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चुनावी ड्यूटी के कारण घटा बस्तर के बच्चों के पासिंग पर्सेंटेज!, परिणाम में 3 फीसदी की कमी

शिक्षा अधिकारी का कहना है कि पहले से ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे बस्तर में चुनाव के दौरान शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी लगा दी गई. इसका असर छात्रों के कोर्स पर पड़ा और बस्तर के परीक्षार्थी टॉप टेन की लिस्ट में नहीं आए.

जिला शिक्षा अधिकारी
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Published : May 11, 2019, 9:39 AM IST

जगदलपुर: राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी 10वीं और 12वीं के परिणाम ने बस्तर जिले के परीक्षार्थियों और पालकों के आंखों में आंसू ला दिए हैं. इस साल भी आदिवासी अंचल से एक भी छात्र को टॉप 10 में जगह नहीं मिली है.

जिला शिक्षा अधिकारी

इस साल पिछले साल की तुलना में बस्तर जिले में 10वीं और 12वीं के नतीजों में कमी देखी गई है. जिले में छात्रों के पासिंग पर्सेंटेज में 3 फीसदी तक की गिरावट आई है. घटे हुए प्रतिशत की वजह जिले के शिक्षा अधिकारी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में शिक्षकों द्वारा ड्यूटी करने को बताया है. शिक्षा अधिकारी का कहना है कि पहले से जिले में ही शिक्षकों की कमी है. ऐसे में बस्तर में चुनाव के दौरान शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी लगा दी गई. इसका असर छात्रों के कोर्स पर पड़ा और बस्तर के परीक्षार्थी टॉप टेन की लिस्ट में नहीं आ पाए. पिछले साल की तुलना में बोर्ड परीक्षा में प्रतिशत में 3 फीसदी तक की कमी भी आई है.

हालांकि, शिक्षा अधिकारी का कहना है कि अगले सत्र में बस्तर के परीक्षार्थियों के नतीजे अच्छे आएंगे. इसके लिए अभी से शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की पहल पर काम शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा शिक्षकों को तकनीकी ट्रेनिंग देने के साथ बच्चों को समर कैंप के माध्यम से पढ़ाने का काम भी शुरू किया गया है. इस बार दसवीं बोर्ड परीक्षा में बस्तर जिले में शिक्षा का प्रतिशत 71.98% रहा, वहीं बारहवीं बोर्ड परीक्षा में 74.09% रहा.

जगदलपुर: राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी 10वीं और 12वीं के परिणाम ने बस्तर जिले के परीक्षार्थियों और पालकों के आंखों में आंसू ला दिए हैं. इस साल भी आदिवासी अंचल से एक भी छात्र को टॉप 10 में जगह नहीं मिली है.

जिला शिक्षा अधिकारी

इस साल पिछले साल की तुलना में बस्तर जिले में 10वीं और 12वीं के नतीजों में कमी देखी गई है. जिले में छात्रों के पासिंग पर्सेंटेज में 3 फीसदी तक की गिरावट आई है. घटे हुए प्रतिशत की वजह जिले के शिक्षा अधिकारी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में शिक्षकों द्वारा ड्यूटी करने को बताया है. शिक्षा अधिकारी का कहना है कि पहले से जिले में ही शिक्षकों की कमी है. ऐसे में बस्तर में चुनाव के दौरान शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी लगा दी गई. इसका असर छात्रों के कोर्स पर पड़ा और बस्तर के परीक्षार्थी टॉप टेन की लिस्ट में नहीं आ पाए. पिछले साल की तुलना में बोर्ड परीक्षा में प्रतिशत में 3 फीसदी तक की कमी भी आई है.

हालांकि, शिक्षा अधिकारी का कहना है कि अगले सत्र में बस्तर के परीक्षार्थियों के नतीजे अच्छे आएंगे. इसके लिए अभी से शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की पहल पर काम शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा शिक्षकों को तकनीकी ट्रेनिंग देने के साथ बच्चों को समर कैंप के माध्यम से पढ़ाने का काम भी शुरू किया गया है. इस बार दसवीं बोर्ड परीक्षा में बस्तर जिले में शिक्षा का प्रतिशत 71.98% रहा, वहीं बारहवीं बोर्ड परीक्षा में 74.09% रहा.

Intro:जगदलपुर। राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने आज 10वीं व 12वीं के परिणाम घोषित किए हैं। इस परिणाम ने बस्तर जिले के परीक्षार्थियों व पालकों के आंखों में आंसू ला दिए हैं। क्योंकि इस वर्ष भी आदिवासी अंचल से एक भी विद्यार्थी ने टॉप 10 में जगह नहीं बना पाई । सुबह से ही बोर्ड के नतीजे जानने के लिए लोगों में जिज्ञासा रही लेकिन जैसे ही नतीजे सामने आए उसमें बस्तर के एक भी छात्र ने टॉप टेन में बाजी नहीं मारी। बल्कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष बस्तर जिले में 10वीं व 12वीं के नतीजे में शिक्षा का प्रतिशत बढ़ने की जगह और घट गया। घटे हुए प्रतिशत की वजह जिला के शिक्षा अधिकारी ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी लगना बता रहे हैं। शिक्षा अधिकारी का कहना है कि पहले से ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे बस्तर में चुनाव के समय शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी लगा दी गई जिस वजह से इसका असर छात्रों व के कोर्स पर पड़ा और बस्तर के परीक्षार्थी टॉप टेन की लिस्ट में नहीं आ पाए । और पिछले साल की तुलना में बोर्ड परीक्षा के प्रतिशत में 3% की भी कमी आई। हालांकि शिक्षा अधिकारी का कहना है कि अगले सत्र में बस्तर के परीक्षार्थियों के नतीजे अच्छे आए इसके लिए अभी से शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है । इसके अलावा शिक्षकों को तकनीकी ट्रेनिंग देने के साथ बच्चों को समर कैंप के माध्यम से बच्चो को पढ़ाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है । गौरतलब है कि भाजपा के तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप बस्तर से होने के बावजूद बीते कई सालों से बस्तर का एक भी छात्र टॉप 10 की लिस्ट में शामिल नहीं हो सका है। वहीं शिक्षा का स्तर भी बस्तर में लगातार गिर रहा है।


Body:बाईट1- एच आर सोम, जिला शिक्षा अधिकारी

इस बार दसवीं बोर्ड परीक्षा में बस्तर जिले में शिक्षा का प्रतिशत 71.98% रहा , वहीं बारहवीं बोर्ड परीक्षा में 74.09% रहा।



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