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मां दंतेश्वरी दरबार में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, कोई नंगे पैर तो कोई घुटनों के बल पहुंचे दर

जगदलपुर के दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर में भक्तों का तांता लगा हैं. मां दंतेश्वरी सभी भक्तों कि मनोकामनाएं पूरी करती है. वहीं श्रध्दालु माई दंतेश्वरी को प्रसन्न करने के लिऐ 100 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर रहे हैं.

दंतेश्वरी मंदिर
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Published : Oct 2, 2019, 2:08 PM IST

जगदलपुर: नवरात्र के दिनों में देवी मंदिर की रौनक देखते ही बन रही है. नवरात्र के चौथे दिन 52 शक्तिपीठों में से एक दंतेश्वरी मां के दर्शन को हजारों की संख्या में भक्तजन पहुंच रहे है. मां दंतेश्वरी को बस्तर की कुलदेवी माना जाता है. कहा जाता है कि मां दंतेश्वरी के दर्शन मात्र से ही लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है.

दंतेश्वरी मंदिर


रियासतकाल से ही देवी के प्रति लोगों की आस्था जुड़ी हुई है और इसी आस्था की वजह से दूर-दराज से लोग कड़ी धूप में पैदल यात्रा कर बस्तर पहुंचते हैं और हजारों की संख्या में मनोकामना दीप जलाकर मां से मन्नते मांगते हैं. इस यात्रा में केवल बड़े ही नहीं बल्की बच्चे, बूढे़ और महिलाएं भी शामिल रहती हैं. पदयात्रियों के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से जगह-जगह पंडालों लगाकर फलाहार, भोजन और स्वास्थ सेवा जैसे सुविधाएं दी जाती है
लोगों की है गहरी आस्था
कहते है कि आतंक पर सदैव आस्था भारी पड़ी है. यही वजह है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद बस्तर में बड़ी संख्या में श्रध्दालु मां दंतेश्वरी के दर्शन के लिए पहुंचते है. मां के प्रति भक्तों की यही आस्था उन्हें जगदलपुर से दंतेवाड़ा तक पैदल यात्रा करने की शक्ति देती है. लोगों की मानयता है कि दंतेश्वरी मां सभी की मनोकामना पूरी करती है.

जगदलपुर: नवरात्र के दिनों में देवी मंदिर की रौनक देखते ही बन रही है. नवरात्र के चौथे दिन 52 शक्तिपीठों में से एक दंतेश्वरी मां के दर्शन को हजारों की संख्या में भक्तजन पहुंच रहे है. मां दंतेश्वरी को बस्तर की कुलदेवी माना जाता है. कहा जाता है कि मां दंतेश्वरी के दर्शन मात्र से ही लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है.

दंतेश्वरी मंदिर


रियासतकाल से ही देवी के प्रति लोगों की आस्था जुड़ी हुई है और इसी आस्था की वजह से दूर-दराज से लोग कड़ी धूप में पैदल यात्रा कर बस्तर पहुंचते हैं और हजारों की संख्या में मनोकामना दीप जलाकर मां से मन्नते मांगते हैं. इस यात्रा में केवल बड़े ही नहीं बल्की बच्चे, बूढे़ और महिलाएं भी शामिल रहती हैं. पदयात्रियों के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से जगह-जगह पंडालों लगाकर फलाहार, भोजन और स्वास्थ सेवा जैसे सुविधाएं दी जाती है
लोगों की है गहरी आस्था
कहते है कि आतंक पर सदैव आस्था भारी पड़ी है. यही वजह है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद बस्तर में बड़ी संख्या में श्रध्दालु मां दंतेश्वरी के दर्शन के लिए पहुंचते है. मां के प्रति भक्तों की यही आस्था उन्हें जगदलपुर से दंतेवाड़ा तक पैदल यात्रा करने की शक्ति देती है. लोगों की मानयता है कि दंतेश्वरी मां सभी की मनोकामना पूरी करती है.

Intro:जगदलपुर। शारदीय नवरात्री के पावन अवसर पर देश के 52 शक्तिपीठों में से एक दंतेश्वरी मंदिर के दर्शन करने हजारों की संख्या में श्रध्दालु पहुंचते हैं.। माई दंतेश्वरी के प्रति अपनी भक्ति व अपनी मनोकामनाओ की पूर्ति के लिये भक्त नवरात्रि के दौरान अलग अलग तरीकों से अपनी आस्था को प्रदर्शित करते हैं। और माई दंतेश्वरी के प्रति अपनी इसी आस्था के ही चलते हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त जगदलपुर से करीब 100 कि.मी. की दूरी पर दंतेवाड़ा स्थित दंतेश्वरी मंदिर तक का सफर पैदल ही तय करते हैं। इसे माता की अपने भक्तों पर कृपा ही कहा जा सकता है कि तपती धूप में भी बच्चे, बूढ़े व महिलायें बिना किसी शारीरिक हानि के यह कष्टदायक सफर तय कर लेते हैं। वहीं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भी इन पदयात्रियों के लिये जगह जगह पर सुविधा केन्द्रों का इंतजाम किया जाता है। Body:दंतेवाडा स्थित माई दंतेश्वरी पर लोगों की गहरी आस्था है, और माई जी के प्रति उनके भक्तों की यही आस्था ही उन्हें हर वर्ष जगदलपुर से दंतेवाड़ा तक 100 कि. मी. का सफर पैदल तय करने की शक्ति देती है। यही कारण है कि हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त मांई दंतेश्वरी के दर्शन करने पैदल ही जगदलपुर व आसपास के स्थानों से निकलते हैं। सबसे खास बात यह कि 100 कि.मी. लंबे इस कष्टप्रद सफर में युवाओं के साथ साथ बच्चे, बूढे व महिलाय़ें भी शामिल होती हैं।Conclusion: माता के प्रति अटूट भक्ति रखने वाले पदयात्रियो को रास्ते मे किसी तरह की दिक्कत न आये इसके लिए भी शहर के विभीन्न सामाजिक संगठनो के सेवा दल द्वारा 100 कि.मी के इस लंबे पदयात्रा मे श्रध्दालुओ के लिए जगह जगह टेंट लगाकर फलहार , भोजन और स्वास्थ सेवा जैसे सुविधा भी निशुल्क मुहैय्या कराई जाती है। शहर के आंध्र समाज के द्वारा भी इन श्रध्दालुओ के लिए जिया डेरा मे रात्रि विश्राम के साथ फलहार भोजन और स्वास्थ सेवा की भी सारे इंतजाम प्रतिवर्ष किये जाते है।
बस्तर कि शक्तिपीठ दंतेवाडा में माँ दंतेश्वरी सभी भक्तो कि मनोकामनाए पूरी करती है. इसी आस्था के साथ हर साल सिर्फ बस्तर ही नहीं बल्कि अन्य प्रदेशो से हजारो श्रद्धालु माँ दंतेश्वरी के दर्शन के लिए दंतेवाडा और जगदलपुर पंहुचते है।

बाईट1- शरदचंद राय, पदयात्री "वाईट शर्ट मे"

बाईट2- राजेश गोयल, पदयात्री

बाईट4- सुब्बा राव, सेवादल सदस्य "ब्लैक टीर्शट मे"
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