दंतेवाड़ा : जिले के नक्सल क्षेत्र में तैनात CRPF 231 बटालियन को कम बजट में सर्वश्रेष्ठ काम करने पर सम्मान मिला है. इस बटालियन ने कश्मीर सेक्टर के अंतर्गत आने वाली कुल 19 बटालियन को पछाड़कर पहला स्थान प्राप्त किया है. जम्मू सेक्टर ने बेस्ट कॉस्ट इफेक्टिवनेस एंड फाइनेंसियल डिसिप्लिन बटालियन चुना है. CRPF अफसरों ने बटालियन के कमांडेंट सुरेंद्र सिंह को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया है।
छत्तीसगढ़ में निभा रहे हैं बड़ी भूमिका : आपको बता दें कि सीआरपीएफ की 231 बटालियन 4 साल से दंतेवाड़ा में तैनात है. जिले के जावंगा में इस बटालियन का हेडक्वॉटर है. वहीं धुर नक्सलगढ़ अरनपुर-जगरगुंडा सड़क पर इस बटालियन की कंपनियां हैं. साथ ही नक्सलियों के कब्जे वाली इस सड़क को आम लोगों के लिए खोलने, सड़क निर्माण काम में सुरक्षा देने की बड़ी जिम्मेदारी 231 बटालियन के जवानों की है. ये सड़क कमारगुड़ा तक बन गई है. कुछ किलोमीटर का काम बाकी है. फिर सड़क जगरगुंडा से जुड़ जाएगी.जिससे आने जाने में काफी आसानी होगी.
''साल 2021-2022 के लिए सीआरपीएफ की 231 बटालियन को जम्मू सेक्टर ने बेस्ट कॉस्ट इफेक्टिवनेस एंड फाइनेंसियल डिसिप्लिन बटालियन चुना है. यह सम्मान हमारी पूरी टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है. यह बल के वित्तीय प्रबंधन और लागत प्रभावी उपायों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है. इसके लिए पूरी टीम को बधाई.'' सुरेंद्र सिंह,बटालियन कमांडेंट, सीआरपीएफ 231वीं वाहिनी
बटालियन ने जीता ग्रामीणों का विश्वास : सीआरपीएफ 231 बटालियन के जवान अरनपुर जगरगुंडा नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों का विश्वास जीतने के लिए बटालियन समय-समय पर सिविल एक्शन प्रोग्राम का आयोजन करती है. जिसके माध्यम से ग्रामीणों को उनकी दैनिक उपयोगी चीजों का वितरण करते हैं.इस कार्यक्रम से जवानों ने ग्रामीणों का विश्वास जीता है.आज के समय में जब भी जवान गांव में कैंप लगाते हैं,ग्रामीण अपनी समस्याओं को बेझिझक होकर बताते हैं.
विषम परिस्थितियों से निपटकर की सुरक्षा : बहुत से नौजवान युवक जो बहकावे में आकर गलत रास्ते पर चले गए थे.उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने का काम बटालियन के जवानों ने किया है. बटालियन के सामने कई नक्सलियों ने हथियार डाले हैं.नक्सल प्रभावित क्षेत्र अरनपुर जगरगुंडा मार्ग में अब तक सीआरपीएफ 231 बटालियन ने 200 से ज्यादा आईडी बम बरामद किए हैं.आईडी निकालते वक्त कुछ जवानों की जानें भी गई है. जिनके नाम से बटालियन ने पोस्ट कैंप स्थापित भी किया है.जवानों ने विषम परिस्थितियों में रहकर सेवा के साथ सुरक्षा भी की है.