बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में हर पार्टी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है. राज्य में कभी भी आचार संहिता लागू हो सकता है. इस बीच लगातार केन्द्रीय नेताओं का छत्तीसगढ़ दौरा हो रहा है. कांग्रेस के बड़े नेता भी लगाातर छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे हैं. इस बीच देखा गया है कि कोई भी बड़ा नेता उसी विधानसभा क्षेत्र में दौरा करता है, जहां से उसके विधायक हों.
हाल ही में राहुल गांधी की सभा तखतपुर के परसदा में आयोजित की गई थी. इस विधानसभा में कांग्रेस के विधायक हैं. वहीं, पीएम मोदी की सभा बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के साइंस कालेज मैदान हुई. इस विधानसभा में बीजेपी के विधायक हैं. इस बारे में ईटीवी भारत ने विस्तार से जानकारी के लिए पॉलिटिकल एक्सपर्ट से बातचीत की और जानने की कोशिश की कि आखिरकार ऐसे दौरे से पार्टी को कोई राजनीतिक लाभ भी मिलता है या नहीं.
जानिए पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय: इस बारे में पॉलिटिकल एक्सपर्ट निर्मल मानिक ने कहा कि, "पीएम मोदी और लोकसभा सांसद राहुल गांधी की आम सभा सितंबर माह में हुई. इन सभाओं में 50 हजार से भी अधिक लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई थी. इन सभाओं में हजारों ऐसे लोग भी शामिल हुए थे, जिन्हें सियासत का मतलब भी नहीं पता. राजनीति से उनका कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि भीड़ इकट्ठा करने के लिए ऐसे लोगों को भी सभा में शामिल कराया गया. भीड़ करना और आमसभा को बड़ी आमसभा में तब्दील करना, यह पुरानी परंपरा है. जिस विधानसभा में आमसभा आयोजित की जाती है, उस विधानसभा के मतदाताओं के साथ ही आसपास के चार पांच विधानसभाओं के कार्यकर्ताओं के साथ जनता को भीड़ बढ़ाने के लिए बुलाया जाता है."
निर्मल मानिक ने आगे बताया, "राजनीतिक पार्टियों का मुख्य उद्देश्य रहता है कि आम सभा ऐसे जगह आयोजित हो जहां चार-पांच विधानसभा के लोग आ सकें. इससे पार्टी को एक खास फायदा भी होता है कि तीन चार विधानसभा कवर हो जाता है. उन क्षेत्रों के मतदाताओं को अपने पाले में लेने का प्रयास किया जाता है. सभा की भीड़ बड़े नेताओं को दिखाना भी एक तरह से फैशन बन गया है, ताकि यह बताया जा सके कि सबसे बड़ी सभा हमने आयोजित की है. यही कारण है कि चार-पांच विधानसभाओं के केंद्र बिंदु वाले स्थान पर आमसभा आयोजित की जाती है."
राजनीतिक पार्टियां अपने केंद्रीय नेताओं की आमसभा और रैलियां उन क्षेत्रों में आयोजित करती है, जहां उनके विधायक होते हैं.ऐसा करना का उनका मुख्य उद्देश्य यह होता है कि पार्टी का विधायक होने के नाते वहां आसानी से भीड़ इकट्ठी कर ली जाती है. जिला अध्यक्ष के साथ ही मंडल अध्यक्ष, वार्ड अध्यक्ष और क्षेत्रीय के साथ बूथ अध्यक्ष होते हैं, जो अपने-अपने प्रभावी क्षेत्रों से आम जनता को आसानी से सभा में शामिल होने के लिए राजी कर लेते हैं. स्थानीय नेता भीड़ लेकर आमसभा पहुंचते हैं. आने वाले दिनों में जब आम सभा के सक्सेस होने की बात होती है तो सभा में अधिक भीड़ को ही सक्सेस माना जाता है. -दीपक देवांगन, पॉलिटिकल एक्सपर्ट
दरअसल, सितंबर माह में बिलासपुर के दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी और कांग्रेस की बड़ी सभा आयोजित की गई. राहुल गांधी और पीएम मोदी की सभा हुई, जिसमें काफी लोगों की भीड़ भी इकट्ठा हुई. नेताओं की सभा उसी क्षेत्र में की गई, जहां पार्टी के विधायक थे. इतना ही नहीं सभा को जिले के सेंटर पॉइंट पर आयोजित किया गया, ताकि 4-5 अन्य विधानसभा को भी पार्टी कवर कर ले. इससे पार्टी का राजनीतिक लाभ भी मिलता है. साथी ही उनकी विधानसभा होने से सुरक्षा को लेकर भी पार्टी के नेता निश्चिंत रहते हैं.