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झाड़-फूंक के चक्कर में हुई चूक, कुत्ते के काटने से ग्रामीण ने गंवाई जान

पेंड्रा के ग्राम कुड़कई में कुत्ते के काटने से एक ग्रामीण की मौत हो गयी है. मृतक ने अस्पताल में इलाज न करा कर देसी इलाज और झाड़-फूंक के चक्कर में अपनी जान गंवा दी.

मृतक
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Published : Aug 3, 2019, 3:19 PM IST

Updated : Aug 3, 2019, 3:52 PM IST

बिलासपुर: पेंड्रा थानाक्षेत्र के ग्राम कुड़कई निवासी कमलेश भरिया की कुत्ते के काटने से मौत हो गयी. कमलेश ने कुत्ता काटने के बाद डॉक्टर से इलाज न करा कर झाड़-फूंक और देसी दवा पर भरोसा किया. झाड़फूंक के एक महीने बाद अचानक शरीर में रेबीज फैलने से उसकी मौत हो गई.

कुत्ते के काटने से ग्रामीण की मौत

लगातार जागरूकता फैलाने के बावजूद ग्रामीण इलाके के लोग आज भी सांप और कुत्ता काटने के बाद झाड़-फूंक और देसी दवा पर भरोसा करते हैं. कमलेश ने भी इसी गलती को दोहराया जिसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.

एक महीने पहले काटा था कुत्ते ने

दरअसल एक महीने पहले कमलेश को घर के बाहर एक कुत्ते ने काट लिया था, जिसके बाद उसने चिकित्सकीय उपचार न करा कर देसी दवा और झाड़-फूंक का सहारा लिया. उसके एक महीने बाद अचानक कमलेश को लगा कि उसके शरीर में रेबीज फैल रहा है. पर तब तक वह उपचार की समय सीमा से बाहर जा चुका था. नतीजन उसकी मौत हो गयी.

मरने से पहले अपनी पत्नी को भी पैर पर काटा

मृतक ने मरने से पहले अपनी पत्नी को भी पैर पर काट लिया था. अब रेबीज इंफेक्टेड होने की वजह से उसकी पत्नी को रेबीज के इंजेक्शन लगाने होंगे. ज्ञात हो कि एक बार शरीर रेबीज इन्फेक्टेड होने के बाद लाइलाज हो जाता है.

स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ दो इंजेक्शन उपलब्ध

पेंड्रा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रेबीज के मात्र दो ही इंजेक्शन हैं. दवा सप्लाई करने वाली सरकारी संस्था CGMSC ने लगभग एक महीने से एंटी रेबीज इंजेक्शन की सप्लाई रोक रखी है, जिसकी वजह से कई अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन की भारी कमी है.

बिलासपुर: पेंड्रा थानाक्षेत्र के ग्राम कुड़कई निवासी कमलेश भरिया की कुत्ते के काटने से मौत हो गयी. कमलेश ने कुत्ता काटने के बाद डॉक्टर से इलाज न करा कर झाड़-फूंक और देसी दवा पर भरोसा किया. झाड़फूंक के एक महीने बाद अचानक शरीर में रेबीज फैलने से उसकी मौत हो गई.

कुत्ते के काटने से ग्रामीण की मौत

लगातार जागरूकता फैलाने के बावजूद ग्रामीण इलाके के लोग आज भी सांप और कुत्ता काटने के बाद झाड़-फूंक और देसी दवा पर भरोसा करते हैं. कमलेश ने भी इसी गलती को दोहराया जिसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.

एक महीने पहले काटा था कुत्ते ने

दरअसल एक महीने पहले कमलेश को घर के बाहर एक कुत्ते ने काट लिया था, जिसके बाद उसने चिकित्सकीय उपचार न करा कर देसी दवा और झाड़-फूंक का सहारा लिया. उसके एक महीने बाद अचानक कमलेश को लगा कि उसके शरीर में रेबीज फैल रहा है. पर तब तक वह उपचार की समय सीमा से बाहर जा चुका था. नतीजन उसकी मौत हो गयी.

मरने से पहले अपनी पत्नी को भी पैर पर काटा

मृतक ने मरने से पहले अपनी पत्नी को भी पैर पर काट लिया था. अब रेबीज इंफेक्टेड होने की वजह से उसकी पत्नी को रेबीज के इंजेक्शन लगाने होंगे. ज्ञात हो कि एक बार शरीर रेबीज इन्फेक्टेड होने के बाद लाइलाज हो जाता है.

स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ दो इंजेक्शन उपलब्ध

पेंड्रा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रेबीज के मात्र दो ही इंजेक्शन हैं. दवा सप्लाई करने वाली सरकारी संस्था CGMSC ने लगभग एक महीने से एंटी रेबीज इंजेक्शन की सप्लाई रोक रखी है, जिसकी वजह से कई अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन की भारी कमी है.

Intro:cg_bls_03_death_avb_CGC10013

बिलासपुर पेंड्रा थानाक्षेत्र के ग्राम कुड़कई निवासी कमलेश भरिया की कुत्ता काटने के बाद रेबीज़ इन्फेक्टेड होने से आज मौत हो गयी, कमलेश ने कुत्ता काटने के बाद चिकित्सकीय उपचार न करा कर झाड़ फूंक और देशी दवा पर भरोसा किया था, उपचार के 1 माह बाद अचानक शरीर में रेबीज फैलने से उनकी मौत हो गई. लगातार जागरूकता फैलाने के बावजूद ग्रामीण इलाके के लोग आज भी सांप और कुत्ता काटने के बाद झाड़-फूंक और देसी दवा पर भरोसा कर रहे हैं जिसकी कीमत कमलेश भारिया को अपनी जान देकर चुकानी पड़ीBody:cg_bls_03_death_avb_CGC10013

दरअसल कमलेश को 1 माह पूर्व घर के सामने एक कुत्ते ने काट लिया था जिसके बाद उसने चिकित्सकीय उपचार ना करा कर देसी दवा और झाड़-फूंक करा लिया पर उसके 1 माह बाद अचानक कमलेश को अहसास हुआ कि उसके शरीर में रेबीज फैल रहा है पर तब तक वह चिकित्सकीय उपचार की सीमा से बाहर जा चुका था नतीजतन आज सुबह उसकी मौत हो गई मरने के पूर्व उसने अपनी पत्नी के पैर को भी काट लिया अब रेबीस इनफेक्टेड होने की वजह से पत्नी को रेबीज के इंजेक्शन लगाने होंगे, ज्ञात हो कि 1 बार शरीर रेबीज़ इन्फेक्टेड होने के बाद लाइलाज हो जाता है,Conclusion:cg_bls_03_death_avb_CGC10013

हालांकि इस दौरान या बाद भी सामने आई कि पेंड्रा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ दो ही रैबीज के इंजेक्शन बचे हुए हैं और दवा सप्लाई करने वाली सरकारी संस्था CGMSC ने लगभग एक माह से एंटी रेबीज इंजेक्शन की सप्लाई रोक रखी है जिसकी वजह से कई अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं है...

बाईट - कमलेश भरिया - मृतक की 24 घंटे पहले की बाइट
बाईट - शांति भरिया - मृतक की पत्नी
बाईट - डॉ हेमंत तंवर - चिकित्सक पेण्ड्रा
Last Updated : Aug 3, 2019, 3:52 PM IST
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