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मिसाल: जहां चप्पे-चप्पे पर बिछा है 'मौत का जाल', वहां जिंदगियां बचा रहीं हैं 'बस्तर वीरांगनाएं'

हौसले और उम्मीद की ये नई किरण है. वीरांगनाओं के देश भारत में महिलाएं समाज के दुश्मनों के खिलाफ लोहा ले रही हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ईटीवी भारत आपको मिलवा रहा है नारी के शक्ति रूप से. मिलिए बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ मोर्चे पर तैनात सीआरपीएफ की महिला कमांडोज से, जिन्हें बस्तर बटालियन के नाम से जाना जाता है.

CRPF women commandos are stationed in Bastar
'बस्तर की वीरांगनाएं'
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Published : Mar 7, 2020, 11:37 PM IST

Updated : Mar 8, 2020, 2:08 AM IST

दंतेवाड़ा: बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ मोर्चे पर तैनात CRPF की जाबांज महिला कमांडो लाल आतंक से लोहा ले रही हैं. बस्तर में तैनात सीआरपीएफ के सामने जब स्थानीय भाषा और भौगोलिक जानकारियों को लेकर समस्या आने लगी और नक्सलियों के दबाव में ग्रामीणों द्वारा जवानों पर झूठे आरोप लगाए जाने लगे तब पहली बार सीआरपीएफ ने बस्तर के युवाओं को मौका देने के उद्देश्य से बस्तर बटालियन बनाने का फैसला किया. इस फैसले के तहत इनमें एक तिहाई महिलाओं की भी भर्ती की गई. आज सीआरपीएफ की यह महिला कमांडो की टीम बस्तर के बेहद संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात हैं

'बस्तर की वीरांगनाएं'

'महिलाओं को आवाज बुलंद करनी चाहिए'

महिला दिवस के मौके पर जब हमने महिला कमांडो से बात की, तो उनका उत्साह देखने लायक था. इन महिलाओं ने बताया कि कितनी चुनौती का सामना कर वे आज इस मुकाम तक पहुंची हैं. महिला कमांडो आज खुद पर गर्व महसूस करती हैं. साथ ही उन्होंने ETV भारत के माध्यम से महिलाओं को संदेश भी दिया, उन्होंने कहा कि 'अगर उनकी आवाज दबाई जाती है, तो उन्हें अपनी आवाज भी बुलंद करनी चाहिए. साथ ही वक्त आने पर हथियार भी उठाना चाहिए'.

CRPF women commandos are stationed in Bastar
'बस्तर की वीरांगनाएं'

जवानों और बस्तर के ग्रामीणों के बीच दूरियों को किया जा रहा कम

बटालियन के रूप में सीआरपीएफ से जुड़ी बस्तर की ये महिलाएं कितनी सफल साबित हो रही हैं, इसके जवाब में उनके अधिकारी ने बताया कि जब बस्तर बटालियन की परिकल्पना की गई तो इसका उद्देश्य ही था कि उनके जवानों और बस्तर के ग्रामीणों के बीच दूरियों को कम किया जा सके.

CRPF women commandos are stationed in Bastar
'बस्तर की वीरांगनाएं'

बस्तर की सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम

सीआरपीएफ के अधिकारी एचके सिंह के अनुसार सीआरपीएफ और बस्तर के ग्रामीणों के बीच भाषा और बोली की अज्ञानता होने की वजह से संवाद स्थापित करने में कठिनाई होती थी पर अब बस्तर बटालियन के गठन के बाद हालत बदलते नजर आ रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि बस्तर के युवाओं ही नहीं युवतियों में भी गजब की शारीरिक क्षमता होती है. ये महिलाएं लगातार पुरुष जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ चल रही हैं. बस्तर की सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं और यही वजह है कि आज ये देश की सभी महिलाओं चाहे वे किसी भी फिल्ड में काम करती हों, उनके लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं.

CRPF women commandos are stationed in Bastar
'बस्तर की वीरांगनाएं'
CRPF women commandos are stationed in Bastar
'बस्तर की वीरांगनाएं'

दंतेवाड़ा: बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ मोर्चे पर तैनात CRPF की जाबांज महिला कमांडो लाल आतंक से लोहा ले रही हैं. बस्तर में तैनात सीआरपीएफ के सामने जब स्थानीय भाषा और भौगोलिक जानकारियों को लेकर समस्या आने लगी और नक्सलियों के दबाव में ग्रामीणों द्वारा जवानों पर झूठे आरोप लगाए जाने लगे तब पहली बार सीआरपीएफ ने बस्तर के युवाओं को मौका देने के उद्देश्य से बस्तर बटालियन बनाने का फैसला किया. इस फैसले के तहत इनमें एक तिहाई महिलाओं की भी भर्ती की गई. आज सीआरपीएफ की यह महिला कमांडो की टीम बस्तर के बेहद संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात हैं

'बस्तर की वीरांगनाएं'

'महिलाओं को आवाज बुलंद करनी चाहिए'

महिला दिवस के मौके पर जब हमने महिला कमांडो से बात की, तो उनका उत्साह देखने लायक था. इन महिलाओं ने बताया कि कितनी चुनौती का सामना कर वे आज इस मुकाम तक पहुंची हैं. महिला कमांडो आज खुद पर गर्व महसूस करती हैं. साथ ही उन्होंने ETV भारत के माध्यम से महिलाओं को संदेश भी दिया, उन्होंने कहा कि 'अगर उनकी आवाज दबाई जाती है, तो उन्हें अपनी आवाज भी बुलंद करनी चाहिए. साथ ही वक्त आने पर हथियार भी उठाना चाहिए'.

CRPF women commandos are stationed in Bastar
'बस्तर की वीरांगनाएं'

जवानों और बस्तर के ग्रामीणों के बीच दूरियों को किया जा रहा कम

बटालियन के रूप में सीआरपीएफ से जुड़ी बस्तर की ये महिलाएं कितनी सफल साबित हो रही हैं, इसके जवाब में उनके अधिकारी ने बताया कि जब बस्तर बटालियन की परिकल्पना की गई तो इसका उद्देश्य ही था कि उनके जवानों और बस्तर के ग्रामीणों के बीच दूरियों को कम किया जा सके.

CRPF women commandos are stationed in Bastar
'बस्तर की वीरांगनाएं'

बस्तर की सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम

सीआरपीएफ के अधिकारी एचके सिंह के अनुसार सीआरपीएफ और बस्तर के ग्रामीणों के बीच भाषा और बोली की अज्ञानता होने की वजह से संवाद स्थापित करने में कठिनाई होती थी पर अब बस्तर बटालियन के गठन के बाद हालत बदलते नजर आ रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि बस्तर के युवाओं ही नहीं युवतियों में भी गजब की शारीरिक क्षमता होती है. ये महिलाएं लगातार पुरुष जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ चल रही हैं. बस्तर की सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं और यही वजह है कि आज ये देश की सभी महिलाओं चाहे वे किसी भी फिल्ड में काम करती हों, उनके लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं.

CRPF women commandos are stationed in Bastar
'बस्तर की वीरांगनाएं'
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'बस्तर की वीरांगनाएं'
Last Updated : Mar 8, 2020, 2:08 AM IST
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