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गोबर के दीये: महिलाएं बेच रही रंग-बिरंगे दीये, रोशनी भी और कमाई भी

बिलासपुर नगर निगम के सिरगिट्टी जोन क्रंमाक 2 के मणिकंचन केन्द्र में समूह की महिलाएं गोबर से रंग-बिरंगे दीये बना रही हैं और उसे बचने का कार्य कर रही हैं.

Cow dung lamps
गोबर के दीये
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Published : Nov 13, 2020, 2:37 PM IST

बिलासपुर: इस साल की दिवाली मिट्टी के दीयों के साथ-साथ गोबर के दीयों से जगमगाने वाली है. जिले में कई जगह समूह की महिलाएं गोबर के दीये बना रही हैं. बिलासपुर नगर निगम के अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर सिरगिट्टी जोन 2 के मणिकंचन केन्द्र में समूह की महिलाएं गोबर से रंग-बिरंगे आकर्षक दीये बना रही हैं और इसकी बिक्री की जा रही है. गोबर से बने दीये इन दीयों को जिला पंचायत परिसर कार्यालय, शहर के मॉल और कई चौक-चौराहों पर बेचा जा रहा है.

पढ़ें: सूरजपुर: दिवाली पर महिला समूहों को मायूसी, प्रशासन ने लोगों से की ये अपील

प्रदेश में गोबर से बने रंग-बिरंगे आकर्षक दीया, नारियल, कलश, स्वास्तिक, कछुआ दीया, गुल्लक आदि सामग्रियों की मांग लगातार बढ़ रही है. गोबर से बने इन सामग्रियों का धार्मिक महत्व होने के साथ ही इससे पर्यावरण की सुरक्षा भी होगा. सिरगिट्टी जोन 2 के मणिकंचन केन्द्र के इंजीनियर रश्मि देवागंन ने बताया कि महिलाओं ने लगभग एक महीने पहले से गोबर के दीये बनाना शुरू किए हैं. अब तक करीब 5000 से अधिक दीया बना चुकी हैं और बेचना भी शुरू कर दिया है, जिससे लगभग 10 हजार रुपये तक मुनाफा हुआ है.

जल्द ही बनाई जाएगी अन्य समाग्रियां

महिलाओं ने बताया कि वे गोबर के दीया के अलावा गोबर से स्वास्तिक, शुभ-लाभ और मोमबत्ती दीया भी बना रही हैं. एक दिन में लगभग एक 500 से 700 दीये बनाए जाते हैं. नगर निगम सिरगिट्टी के समूह द्वारा गोबर से सजावट की सामग्रियां भी बहुत जल्द बनाई जाएंगी.

बिलासपुर: इस साल की दिवाली मिट्टी के दीयों के साथ-साथ गोबर के दीयों से जगमगाने वाली है. जिले में कई जगह समूह की महिलाएं गोबर के दीये बना रही हैं. बिलासपुर नगर निगम के अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर सिरगिट्टी जोन 2 के मणिकंचन केन्द्र में समूह की महिलाएं गोबर से रंग-बिरंगे आकर्षक दीये बना रही हैं और इसकी बिक्री की जा रही है. गोबर से बने दीये इन दीयों को जिला पंचायत परिसर कार्यालय, शहर के मॉल और कई चौक-चौराहों पर बेचा जा रहा है.

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प्रदेश में गोबर से बने रंग-बिरंगे आकर्षक दीया, नारियल, कलश, स्वास्तिक, कछुआ दीया, गुल्लक आदि सामग्रियों की मांग लगातार बढ़ रही है. गोबर से बने इन सामग्रियों का धार्मिक महत्व होने के साथ ही इससे पर्यावरण की सुरक्षा भी होगा. सिरगिट्टी जोन 2 के मणिकंचन केन्द्र के इंजीनियर रश्मि देवागंन ने बताया कि महिलाओं ने लगभग एक महीने पहले से गोबर के दीये बनाना शुरू किए हैं. अब तक करीब 5000 से अधिक दीया बना चुकी हैं और बेचना भी शुरू कर दिया है, जिससे लगभग 10 हजार रुपये तक मुनाफा हुआ है.

जल्द ही बनाई जाएगी अन्य समाग्रियां

महिलाओं ने बताया कि वे गोबर के दीया के अलावा गोबर से स्वास्तिक, शुभ-लाभ और मोमबत्ती दीया भी बना रही हैं. एक दिन में लगभग एक 500 से 700 दीये बनाए जाते हैं. नगर निगम सिरगिट्टी के समूह द्वारा गोबर से सजावट की सामग्रियां भी बहुत जल्द बनाई जाएंगी.

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