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दंतेवाड़ा पहुंचे शांतिकुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति चिन्मय पंड्या - दंतेवाड़ा में प्रति कुलपति चिन्मय पंड्या

शांतिकुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति चिन्मय पंड्या दंतेवाड़ा के गायत्री शक्तिपीठ आए हुए हैं. यहां गायत्री परिवार के सदस्यों ने उनका अभिनंदन किया.

Vice Chancellor Chinmaya Pandya
प्रति कुलपति चिन्मय पंड्या
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Published : Feb 2, 2021, 2:15 PM IST

दंतेवाड़ा: शांतिकुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति ( vice chancellor) चिन्मय पंड्या दंतेवाड़ा के गायत्री शक्ति पीठ आए हुए हैं. यहां उन्होंने शक्तिपीठ पहुंचकर मां गायत्री की पूजा की. गायत्री परिवार के सदस्यों ने उनका अभिनंदन किया.


गायत्री परिवार के केंद्र शांतिकुंज हरिद्वार ने इस साल कुंभ मेले के अवसर पर एक अभिनव योजना ''हर-हर गंगे, घर-घर गंगे, आपके द्वार पहुंचा हरिद्वार'' की शुरुआत की है. इस योजना के तहत देशभर के 10 लाख से ज्यादा घरों में गंगा जल की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना के मद्देनजर चिन्मय पंड्या को बस्तर बुलाया गया है. चिन्मय पंड्या ने कहा कि गंगा केवल एक नदी भर नहीं है, वो हमारी सांस्कृतिक विरासत है, संस्कृति की पहचान है, जिसे कुंभ मेले के अवसर पर पूरे देशभर में पहुंचाया जाना है.

पढ़ें: उत्तर भारत में हुई बर्फबारी ने बढ़ाई ठंड

पवित्र विचारों को घर-घर पहुंचाने की जरूरत

चिन्मय पंड्या ने कहा कि जिस तरह से भागीरथ ने प्रचंड तप कर धरती पर गंगा का अवतरण किया था, उसी तरह से वर्तमान में महापुरुषों और ऋषियों के दिए हुए पवित्र विचारों को घर-घर पहुंचाए जाने की जरूरत है. जिससे वर्तमान समाज में व्याप्त सभी समस्याओं का समाधान संभव हो सके. इस अवसर पर शांतिकुंज प्रतिनिधि सियाराम मातलाम, सुखदेव निर्मलकर समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे.

दंतेवाड़ा: शांतिकुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति ( vice chancellor) चिन्मय पंड्या दंतेवाड़ा के गायत्री शक्ति पीठ आए हुए हैं. यहां उन्होंने शक्तिपीठ पहुंचकर मां गायत्री की पूजा की. गायत्री परिवार के सदस्यों ने उनका अभिनंदन किया.


गायत्री परिवार के केंद्र शांतिकुंज हरिद्वार ने इस साल कुंभ मेले के अवसर पर एक अभिनव योजना ''हर-हर गंगे, घर-घर गंगे, आपके द्वार पहुंचा हरिद्वार'' की शुरुआत की है. इस योजना के तहत देशभर के 10 लाख से ज्यादा घरों में गंगा जल की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना के मद्देनजर चिन्मय पंड्या को बस्तर बुलाया गया है. चिन्मय पंड्या ने कहा कि गंगा केवल एक नदी भर नहीं है, वो हमारी सांस्कृतिक विरासत है, संस्कृति की पहचान है, जिसे कुंभ मेले के अवसर पर पूरे देशभर में पहुंचाया जाना है.

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पवित्र विचारों को घर-घर पहुंचाने की जरूरत

चिन्मय पंड्या ने कहा कि जिस तरह से भागीरथ ने प्रचंड तप कर धरती पर गंगा का अवतरण किया था, उसी तरह से वर्तमान में महापुरुषों और ऋषियों के दिए हुए पवित्र विचारों को घर-घर पहुंचाए जाने की जरूरत है. जिससे वर्तमान समाज में व्याप्त सभी समस्याओं का समाधान संभव हो सके. इस अवसर पर शांतिकुंज प्रतिनिधि सियाराम मातलाम, सुखदेव निर्मलकर समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे.

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