बिलासपुर : भारत को आत्मनिर्भर राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ाने युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. युवाओं को इलेक्ट्रीशियन, कम्प्युटर, कारपेंटर, वेल्डर, मशीनिस्ट, फिटर जैसे ट्रेड्स में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बिलासपुर, रायपुर और नागपुर रेल मण्डल के प्रशिक्षण केन्द्रों से अब तक 1080 से भी अधिक युवाओं का नामांकन किया गया है. इस योजना के तहत प्रशिक्षण पाने वाले युवा रेलवे की परीक्षा में शामिल होंगे. यदि उनकी नौकरी लगी तो वे नौकरी करेंगे और नहीं भी लगी तो अपना स्वयं का रोजगार कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे.
युवाओं को मिल रही ट्रेनिंग : भारतीय रेलवे अब सामाजिक सरोकार के साथ युवाओं को उनके पैरों पर खड़ा करने का काम भी कर रही है. रेलवे रेल प्रशिक्षण संस्थानों में युवाओं को प्रवेश स्तर का कौशल प्रशिक्षण दे रही है. ताकि वे रेलवे की नौकरियों के लिए तैयार हो सके. रेलवे उन्हें सशक्त बनाने के लिए यह कदम उठा रही है. भारतीय रेलवे में "रेल कौशल विकास योजना" सितंबर, 2021 में शुरु की गई थी. इस योजना के माध्यम से देश के युवाओं को उद्योग आधारित कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे युवा रोजगार प्राप्त करने में सक्षम बन रहे हैं.
युवा प्राप्त कर रहे नि:शुल्क ट्रेनिंग : इस योजना के माध्यम से देश के युवा अपनी शिक्षा पूरी करके नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें हैं. नए उद्योगों में रोजगार के बेहतर अवसर पाने में सक्षम बन रहें हैं. यह योजना भारत के बेरोजगार युवाओं के लिए एक कौशल विकास कार्यक्रम है, ताकि वे अपनी रोजगार क्षमता और उद्यमिता को बढ़ाने के लिए व्यवसायों में तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर सकें.
आठ सौ युवाओं ने किया कौशल उन्नयन : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर मण्डल के ईएलटीसी उस्लापुर, रायपुर मंडल के बेसिक ट्रेनिंग सेंटर, वैगन रिपेयर शॉप और नागपुर मंडल के मोतीबाग वर्क शॉप मे यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस योजना के तहत 94 प्रशिक्षण स्थानों पर तकनीकी ट्रेड इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, मशीनिस्ट, फिटर कम्प्युटर, कारपेंटर की ट्रेनिंग दी जा रही है. देश के किसी भी हिस्से से उम्मीदवार इस प्रशिक्षण में शामिल हो सकते हैं. इसमें उम्मीदवारों को प्रशिक्षण नि:शुल्क दिया जाता है. इस कार्यक्रम के समन्वय के लिए बनारस लोको वर्क्स, वाराणसी को नोडल एजेंसी बनाया गया है. इस प्रशिक्षण से युवा आत्मनिर्भर भारत की नई बुनियाद रखेंगे.