगत जीवन और समुदायों में चिकित्सकों के योगदान को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है. 2021 में नेशनल डॉक्टर्स डे की थीम कोरोना वायरस से जोड़ कर ही रखी गई है- परिवार के डॉक्टरों के साथ भविष्य का निर्माण.

दंतेवाड़ा : राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor's Day) एक जुलाई को मनाया जाता है. कोरोना काल में हर परिस्थिति में डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (Naxal affected areas of Dantewada) में काम करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है. जहां एक ओर जवान ऐसे क्षेत्रों में मुस्तैदी से तैनात हैं तो वहीं डॉक्टर्स भी विषम परिस्थितियों में लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं. ऐसे ही एक डॉक्टर हैं गणेश बाबू (Dr. Ganesh Babu). वे भी लगातार नक्सल प्रभावित 30 से ज्यादा गांवों में अपनी सेवा देकर लोगों का इलाज करने के साथ ही वैक्सीनेशन के लिए भी जागरूक कर रहे हैं. इस डॉक्टर्स डे पर ETV भारत के जरिए आप भी डॉ. गणेश बाबू (Dr. Ganesh Babu) से मिलिए.

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सेवाएं दे रहे डॉक्टर

डॉक्टर गणेश बाबू पिछले 4 साल से नक्सल प्रभावित क्षेत्र बारसूर (Barsoor) में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. डॉक्टर ने अंदरूनी इलाकों में 30 से ज्यादा सफल प्रसव कराए हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से काम के दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद वे कई किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंचते हैं और लोगों का इलाज करते हैं. दंतेवाड़ा में इंद्रावती नदी (Indravati River) बरसात के समय उफान पर रहती है. डॉक्टर ने बताया कि इस दौरान वे नाव में बैठकर नदी के पार 20 गांव में इलाज के लिए पहुंचते हैं.

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बारिश में नदी पार कर जाते हैं गांव

तेज बारिश के दौरान 20 गांव पूरी तरह से जिला मुख्यालय से कट जाते हैं. नदी पार करना मुमकिन नहीं हो पाता है. ऐसे में डॉक्टर को मेडिकल स्टाफ के साथ 3 महीने वहीं रहकर लोगों का इलाज करना होता है. बारिश के दौरान रास्ते में कई छोटे झरने भी बनने लगते हैं, सड़क नहीं होने की वजह से उन्हें पैदल ही गांव पहुंचना होता है. कई किलोमीटर की चढ़ाई भी करनी पड़ती है.

लैंग्वेज प्रॉब्लम का करना पड़ा सामना

डॉक्टर गणेश बाबू ने बताया कि इन क्षेत्रों में यहां की स्थानीय बोली गोंडी और हल्बी बोली जाती है. कई ग्रामीण ऐसे होते हैं जो किसी अन्य भाषा को नहीं समझ पाते हैं. इस स्थिति में उनकी बात समझना और अपनी बात रखना दोनों ही बहुत बड़ी चुनौती होती है. लैंग्वेज की सबसे ज्यादा परेशानी कोरोना काल में महसूस की गई. ग्रामीणों को इसके प्रति जागरूक करना बहुत जरूरी था. ऐसे में उनकी बोली समझने में कई बार स्टाफ को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

वैक्सीनेशन कराने की अपील

मेडिकल की पूरी टीम लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करने में जुट गई है. कई गांव में लोगों को जागरूक कर वहां शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन कराया गया. लोगों की जागरूकता और टीम की मेहनत के जरिए जिले में कोरोना संक्रमण में लगाम लगाया जा सका है. डॉक्टर ने लोगों से कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीनेशन कराने की अपील की है.

क्यों मनाया जाता है चिकित्सक दिवस ?

1 जुलाई को महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ बिधान चंद्र रॉय की जयंती और पुण्यतिथि के सम्मान में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है. यह दिन व्यक्तिगत जीवन और समुदायों में चिकित्सकों के योगदान को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है. 2021 में नेशनल डॉक्टर्स डे की थीम कोरोना वायरस से जोड़ कर ही रखी गई है- परिवार के डॉक्टरों के साथ भविष्य का निर्माण.

Last Updated : Jul 1, 2021, 12:44 PM IST
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