दंतेवाड़ा: सुरक्षाबलों के अथक प्रयासों से बस्तर में लंबे समय बाद शांति स्थापित होती नजर आ रही है. इस बदलते परिवेश में बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में भी विकास की गाड़ी ने तेज रफ्तार पकड़ी है. जो गांव सालों से उपेक्षा और बदहाली के शिकार थे, वहां सरकारी योजनाएं तेजी से लागू की जा रही है. बस्तर के अबूझमाड़ में पंचायत भवन, स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण के साथ ही सुदूर इलाकों में सड़कों का तेजी से निर्माण हो रहा है. सीआरपीएफ की 195वीं वाहिनी ने विकास की इस लहर में स्थानीय युवाओं की भागेदारी बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल की शुरुआत की है.
195वीं वाहिनी ने बारसूर स्थित मुख्यालय में सुदूर गांवों के बेरोजगार युवाओं को भवन निर्माण के लिए मिस्त्री और मोटर ड्रॉइविंग का प्रशिक्षण देने का जिम्मा उठाया है. वाहिनी ने 10-10 ग्रामीणों के दो समूहों को भवन निर्माण कला और मोटर ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया है.
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मोटर ड्राइविंग के पहले बैच का समापन समारोह 16 फरवरी को आयोजित किया गया. आयोजन में दंतेवाड़ा रेंज के उप महानिरीक्षक विनय कुमार सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. कार्यक्रम में 195 वाहिनी के कमांडेंट वी प्रताप सिंह और 230 वाहिनी के कमांडेंट डब्ल्यूआर जोसुवा भी मौजूद रहे.
युवाओं ने कहा शुक्रिया
एक महीने के मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग प्रोग्राम में 4 गांवों के कुल 10 बेरोजगार ग्रामीणों ने ड्राइविंग का हुनर सीखा. वाहिनी के इस मुहिम से स्थानीय ग्रामीणों में खुशी की लहर है. मंगनार गांव के निवासी धनेश्वर पड़ामी ने बताया कि वे सीआरपीएफ का जीवन भर शुक्रगुजार रहेंगे. ड्राइविंग सीखने के बाद अब वे अपने परिवार का भरण-पोषण आसानी से कर सकते हैं. धनेश्वर ने बताया कि उसके गांव के कई अन्य युवा भी इस तरह के प्रशिक्षण में शामिल होना चाहते हैं.
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लर्निंग लाइसेंस बनाया गया
एक महीने की ट्रेनिंग के बाद सभी 10 ग्रामीणों का लिखित और ड्राइविंग स्किल टेस्ट लिया गया. जिसे सभी ने आसानी से पास कर लिया. 195वीं वाहिनी के कमांडेंट वी प्रताप सिंह ने बताया है सभी ग्रामीणों का शुरुआती लर्निंग लाइसेंस बनवा दिया गया है. अगले सप्ताह तक सभी का स्थाई लाइसेंस भी प्राप्त हो जाएगा.