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कानन पेंडारी के शावकों का नाम तय करेंगे पर्यटक, 29 जुलाई को होगा ऐलान - international tiger day

बिलासपुर कानन पेंडारी में टाइगर के शावकों का नामकरण 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर (Tourists will decide the name of the cubs of Bilaspur Kanan Pendari) होगा.

Tourists will decide the name of the cubs of Bilaspur Kanan Pendari
कानन पेंडारी के शावकों का नाम तय करेंगे पर्यटक
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Published : Jul 23, 2022, 12:23 PM IST

बिलासपुर : कानन पेंडारी जूलॉजिकल गार्डन में बाघिन रंभा के तीन मादा और एक नर बच्चों को जन्म हुआ (Tourists will decide the name of the cubs of Bilaspur Kanan Pendari) था. जन्म लेने के बाद शावकों का अब नामकरण किया जा रहा है. इसके लिए कानन प्रशासन ने जनता से सहयोग मांगा है. कानन प्रशासन ने कुछ नाम तय किए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा वोट मिलने पर उन नामों को सेलेक्ट किया जाएगा और फिर मादा बाघिन रंभा के तीन मादा बच्चे और एक नर बच्चे का नाम रखा जाएगा. इन नामों की घोषणा अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (international tiger day) 29 जुलाई के अवसर पर सार्वजनिक किया जाएगा.

कब हुआ था शावकों का जन्म : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क (Bilaspur Kanan Pendari Zoological Park) में 17 अप्रैल को बाघिन रंभा ने चार शावकों को जन्म दिया था. इन शावकों में तीन मादा और एक नर शावक हैं. शावक जन्म लेने के बाद करण प्रबंधन ने इन्हें डार्क रूम में रखा था ताकि इन्हें बीमारी और अन्य प्रकार की वायरस से बचाया जा सके. 4 महीने के होने के बाद अब बच्चों का नामकरण किया जा रहा है. प्रबंधन को मादा शावकों के लिए 16 नाम और नर शावक के लिए 10 नाम मिले हैं. इनमें से ही शावकों के नाम चयनित कर रखे जाएंगे.

कैसे और किस प्रक्रिया से रखे जाते है नाम : कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में जन्म लेने वाले जंगली जानवरों के बच्चों के नामकरण की प्रक्रिया (Tiger cubs named in Bilaspur Kanan Pendari Zoological Park) है. यह प्रक्रिया काफी इंटरेस्टिंग ढंग से की जाती है. पहले आम जनता से पैदा होने वाले शावकों के नाम मंगाए जाते हैं. जनता अपने पसंद के नाम चिट्ठी में लिखकर कानन पेंडारी के गेट पर लगे डब्बू पर डाल देती है. इसके बाद इन नामों से कुछ तय कर इन्हें कानन के गेट पर चस्पा किया जाता है.

नामों को लेकर वोटिंग : कानून प्रबंधन आम लोगों का जंगली जानवरों के प्रति प्रेम बढ़ाने के लिए कुछ इस तरह की प्रक्रिया करती है, कि लोग जंगली जानवरों के प्रति आकर्षित हो और उनमें सहेजने की प्रवृत्ति उत्पन्न हो. कानन प्रबंधन यहां पैदा होने शावकों के लिए आम जनता से नाम मंगाती है. नाम आने के बाद उन्हें कानन पेंडारी के मुख्य गेट पर टिकट के साथ दिए जाते है और चस्पा कर दिया जाता है. 4 से 5 दिनों तक आने वाले पर्यटकों के द्वारा वोट कराए जाते हैं, और जिन नामों को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं उन्ही नामों से बच्चों के नामकरण किए जाते हैं.

कितने और कौन से नामों की सूची तैयार की गई है : कानन प्रबंधन को मादा बाघिन रंभा के बच्चों के लिए लगभग 26 नाम मिले हैं . जिनमें 16 नाम मादा शावक और 10 नाम नर शावक के लिए हैं. इन्हीं नामों में चयन कर नाम रखे जाएंगे. इस प्रक्रिया के लिए कारण प्रबंधन ने 23 से 27 जुलाई तक कानन पेंडारी आने वाले पर्यटक को टिकट के साथ नाम की सूची दी जाएगी. इन नामों को 29 जुलाई अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर सार्वजनिक किया जाएगा.

कौन-कौन से आए हैं नाम ?

मादा शावक

1 आनंदी
2 हीरा
3 समृद्धि
4 अरुंधति
5 साधना
6 रोशनी
7 बिलासा
8 जोया
9 राशि
10 महामाया
11 वरूनी
12 दिशा
13 बानी
14 शिवानी
15 अंबिका
16 वामिका

नर शावक

1 रुद्रा
2 धीर
3 अर्थ
4 अर्जुन
5 अभिमन्यु
6 टीपू
7 शिवम
8 मितान
9 रुस्तम
10 सुल्तान

बिलासपुर : कानन पेंडारी जूलॉजिकल गार्डन में बाघिन रंभा के तीन मादा और एक नर बच्चों को जन्म हुआ (Tourists will decide the name of the cubs of Bilaspur Kanan Pendari) था. जन्म लेने के बाद शावकों का अब नामकरण किया जा रहा है. इसके लिए कानन प्रशासन ने जनता से सहयोग मांगा है. कानन प्रशासन ने कुछ नाम तय किए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा वोट मिलने पर उन नामों को सेलेक्ट किया जाएगा और फिर मादा बाघिन रंभा के तीन मादा बच्चे और एक नर बच्चे का नाम रखा जाएगा. इन नामों की घोषणा अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (international tiger day) 29 जुलाई के अवसर पर सार्वजनिक किया जाएगा.

कब हुआ था शावकों का जन्म : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क (Bilaspur Kanan Pendari Zoological Park) में 17 अप्रैल को बाघिन रंभा ने चार शावकों को जन्म दिया था. इन शावकों में तीन मादा और एक नर शावक हैं. शावक जन्म लेने के बाद करण प्रबंधन ने इन्हें डार्क रूम में रखा था ताकि इन्हें बीमारी और अन्य प्रकार की वायरस से बचाया जा सके. 4 महीने के होने के बाद अब बच्चों का नामकरण किया जा रहा है. प्रबंधन को मादा शावकों के लिए 16 नाम और नर शावक के लिए 10 नाम मिले हैं. इनमें से ही शावकों के नाम चयनित कर रखे जाएंगे.

कैसे और किस प्रक्रिया से रखे जाते है नाम : कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में जन्म लेने वाले जंगली जानवरों के बच्चों के नामकरण की प्रक्रिया (Tiger cubs named in Bilaspur Kanan Pendari Zoological Park) है. यह प्रक्रिया काफी इंटरेस्टिंग ढंग से की जाती है. पहले आम जनता से पैदा होने वाले शावकों के नाम मंगाए जाते हैं. जनता अपने पसंद के नाम चिट्ठी में लिखकर कानन पेंडारी के गेट पर लगे डब्बू पर डाल देती है. इसके बाद इन नामों से कुछ तय कर इन्हें कानन के गेट पर चस्पा किया जाता है.

नामों को लेकर वोटिंग : कानून प्रबंधन आम लोगों का जंगली जानवरों के प्रति प्रेम बढ़ाने के लिए कुछ इस तरह की प्रक्रिया करती है, कि लोग जंगली जानवरों के प्रति आकर्षित हो और उनमें सहेजने की प्रवृत्ति उत्पन्न हो. कानन प्रबंधन यहां पैदा होने शावकों के लिए आम जनता से नाम मंगाती है. नाम आने के बाद उन्हें कानन पेंडारी के मुख्य गेट पर टिकट के साथ दिए जाते है और चस्पा कर दिया जाता है. 4 से 5 दिनों तक आने वाले पर्यटकों के द्वारा वोट कराए जाते हैं, और जिन नामों को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं उन्ही नामों से बच्चों के नामकरण किए जाते हैं.

कितने और कौन से नामों की सूची तैयार की गई है : कानन प्रबंधन को मादा बाघिन रंभा के बच्चों के लिए लगभग 26 नाम मिले हैं . जिनमें 16 नाम मादा शावक और 10 नाम नर शावक के लिए हैं. इन्हीं नामों में चयन कर नाम रखे जाएंगे. इस प्रक्रिया के लिए कारण प्रबंधन ने 23 से 27 जुलाई तक कानन पेंडारी आने वाले पर्यटक को टिकट के साथ नाम की सूची दी जाएगी. इन नामों को 29 जुलाई अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर सार्वजनिक किया जाएगा.

कौन-कौन से आए हैं नाम ?

मादा शावक

1 आनंदी
2 हीरा
3 समृद्धि
4 अरुंधति
5 साधना
6 रोशनी
7 बिलासा
8 जोया
9 राशि
10 महामाया
11 वरूनी
12 दिशा
13 बानी
14 शिवानी
15 अंबिका
16 वामिका

नर शावक

1 रुद्रा
2 धीर
3 अर्थ
4 अर्जुन
5 अभिमन्यु
6 टीपू
7 शिवम
8 मितान
9 रुस्तम
10 सुल्तान

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