दंतेवाड़ा: सत्य, अहिंसा और नशामुक्ति का संदेश देने तीन देश, 20 राज्य और पंद्रह हजार किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तय कर आचार्य महाश्रमण शनिवार को गीदम पहुंचे. यहां पहुंचते ही हारम तिराहे में जैन समाज समेत, सर्व ब्राह्मण समाज, गायत्री परिवार, क्षत्रिय समाज, सर्व गुप्ता समाज, राउत समाज, सोनी समाज,अंजुमन इस्लामिया कमेटी, हरिजन समाज, शिरडी साईं सेवा समिति, बंगाली समाज और सामाजिक संस्थाओं ने उनका स्वागत किया.
दिगम्बर जैन समाज द्वारा भी मन्दिर परिसर के सामने आचार्य महाश्रमण और उनके साथ पहुंचे जैन साधु संतों का भव्य रूप से स्वागत कर आशीर्वाद लिया गया. इसके बाद आचार्य महाश्रमण गीदम के ओसवाल भवन पहुंचे जहां विभिन्न आयोजनों की शुरुआत हुई.
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जैन समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि आचार्य महाश्रमण गीदम में दो दिन तक रहेंगे. दरअसल, गीदम के प्रकाश ममता बुरड़ के पुत्र राहुल 21 फरवरी को रायपुर में आचार्य के समक्ष दीक्षा लेंगे. इसके लिए जैन समाज रविवार को गीदम नगर में भव्य रूप से वरघोड़ा रैली भी निकालेगी.अहिंसा यात्रा प्रणेता शांति दूत आचार्य महाश्रमण सन 2014 में दिल्ली के लाल किला से पदयात्रा शुरू कर 15 हजार से अधिक किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए 4 जनवरी 2021 को छत्तीसगढ़ पहुंचे.
नैतिकता का पाठ पढ़ाना इसका उद्देश्य
इसका उद्देश्य अहिंसा यात्रा के माध्यम से लोगों में अध्यात्म चेतना को जागृत कर उनमें सद्भावना, नैतिकता, नशा मुक्ति के माध्यम से मानवता की भावना को प्रबल करना है. जिससे विश्व मे शांति, सौहाद्रपूर्ण वातावरण, सम्पूर्ण विश्व के जीवों में करुणा, दया ,भाईचारा आपसी सहयोग की भावना विकसित हो सके.