दंतेवाड़ा: लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर 2 हार्डकोर नक्सल दंपती ने सरेंडर किया है. सरेंडर करने वाले नक्सल दंपती पर सरकार ने 20 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. सरेंडर करने वालों में मिलिट्री बटालियन नम्बर 1 का नक्सली छोटू मंडावी ग्राम एर्रापल्ली का रहने वाला है, जो मिनपा, गलगम और एलमा गुण्डा सहित बड़ी नक्सल घटनाओं में शामिल रहा. पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा गौरव राय ने सोमवार को मीडिया में इसकी जानकारी दी.
इन घटनाओं में शामिल था नक्सली छोटू मंडावी: वर्ष 2020 में थाना पामेड़ क्षेत्र के ग्राम एर्रापल्ली (एर्रम) पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल था. इस घटना में 4 पुलिस जवान शहीद हुए थे. इसी साल थाना चिंतागुफा क्षेत्र के ग्राम मिनपा के जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में भी यह शामिल था. इसमें लगभग 17 जवान शहीद और 15 घायल हुए. जुलाई 2020 में थाना उसूर क्षेत्र के ग्राम गलगम नाला के पास जंगल में एम्बुश लगाकर पुलिस पार्टी पर फायरिंग की. इस घटना में 1 पुलिस जवान घायल हुआ. इसके अलावा साल 2023 में थाना किस्टाराम क्षेत्रा के ग्राम एलमागुण्डा पुलिस कैम्प पर फायरिंग करने की घटना में भी शामिल था. इसके अलावा दक्षिण बस्तर बटालियन और माओवादी संगठन के लिए बीजीएल, सिंगल शॉट, तमंचा, इंसास मैग्जीन, बीजीएल सेल और हथियारों की मरम्मत भी करता था.
लखमे कुंजाम का आपराधिक रिकाॅर्ड: आत्मसमर्पित महिला नक्सली दक्षिण सब जोनल ब्यूरो टेक्निकल टीम सदस्या लखमे कुंजाम भी कई घटनाओं में शामिल रही है. साल 2016 में सुकमा के थाना गादीरास क्षेत्रा के ग्राम नागलगुड़ा के जंगल में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़, 2017 में गोण्डेरास के जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ और 2018 में थाना अरनपुर क्षेत्र के ग्राम बुरगुम चिरमुलपारा के जंगल में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में भी शामिल थी.
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सिमटता जा रहा है नक्सली क्षेत्र का दायरा: सरेंडर करने वाले नक्सली दंपतियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि लगातार कैम्पों के निर्माण और ऑपरेशनल कार्रवाई से बटालियन सहित सक्रिय नक्सली संगठनों का आधार क्षेत्र सिमटता जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों से बटालियन, डिवीजन और एरिया कमेटी स्तर के कैडर संगठन छोड़कर भाग रहे हैं. सरेंडर नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि 25-25 हजार रुपये पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने प्रदान किया और शासन की पुनर्वास योजना की तहत सभी प्रकार का लाभ दिलाने का भरासा दिया. लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 157 इनामी नक्सली सहित कुल 609 नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं.