दंतेवाड़ा: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और आदिवासी महासभा बोधघाट परियोजना के खिलाफ धरना प्रदर्शन को विराम दे दिया है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले दंतेवाड़ा में 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन चल रहा था. आदिवासियों ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.
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आदिवासी महासभा के अध्यक्ष बोमड़ा कोवासी ने केंद्र और राज्य सरकार को जन विरोधी बताया है. कोवासी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपना किसान विरोधी चेहरा दिखाया है. राज्य की कांग्रेस सरकार ने आदिवासी वर्ग को छला है. चुनाव के ठीक पहले जनता से निर्दोष आदिवासियों को जेलों से रिहा कराने के एवज में वोट मांगा गया. सरकार बनने के बाद विभिन्न धाराओं का बहाना गढ़ना शुरू कर दिया गया. उन्होंने बोधघाट परियोजना के प्रस्ताव को भी फर्जी करार दिया है.
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56 गांव के लोगों को बेघर नहीं होने देंगे: बोमड़ा कोवासी
बोमड़ा कोवासी ने कहा कि बोधघाट परियोजना को लेकर समर्थन को ग्रामसभा में फर्जी दिखाया गया है. 1819 से गुण्डाधुर जिस प्रकार से लड़ाई लड़े थे, ठीक उसी तरह से यह लड़ाई जारी रहेगी. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और आदिवासी महासभा किसी भी स्थिति में 56 गांव के लोगों को बेघर नहीं होने देगी. 56 गांव के 45 हजार लोगों को न्याय दिलाया जाएगा. विरोध में अगर जान भी जाये तो देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे.
45 हजार लोगों को न्याय दिलाया जाएगा
एसकेएसएस के किरंदुल अध्यक्ष के साजी और सचिव राजेश संधू ने कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन को और बेहतर करने की तैयारी के कारण यह केवल विराम है. ज्ञापन के बाद आंदोलन को नए कलेवर से शुरू किया जाएगा. 45 हजार लोगों को न्याय दिलाया जाएगा. विरोध में अगर जान भी जाये तो देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे.
सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम
मंच पर सुदुरु तेलाम, भीमसेन मंडावी, बिमला सोरी, जितेंद्र सोरी, शंकर राव सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इस बीच कलेक्टर कार्यालय के बाहर सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम देखने को मिला.