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दंतेवाड़ा में कोरोना को हराने नया प्लान, देवगुड़ी पुजारी वैक्सीनेशन के लिए कर रहे जागरूक

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Published : May 20, 2021, 9:20 PM IST

दंतेवाड़ा में कोरोना संक्रमण (Corona infection in Dantewada) प्रदेश के अन्य जिलों की अपेक्षा काफी कम है. बावजूद इसके दंतेवाड़ा जिला प्रशासन (Dantewada District Administration) कोई भी लापरवाही बरतने के मूड में नही है. जिले में कोरोना को हराने के लिए जिला प्रशासन ने नया प्लान तैयार किया है. इसके तहत जिले के सभी पंचायतों के देवगुड़ी (Devgudi) पुजारियों को इस लड़ाई में शामिल किया है. देवगुड़ी पुजारी अब लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. जिससे जिले से कोरोना की जल्द विदाई कर सके.

Devgudi priests are aware for corona vaccination in Dantewada
देवगुडी पुजारी वैक्सीनेशन के लिए कर रहे जागरूक

दंतेवाड़ा: जिले में कोरोना महामारी ग्रामणी क्षेत्रों में भी तेजी से पैर पसार रही है. जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में भ्रमण जानकारी के कारण ग्रामीण टीकाकरण कराने भी नहीं आ रहे हैं. हालांकि ग्रामीणों के वैक्सीनेशन को लेकर जिला प्रशासन ने नया एक्शन प्लान तैयार किया है. जिला प्रशासन ने कोरोना को हराने के लिए देवगुड़ी पुजारियों को अब इस लड़ाई में शामिल किया. देवगुड़ी पुजारी अब गांवों में जाकर ग्रामीणों को टीकाकरण के लिए जागरूक कर रहे हैं. जिला प्रशासन अब तक 145 ग्राम पंचायत में से 120 पंचायतों में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन हो चुका है.

देवगुडी पुजारी वैक्सीनेशन के लिए कर रहे जागरूक

कोरोना बीमारी का इलाज झाड़-फूंक से संभव नहीं
धुरली पंचायत के विजय तेलाम देवगुड़ी के पुजारी (पेन वड्डे) अपने गांव में ग्रामीणों को जागरूकता कर रहे हैं. लोगों से अपील कर रहे हैं कि कोरोना बीमारी का इलाज झाड़-फूंक से संभव नहीं है. किसी प्रकार से लक्षण दिखने पर अस्पताल जाएं और कोरोना जांच करवाएं. पुजारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हम कोरोना को हल्के में ना लें. ये कोई झाड़-फूंक से ठीक होने वाली बीमारी नहीं है.

लॉकडाउन रिपोर्ट: दंतेवाड़ा में थोड़ी रियायत के बाद घरों से निकल रहे हैं लोग


कलेक्टर खुद सोशल मैसेजिंग एप के माध्यम से कर रहे जागरूक
दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी (Dantewada Collector Deepak Soni) खुद सोशल मैसेजिंग एप के माध्यम से लगातार लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे हैं. सर्दी, खांसी और बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर दिखाने की अपील कर रहे हैं. साथ ही लोगों से वैक्सीन लगाने की भी अपील कर रहे हैं. कलेक्टर ने कहा कि जितने भी पारंपरिक इलाज करने वाले हैं. सभी का वैक्सीनेशन किया गया है. देवगुड़ी के पुजारियों से लोगों को वैक्सीन के लिए जागरूक किया जा रहा है. पुजारियों के माध्यम से ग्रामीणों को यह जागरूक किया जा रहा है कि प्रशासन की तरफ से मिले मेडिकल किट में मिली दवाइयों को खाने, कोरोना के लक्ष्ण दिखने पर जिला प्रशासन को सूचित करने और वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक किया जा रहा है. इसका अच्छा फिडबैक मिला है. जिला प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में जितने भी देवगुड़ी देवी-देवताओं के स्थान कुंदन गुडी का कायाकल्प कर ग्रामीणों को कोरोना के प्रति शपथ भी दिलाई थी. जिसका प्रभाव भी गांव वालों पर कहीं ना कहीं पड़ा है.

दंतेवाड़ा में कोरोना महामारी के बीच घर-घर पौष्टिक आहार पहुंचा रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

जानिए क्यों देवगुडी पुजारियों को इस लड़ाई में किया गया शामिल

बस्तर संभाग के आदिवासी प्रकृति को पूजते हैं. सभी पंचायतों में देवगुड़ी है. पर्व-त्योहार पर आदिवासी यहां आकर एक साथ कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. इन देवगुड़ियों और इनके पुजारियों को प्रति आदिवासी काफी आस्थावान होते हैं. भगवान के बाद पुजारियों को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं. पुजारियों की बात आदिवासी नहीं टालते हैं. लिहाजा जिला प्रशासन कोरोना से इस लड़ाई में देवगुड़ी पुजारियों को भी शामिल किया है.

दंतेवाड़ा: जिले में कोरोना महामारी ग्रामणी क्षेत्रों में भी तेजी से पैर पसार रही है. जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में भ्रमण जानकारी के कारण ग्रामीण टीकाकरण कराने भी नहीं आ रहे हैं. हालांकि ग्रामीणों के वैक्सीनेशन को लेकर जिला प्रशासन ने नया एक्शन प्लान तैयार किया है. जिला प्रशासन ने कोरोना को हराने के लिए देवगुड़ी पुजारियों को अब इस लड़ाई में शामिल किया. देवगुड़ी पुजारी अब गांवों में जाकर ग्रामीणों को टीकाकरण के लिए जागरूक कर रहे हैं. जिला प्रशासन अब तक 145 ग्राम पंचायत में से 120 पंचायतों में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन हो चुका है.

देवगुडी पुजारी वैक्सीनेशन के लिए कर रहे जागरूक

कोरोना बीमारी का इलाज झाड़-फूंक से संभव नहीं
धुरली पंचायत के विजय तेलाम देवगुड़ी के पुजारी (पेन वड्डे) अपने गांव में ग्रामीणों को जागरूकता कर रहे हैं. लोगों से अपील कर रहे हैं कि कोरोना बीमारी का इलाज झाड़-फूंक से संभव नहीं है. किसी प्रकार से लक्षण दिखने पर अस्पताल जाएं और कोरोना जांच करवाएं. पुजारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हम कोरोना को हल्के में ना लें. ये कोई झाड़-फूंक से ठीक होने वाली बीमारी नहीं है.

लॉकडाउन रिपोर्ट: दंतेवाड़ा में थोड़ी रियायत के बाद घरों से निकल रहे हैं लोग


कलेक्टर खुद सोशल मैसेजिंग एप के माध्यम से कर रहे जागरूक
दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी (Dantewada Collector Deepak Soni) खुद सोशल मैसेजिंग एप के माध्यम से लगातार लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे हैं. सर्दी, खांसी और बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर दिखाने की अपील कर रहे हैं. साथ ही लोगों से वैक्सीन लगाने की भी अपील कर रहे हैं. कलेक्टर ने कहा कि जितने भी पारंपरिक इलाज करने वाले हैं. सभी का वैक्सीनेशन किया गया है. देवगुड़ी के पुजारियों से लोगों को वैक्सीन के लिए जागरूक किया जा रहा है. पुजारियों के माध्यम से ग्रामीणों को यह जागरूक किया जा रहा है कि प्रशासन की तरफ से मिले मेडिकल किट में मिली दवाइयों को खाने, कोरोना के लक्ष्ण दिखने पर जिला प्रशासन को सूचित करने और वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक किया जा रहा है. इसका अच्छा फिडबैक मिला है. जिला प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में जितने भी देवगुड़ी देवी-देवताओं के स्थान कुंदन गुडी का कायाकल्प कर ग्रामीणों को कोरोना के प्रति शपथ भी दिलाई थी. जिसका प्रभाव भी गांव वालों पर कहीं ना कहीं पड़ा है.

दंतेवाड़ा में कोरोना महामारी के बीच घर-घर पौष्टिक आहार पहुंचा रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

जानिए क्यों देवगुडी पुजारियों को इस लड़ाई में किया गया शामिल

बस्तर संभाग के आदिवासी प्रकृति को पूजते हैं. सभी पंचायतों में देवगुड़ी है. पर्व-त्योहार पर आदिवासी यहां आकर एक साथ कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. इन देवगुड़ियों और इनके पुजारियों को प्रति आदिवासी काफी आस्थावान होते हैं. भगवान के बाद पुजारियों को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं. पुजारियों की बात आदिवासी नहीं टालते हैं. लिहाजा जिला प्रशासन कोरोना से इस लड़ाई में देवगुड़ी पुजारियों को भी शामिल किया है.

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