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जज की सील चोरी कर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार - Judge seal stolen

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की सील और फर्जी साइन कर धोखाधड़ी करने वाले एक पत्रकार और वकील को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

Two accused arrested
दो आरोपी गिरफ्तार
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Published : Jan 1, 2022, 9:18 AM IST

बिलासपुर: जज की सील चोरी कर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का मामले सामने आया है. पुलिस ने अधिवक्ता और उसके साथी को गिरफ्तार किया है. सीजीएम के कोर्ट से सील चोरी कर फर्जी हस्ताक्षर के साथ जाली दस्तावेज बनाने वाले ऑल इंडिया काइम प्रेस मिडिया का फर्जी पत्रकार और वकील पुलिस के हत्थे चढ़ा हैं. सीजीएम की सील और फर्जी हस्ताक्षर कर कई फर्जी दस्तावेज भी इन दोनों आरोपियों ने तैयार किये थे. पुलिस ने आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.

सीजीएम की फर्जी सील और हस्ताक्षर वाला दस्तावेज हाथ लगा

सरकंडा के सांची कॉलोनी में रहने वाले राजेश मैसी अपनी कार में ऑल इंडिया काइम प्रेस की पट्टी लगाए थे. जिसमें ऑल इंडिया काइम प्रेस मिडिया लिखा था. आरोपी फर्जी दस्तावेज तैयार कर ठगी करने के लिए शहर में घुम रहा था. आरोपी राजेश मैसी सफेद रंग के कार में था. जब पुलिस ने कार की तलाशी ली तो उसके आगे पीछे ऑल इंडिया काइम प्रेस मिडिया का स्टीकर लगा था. पूछताछ पर आरोपी राजेश ने पुलिस को बताया कि वह डायरेक्टर है. जब पुलिस ने आरोपी राजेश मैसी से कागज मांगे तो उसने सर्टिफिकेट और दस्तावेज पुलिस को दिखाए. पुलिस ने जब डॉक्यूमेंट की जांच की तो उसमें Office of Ragistarar of News Paper For India Application for Title के फार्म पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डमरूधर चौहान के पदनाम की सील और हस्ताक्षर थे. दस्तावेजों में एक घोषणा पत्र था. जिसमें सीजीएम के पदनाम की सील और हस्ताक्षर थे.

जज के फैसले ने बदली न्याय की परिभाषा, चंद मिनटों में निपट गया वर्षों पुराना केस, जानें मामला

पुलिस को ऐसे हुआ शक

पुलिस को दस्तावेज की जांच में फर्जी हस्ताक्षर होने का शक हुआ. पुलिस ने सीजेएम न्यायालय से आये डाक और अन्य दस्तावेज जिसमें सीजेएम के हस्ताक्षर से मिलान किया. कोर्ट के दस्तावेज और राजेश मैसी के बनवाये गये दस्तावेज के हस्ताक्षर में भिन्नता पाई गई. पुलिस ने राजेश मैसी से पूछताछ की.

कई धाराओं में मामला दर्ज

आरोपी ने बताया कि दस्तावेज को दिल्ली के हेड क्वार्टर से एप्लीकेशन में मजिस्ट्रेट की सील साइन कराकर वापस भेजा गया. एप्लीकेशन फॉर्म को अपने वकील राहुल गोस्वामी को न्यायालय से सील साइन कराने के लिये देना बताया. जब वकील राहुल गोस्वामी से पूछताछ की गई जो उसने बताया कि 4 से 6 महीने पहले राहुल गोस्वामी और राजेश मैसी दोनों मिलकर सीजीएम के कोर्ट से पद नाम का सील और गोल सील को चोरी कर कई दस्तावेजों में सील लगाकर सीजीएम के फर्जी हस्ताक्षर किए हैं.

अन्य दस्तावेजों में सीजेएम बिलासपुर के पदनाम के सील का उपयोग हुआ है. सीजीएम ने पहले ही पद के नाम की सील और दाण्डिक गोल सील गुम होने की जानकारी पुलिस को दी थी. उसके बाद पुलिस ने फर्जी पत्रकार राजेश मैसी और वकील राहुल गोस्वामी के खिलाफ धारा 379, 467, 468, 471, 120बी न्यायालय पेश कर पुलिस रिमांड लिया गया है.

बिलासपुर: जज की सील चोरी कर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का मामले सामने आया है. पुलिस ने अधिवक्ता और उसके साथी को गिरफ्तार किया है. सीजीएम के कोर्ट से सील चोरी कर फर्जी हस्ताक्षर के साथ जाली दस्तावेज बनाने वाले ऑल इंडिया काइम प्रेस मिडिया का फर्जी पत्रकार और वकील पुलिस के हत्थे चढ़ा हैं. सीजीएम की सील और फर्जी हस्ताक्षर कर कई फर्जी दस्तावेज भी इन दोनों आरोपियों ने तैयार किये थे. पुलिस ने आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.

सीजीएम की फर्जी सील और हस्ताक्षर वाला दस्तावेज हाथ लगा

सरकंडा के सांची कॉलोनी में रहने वाले राजेश मैसी अपनी कार में ऑल इंडिया काइम प्रेस की पट्टी लगाए थे. जिसमें ऑल इंडिया काइम प्रेस मिडिया लिखा था. आरोपी फर्जी दस्तावेज तैयार कर ठगी करने के लिए शहर में घुम रहा था. आरोपी राजेश मैसी सफेद रंग के कार में था. जब पुलिस ने कार की तलाशी ली तो उसके आगे पीछे ऑल इंडिया काइम प्रेस मिडिया का स्टीकर लगा था. पूछताछ पर आरोपी राजेश ने पुलिस को बताया कि वह डायरेक्टर है. जब पुलिस ने आरोपी राजेश मैसी से कागज मांगे तो उसने सर्टिफिकेट और दस्तावेज पुलिस को दिखाए. पुलिस ने जब डॉक्यूमेंट की जांच की तो उसमें Office of Ragistarar of News Paper For India Application for Title के फार्म पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डमरूधर चौहान के पदनाम की सील और हस्ताक्षर थे. दस्तावेजों में एक घोषणा पत्र था. जिसमें सीजीएम के पदनाम की सील और हस्ताक्षर थे.

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पुलिस को ऐसे हुआ शक

पुलिस को दस्तावेज की जांच में फर्जी हस्ताक्षर होने का शक हुआ. पुलिस ने सीजेएम न्यायालय से आये डाक और अन्य दस्तावेज जिसमें सीजेएम के हस्ताक्षर से मिलान किया. कोर्ट के दस्तावेज और राजेश मैसी के बनवाये गये दस्तावेज के हस्ताक्षर में भिन्नता पाई गई. पुलिस ने राजेश मैसी से पूछताछ की.

कई धाराओं में मामला दर्ज

आरोपी ने बताया कि दस्तावेज को दिल्ली के हेड क्वार्टर से एप्लीकेशन में मजिस्ट्रेट की सील साइन कराकर वापस भेजा गया. एप्लीकेशन फॉर्म को अपने वकील राहुल गोस्वामी को न्यायालय से सील साइन कराने के लिये देना बताया. जब वकील राहुल गोस्वामी से पूछताछ की गई जो उसने बताया कि 4 से 6 महीने पहले राहुल गोस्वामी और राजेश मैसी दोनों मिलकर सीजीएम के कोर्ट से पद नाम का सील और गोल सील को चोरी कर कई दस्तावेजों में सील लगाकर सीजीएम के फर्जी हस्ताक्षर किए हैं.

अन्य दस्तावेजों में सीजेएम बिलासपुर के पदनाम के सील का उपयोग हुआ है. सीजीएम ने पहले ही पद के नाम की सील और दाण्डिक गोल सील गुम होने की जानकारी पुलिस को दी थी. उसके बाद पुलिस ने फर्जी पत्रकार राजेश मैसी और वकील राहुल गोस्वामी के खिलाफ धारा 379, 467, 468, 471, 120बी न्यायालय पेश कर पुलिस रिमांड लिया गया है.

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