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कहां शादी समारोह में शामिल होने से पूरा परिवार हुआ समाज से बहिष्कृत ?

बिलासपुर में शादी समारोह में जाने पर पूरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है. जिसके बाद ग्रामीणों ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई (Entire family out of society in Bilaspur) है.

wedding ceremony in bilaspur
बिलासपुर में शादी समारोह
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Published : Jul 12, 2022, 6:38 PM IST

बिलासपुर: बिलासपुर के तखतपुर में एक परिवार को शादी समारोह में शामिल होना महंगा पड़ गया है. शादी समारोह में शामिल होने पर पूरे परिवार को समाज से बहिष्कार कर दिया गया है.

ये है पूरा मामला: दरअसल, मोछ गांव में रहने वाला परिवार दूसरी जाति के लड़की के विवाह समारोह में शामिल हो गया था. बरात जाना कुछ ग्रामीणों को इतना महंगा पड़ गया कि उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया गया. पूरा मामला ग्राम मोछ का है, जहां एक परिवार अपने परिवारिक शादी में शामिल होने पहुंचे थे. शादी से लौटने के बाद उन्हें गांव के समाज के मुखिया ने बहिष्कृत कर दिया. परिवार ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है.

बिलासपुर में एक परिवार समाज से बहिष्कृत

गांव लौटने पर हुआ फरमान जारी: बता दें कि तखतपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले राम प्रसाद सिंगरौल के परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है. उनके परिवार को सामाजिक बैठक में 5-5 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया था. जुर्माना नहीं पटाने पर सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है. राम प्रसाद ने कलेक्टर से शिकायत की. शिकायत में बताया कि 23 जनवरी को दुर्ग में चंद्राकर परिवार के शादी समारोह कार्यक्रम में शामिल होने 10 से अधिक ग्रामीण दुर्ग पहुंचे थे, जिसके बाद शादी समारोह से वापस लौटने के बाद ग्रामीणों को पता चला कि उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है. रामप्रसाद ने बताया सिंगरौल परिवार ने दूसरी जाति (चंद्रवंशी) समाज की लड़की से अपने परिवार के लड़के का विवाह किया. इस विवाह समारोह में ग्राम मोछ के कुछ लोग दुर्ग में शामिल हुए. शादी समारोह से वापस लौटने के बाद उन्हें समाज के मुखिया और मुखिया के साथी बिरझेराम सिंगरौल, कृष्णा, बलिराम, चेतन, चैतराम, और प्रेमलाल ने सामाजिक बैठक में जुर्माना नहीं पटाने पर सामाजिक बहिष्कार की सजा दी है. उनके परिवार से सभी को सारे संबंध तोड़ने और किसी प्रकार का संबंध नहीं रखने का फरमान जारी कर दिया है.

यह भी पढ़ें; Bilaspur Video Viral: बिलासपुर की सड़कों पर युवतियों ने युवकों को पीटा, जानिए वजह

भाई के बेटे की शादी में शामिल होने नहीं दिया गया: पीड़ित राम प्रसाद ने बताया कि उनका छोटा भाई बिलासपुर के तिफरा में रहता है, जिसके पुत्र की 10 अप्रैल को शादी थी. लेकिन भाई के बेटे की शादी में भी उन्हें समाज के ठेकेदारों ने शामिल नहीं होने दिया. समाज के ठेकेदारों ने फरमान जारी कर दिया था कि यदि रामप्रसाद का परिवार अपने छोटे भाई के बेटे की शादी में शामिल होगा, तो उसके भाई को भी समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा. भाई के समाज से बहिष्कृत करने की बात सुनकर रामप्रसाद अपने भाई के घर शादी समारोह में शामिल होने नहीं गए कि कहीं उसको भी सामाजिक बहिष्कार का सामना न करना पड़े.

कलेक्टर से न्याय की गुहार: मंगलवार को रामप्रसाद और उनका परिवार समाज से बहिष्कार किए जाने और थाना तखतपुर के द्वारा कार्रवाई नहीं करने की शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. रामप्रसाद ने पूरे मामले की लिखित जानकारी कलेक्टर को दी है. स्वयं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ उन्होंने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है. मामले में शामिल बहिष्कार करने वाले समाज के मुखिया और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

बिलासपुर: बिलासपुर के तखतपुर में एक परिवार को शादी समारोह में शामिल होना महंगा पड़ गया है. शादी समारोह में शामिल होने पर पूरे परिवार को समाज से बहिष्कार कर दिया गया है.

ये है पूरा मामला: दरअसल, मोछ गांव में रहने वाला परिवार दूसरी जाति के लड़की के विवाह समारोह में शामिल हो गया था. बरात जाना कुछ ग्रामीणों को इतना महंगा पड़ गया कि उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया गया. पूरा मामला ग्राम मोछ का है, जहां एक परिवार अपने परिवारिक शादी में शामिल होने पहुंचे थे. शादी से लौटने के बाद उन्हें गांव के समाज के मुखिया ने बहिष्कृत कर दिया. परिवार ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है.

बिलासपुर में एक परिवार समाज से बहिष्कृत

गांव लौटने पर हुआ फरमान जारी: बता दें कि तखतपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले राम प्रसाद सिंगरौल के परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है. उनके परिवार को सामाजिक बैठक में 5-5 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया था. जुर्माना नहीं पटाने पर सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है. राम प्रसाद ने कलेक्टर से शिकायत की. शिकायत में बताया कि 23 जनवरी को दुर्ग में चंद्राकर परिवार के शादी समारोह कार्यक्रम में शामिल होने 10 से अधिक ग्रामीण दुर्ग पहुंचे थे, जिसके बाद शादी समारोह से वापस लौटने के बाद ग्रामीणों को पता चला कि उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है. रामप्रसाद ने बताया सिंगरौल परिवार ने दूसरी जाति (चंद्रवंशी) समाज की लड़की से अपने परिवार के लड़के का विवाह किया. इस विवाह समारोह में ग्राम मोछ के कुछ लोग दुर्ग में शामिल हुए. शादी समारोह से वापस लौटने के बाद उन्हें समाज के मुखिया और मुखिया के साथी बिरझेराम सिंगरौल, कृष्णा, बलिराम, चेतन, चैतराम, और प्रेमलाल ने सामाजिक बैठक में जुर्माना नहीं पटाने पर सामाजिक बहिष्कार की सजा दी है. उनके परिवार से सभी को सारे संबंध तोड़ने और किसी प्रकार का संबंध नहीं रखने का फरमान जारी कर दिया है.

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भाई के बेटे की शादी में शामिल होने नहीं दिया गया: पीड़ित राम प्रसाद ने बताया कि उनका छोटा भाई बिलासपुर के तिफरा में रहता है, जिसके पुत्र की 10 अप्रैल को शादी थी. लेकिन भाई के बेटे की शादी में भी उन्हें समाज के ठेकेदारों ने शामिल नहीं होने दिया. समाज के ठेकेदारों ने फरमान जारी कर दिया था कि यदि रामप्रसाद का परिवार अपने छोटे भाई के बेटे की शादी में शामिल होगा, तो उसके भाई को भी समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा. भाई के समाज से बहिष्कृत करने की बात सुनकर रामप्रसाद अपने भाई के घर शादी समारोह में शामिल होने नहीं गए कि कहीं उसको भी सामाजिक बहिष्कार का सामना न करना पड़े.

कलेक्टर से न्याय की गुहार: मंगलवार को रामप्रसाद और उनका परिवार समाज से बहिष्कार किए जाने और थाना तखतपुर के द्वारा कार्रवाई नहीं करने की शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. रामप्रसाद ने पूरे मामले की लिखित जानकारी कलेक्टर को दी है. स्वयं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ उन्होंने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है. मामले में शामिल बहिष्कार करने वाले समाज के मुखिया और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

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