बिलासपुर: अगर आप भी जरूरत से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो आपको भी हो सकती है कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की समस्या. ये समस्या आज के समय में आम बन चुकी है. ऐसे में जरुरी है कि हम अगर अधिक से अधिक मोबाइल और कम्प्यूटर का इस्तेमाल करते हैं तो कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के बारे में भी जान ले.
क्या कहते हैं आई स्पेशलिस्ट: मोबाइल और कम्प्यूटर से आंखों को हो रहे नुकसान को लेकर आई स्पेशलिस्ट डॉ एलसी मढरिया कहते हैं कि "ज्यादा देर तक कम्प्यूटर या मोबाइल देखने पर कंप्यूटर विजन सिंड्रोम बीमारी होने लगती है. इस बीमारी में आंखें सूख जाती है. आंखों की रोशनी भी कम करता है. इस तरह की समस्या होना कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की ओर इशारा करता है.
इससे बचने के उपाय: कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से बचने के लिए आपको मोबाइल और कम्प्यूटर से दूरी बरतनी होगी. जरूरत होने पर ही मोबाइल और कम्प्यूटर यूज करना होगा. अगर आप अधिक समय तक मोबाइल यूज करते हैं तो चश्में का इस्तेमाल जरूर करें.
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छोटे स्क्रीन से आंखों को होता है नुकसान: पहले लोग फिल्में बड़े स्क्रीन पर देखते थे. बड़े स्क्रीन पर फिल्म देखने से आंखों को कम नुकसान होता था. जबकि मोबाइल के छोटे स्क्रीन पर लगातार देखने से लोगों को अधिक नुकसान हो रहा है. ये भी कंप्यूटर विजन सिंड्रोम का कारण होता है.
एंटरटेनमेंट के चक्कर में हो रही आंख खराब: मोबाइल में लोग एंटरटेनमेंट और टाइमपास के लिए अपनी पसंद की चीजें देखते रहते हैं. जिससे आंखों में कमजोरी, दर्द होना, जलन होना, दिमाग पर इसका सीधा असर पड़ना, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं अब सामने आने लगी है. जो कि कंप्यूटर विजन सिंड्रोम का ही लक्षण है.
अगर हो समस्या तो चिकित्सक की लें सलाह: अगर अधिक फोन और कम्प्यूटर के इस्तेमाल से आपको ऐसी दिक्कतें हो रही है तो आप तुरंत ही चिकित्सक से सलाह लें.