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दंतेवाड़ा वाले जल्द चखेंगे रोस्टेड कड़कनाथ का स्वाद, टेस्टी भी और हेल्दी भी

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Published : Aug 20, 2019, 3:35 PM IST

कड़कनाथ की बढ़ती लोक प्रियता को देख पशु विभाग एक अनूठा प्रयोग करने जा रहा है, जिसके तहत रोस्टेड कड़कनाथ के स्टॉल लगाए जाएंगे.

रोस्टेड कड़कनाथ

दंतेवाड़ा: कड़कनाथ यानी स्वाद भी और सेहत भी. रोस्टेड कड़कनाथ का स्वाद जल्द ही जिले वालों को मिलेगा. हुआ ये कि 17 अगस्त को जब सीएम भूपेश बघेल यहां दौरे पर आए थे तो तमाम विभागों के स्टॉल के बीच कड़कनाथ रोस्टेड का भी स्टॉल लगाया गया था.

दंतेवाड़ा वाले जल्द चखेंगे रोस्टेड कड़कनाथ का स्वाद, टेस्टी भी और हेल्दी भी

कड़कनाथ की बढ़ती लोकप्रियता को देख पशु विभाग ने यहां इसका स्टॉल लगाया था. अधिकारियों का कहना है जल्द ही शहरवासियों को रोस्टेड कड़कनाथ का स्वाद चखने को मिलेगा. शहर में दो या तीन स्टॉल तैयार करने का प्लान है. आपको बताते चलें कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश दोनों ने कड़कनाथ के जी आई टैग के लिए दावा किया था.

कड़कनाथ सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है.

  • पौष्टिकता में ये चिकन पर भी भारी है. धार-झाबुआ की कड़कनाथ मूल प्रजाति है.
  • इस प्रजाति का जोर-शोर से प्रचार-प्रसार दंतेवाड़ा प्रशासन ने किया.
  • पशु विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कड़कनाथ सप्लाई की दुबई करने की बात चल रही है क्योंकि वहां ब्लैक चिकन बहुत पसंद किया जाता है.
  • अगर बात बनती है तो दंतेवाड़ा का चिकन एक्सपोर्ट होगा. वहां के बाशिंदे कड़कनाथ का स्वाद ले सकेंगे. इसके अलावा कड़कनाथ ऑस्ट्रेलिया भेजने की भी तैयारी है.
  • जीआई टैग के लिए भी रही हुई खींचतान

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच कड़कनाथ के जीआई टैग के लिए खींचतान रही. तत्कालीन कलक्टर सौरभ कुमार ने जी आई टैग पर दावा यह कहते हुए किया था कि इसका संवर्धन और संरक्षण हमने किया है. इस लिए जीआई टैग का अधिकार कड़कनाथ पर दंतेवाड़ा का है. हालांकि 2017 में मध्य प्रदेश ने कड़कनाथ का जी आई टैग हासिल किया था.

दंतेवाड़ा: कड़कनाथ यानी स्वाद भी और सेहत भी. रोस्टेड कड़कनाथ का स्वाद जल्द ही जिले वालों को मिलेगा. हुआ ये कि 17 अगस्त को जब सीएम भूपेश बघेल यहां दौरे पर आए थे तो तमाम विभागों के स्टॉल के बीच कड़कनाथ रोस्टेड का भी स्टॉल लगाया गया था.

दंतेवाड़ा वाले जल्द चखेंगे रोस्टेड कड़कनाथ का स्वाद, टेस्टी भी और हेल्दी भी

कड़कनाथ की बढ़ती लोकप्रियता को देख पशु विभाग ने यहां इसका स्टॉल लगाया था. अधिकारियों का कहना है जल्द ही शहरवासियों को रोस्टेड कड़कनाथ का स्वाद चखने को मिलेगा. शहर में दो या तीन स्टॉल तैयार करने का प्लान है. आपको बताते चलें कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश दोनों ने कड़कनाथ के जी आई टैग के लिए दावा किया था.

कड़कनाथ सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है.

  • पौष्टिकता में ये चिकन पर भी भारी है. धार-झाबुआ की कड़कनाथ मूल प्रजाति है.
  • इस प्रजाति का जोर-शोर से प्रचार-प्रसार दंतेवाड़ा प्रशासन ने किया.
  • पशु विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कड़कनाथ सप्लाई की दुबई करने की बात चल रही है क्योंकि वहां ब्लैक चिकन बहुत पसंद किया जाता है.
  • अगर बात बनती है तो दंतेवाड़ा का चिकन एक्सपोर्ट होगा. वहां के बाशिंदे कड़कनाथ का स्वाद ले सकेंगे. इसके अलावा कड़कनाथ ऑस्ट्रेलिया भेजने की भी तैयारी है.
  • जीआई टैग के लिए भी रही हुई खींचतान

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच कड़कनाथ के जीआई टैग के लिए खींचतान रही. तत्कालीन कलक्टर सौरभ कुमार ने जी आई टैग पर दावा यह कहते हुए किया था कि इसका संवर्धन और संरक्षण हमने किया है. इस लिए जीआई टैग का अधिकार कड़कनाथ पर दंतेवाड़ा का है. हालांकि 2017 में मध्य प्रदेश ने कड़कनाथ का जी आई टैग हासिल किया था.

Intro:अब शहर वासियों को कडक नाथ रोस्टेड भी मिलेगा
- सीएम के प्रवास के दौरान दिखा कड़कनाथ का स्टॉल
दंतेवाड़ा। सीएम प्रवास के दौरान बड़ा ही दिलचस्प नजारा दिखाई दिया। तमाम विभागों के स्टॉल के बीच कड़कनाथ रोस्टेड का भी स्टॉल लगाया गया थाम हालांकि सूबे के मुखिया भूपेश बघेल इस स्टॉल तक पहुंचे नही। कड़कनाथ की बढ़ती लोक प्रियता को देख पशु विभाग यह अनूठा प्रयोग करने जा रहा हैं। अधिकारियों का कहना है जल्द ही शहरवासियों को रोस्टेड कडक नाथ का स्वाद मिलेगें। शहर में दो या तीन स्टॉल तैयार करने का प्लान हैं ।



Body:ब्लेक चिकन का चटकारा लेंगे शहर के लोग
आयरन कंटेट से भरपूर कड़कनाथ का चटकारा शहर के लोग लेंगे। ब्लेक चिकन बहुत ही फ़ायदेमं होता है। पौष्टिकता में ये चिकन और बेरेटियों एनपीआर भारी है। धार-झाबुआ की कडक नाथ मूल प्रजाति है। लेकिन इस प्रजाति जोर शोर से प्रचार-प्रसार दंतेवाड़ा प्रशासन ने किया।
दुबई व ऑस्ट्रेलिया में सप्लाई की चाल रही है बात
पशु विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कड़कनाथ सप्लाई की दुबई बात चल रही है। वहां ब्लेक चिकन बहुत पसंद किया जाता हैं। यदि बात बनती है तो दंतेवाड़ा का चिकन एक्सपोर्ट होगा। वहां के वासिंदे चटकारा ले कर स्वाद लेंगे। वही अस्ट्रिलिया भी कड़कनाथ भेजने पर चर्चा की जा रही हैं



Conclusion:जीआई टेग के लिए भी रही खींच तान भी रही
दंतेवाड़ा और धरझाबुआ के बीच कडक नाथ पर जीआई टेग लेने को लेकर खींच तान रही। तकालीं कलक्टर सौरभ कुमार ने जी आई टेग पर दावा यह कहते हुए किया था कि इसका संवर्धन और संरक्षण हमने किया है। इस लिए जीआई टेग का अधिकार कड़कनाथ पर दंतेवाड़ा का है। यह भी कहा था कि भले ही धार झाबुआ को भी जीआई टेग दिया जाए पर दंतेवाड़ा को भी मिलना चाहिएं। इन सभी तर्कों पर धार झाबुआ ने इनकार किया। उन्होंने कहा कि मूल प्रजाति यहां की इस लिए पूरा अधिकार जीआई टेग पर उन्ही का है। 2017 में जी आई धार झाबुआ को मिले।
पशु विभाग के अधिकारी की byt
अजमेर सिंह कुशवाह
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