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दंतेवाड़ा में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा का हल्लाबोल, राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा - भाजपा जिला अध्यक्ष चैतराम अटामी

protest in Dantewad भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा दंतेवाड़ा ने आरक्षण को लेकर कलेक्टोरेट के सामने धरना दिया. मोर्चा ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने बताया है कि 19 सितंबर को हाईकोर्ट ने शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण को लेकर फैसला दिया है. हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद प्रदेश के जनजाति वर्ग में सरकार के प्रति भारी आक्रोश है.

BJP Scheduled Tribe Morcha protest
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा का हल्लाबोल
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Published : Sep 22, 2022, 10:43 PM IST

दंतेवाड़ा: भाजपा जिला अध्यक्ष चैतराम अटामी ने बताया कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने दिसंबर 2011 में जनजाति समाज को प्रदेश में उनकी जनसंख्या के अनुपात में 32% आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था. 2018 में भाजपा की सरकार रहते तक यह आरक्षण दिया गया. उच्च न्यायालय में याचिका दायर होने के बाद भाजपा सरकार द्वारा 2018 तक जनजाति समाज के हित में मजबूती के साथ खड़ा होकर उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखा गया. कांग्रेस की सरकार आने के बाद से समाज के साथ षड्यंत्र होना शुरू हुआ है. उच्च न्यायालय में जनजाति वर्ग का पक्ष ठीक से रखा नहीं गया. भूपेश सरकार की विफलता की वजह से दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय सामने आया है. protest in Dantewad

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ कांग्रेस का मिशन 'अबकी बार 75 पार', क्या है सियासी मायने, किन 15 सीटों पर पार्टी कमजोर

अटामी का आरोप: भाजपा अध्यक्ष चेतराम अटामी ने बताया कि "इसके पूर्व भी कांग्रेस की सरकार ने अनुसूचित जनजाति वर्ग को छलने का काम किया है. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पदोन्नति में आरक्षण का नया नियम बनाने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 3 साल लगाए. उच्च न्यायालय में इस पदोन्नति नियम 2003 को भाजपा सरकार ने अपने पूरे 15 साल के कार्यकाल तक कानूनी चुनौती से बचा कर रखा. लेकिन कांग्रेस की सरकार आते ही मूल कंडिका 5 फरवरी 2019 को पास हो गई. तब से लेकर अब तक पदोन्नति में आरक्षण का कोई रास्ता भूपेश बघेल की सरकार ने नहीं निकाला है. भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद से पदोन्नति में आरक्षण का लाभ भी अनुसूचित जनजाति वर्ग को नहीं मिल पा रहा है. कांग्रेस की सरकार अनुसूचित जनजाति वर्ग के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने में हर जगह नाकाम रही है."

दंतेवाड़ा: भाजपा जिला अध्यक्ष चैतराम अटामी ने बताया कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने दिसंबर 2011 में जनजाति समाज को प्रदेश में उनकी जनसंख्या के अनुपात में 32% आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था. 2018 में भाजपा की सरकार रहते तक यह आरक्षण दिया गया. उच्च न्यायालय में याचिका दायर होने के बाद भाजपा सरकार द्वारा 2018 तक जनजाति समाज के हित में मजबूती के साथ खड़ा होकर उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखा गया. कांग्रेस की सरकार आने के बाद से समाज के साथ षड्यंत्र होना शुरू हुआ है. उच्च न्यायालय में जनजाति वर्ग का पक्ष ठीक से रखा नहीं गया. भूपेश सरकार की विफलता की वजह से दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय सामने आया है. protest in Dantewad

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अटामी का आरोप: भाजपा अध्यक्ष चेतराम अटामी ने बताया कि "इसके पूर्व भी कांग्रेस की सरकार ने अनुसूचित जनजाति वर्ग को छलने का काम किया है. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पदोन्नति में आरक्षण का नया नियम बनाने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 3 साल लगाए. उच्च न्यायालय में इस पदोन्नति नियम 2003 को भाजपा सरकार ने अपने पूरे 15 साल के कार्यकाल तक कानूनी चुनौती से बचा कर रखा. लेकिन कांग्रेस की सरकार आते ही मूल कंडिका 5 फरवरी 2019 को पास हो गई. तब से लेकर अब तक पदोन्नति में आरक्षण का कोई रास्ता भूपेश बघेल की सरकार ने नहीं निकाला है. भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद से पदोन्नति में आरक्षण का लाभ भी अनुसूचित जनजाति वर्ग को नहीं मिल पा रहा है. कांग्रेस की सरकार अनुसूचित जनजाति वर्ग के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने में हर जगह नाकाम रही है."

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