बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) में टूलकिट केस में सुनवाई दो हफ्ते के लिए टल गई है. आज हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने इस केस में जवाब पेश करने के लिए दो हफ्ते का और समय मांगा है. आपको बता दें कि यह सुनवाई जस्टिस पीपी साहू ( Justice PP Sahu) की सिंगल बेंच में हुई है.
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इससे पहले कथित फर्जी टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह और भाजपा नेता संबित पात्रा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी. सर्वोच्च न्यायालय ने कथित फर्जी टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसमें दोनों नेताओं के खिलाफ जांच पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी.
22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कथित रूप से फर्जी टूलकिट मामले संबंधी ट्वीट को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता संबित पात्रा के खिलाफ जांच पर रोक लगाने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली छत्तीसगढ़ सरकार की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया.
क्या है टूलकिट मामला ?
पूरा विवाद 18 मई 2021 से शुरू हुआ जब बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह (Former CM Raman Singh) ने अपने ट्वीटर अकाउंट से कांग्रेस का कथित लेटर पोस्ट किया था. इस पोस्ट के जरिए रमन सिंह ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने इसे कांग्रेस की प्लानिंग बताया था और इसे देश में कोरोना के मद्देनजर माहौल खराब करने वाला बताया. रमन सिंह ने कहा था कि कांग्रेस विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने को लेकर कुंभ का दुष्प्रचार और जलती लाशों की फोटो दिखाने का षड़यंत्र कर रही है. रमन सिंह की तरफ से सोशल मीडिया पर लिखा गया कि 'कोरोना संकट (corona crisis) के समय कांग्रेस की बिलो द बेल्ट राजनीति देखकर शर्म आती है. विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने कांग्रेस कुंभ का दुष्प्रचार व जलती लाशों की फोटो दिखाने का षड्यंत्र कर रही है. महामारी से साथ लड़ने के बजाय कांग्रेस लोगों को आपस में लड़ा रही है.
कांग्रेस ने दर्ज कराई थी FIR
कांग्रेस ने दर्ज कराई थी FIRइसी पोस्ट के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता भड़क गए. कांग्रेस की तरफ से रायपुर के सिविल लाइन थाने (Civil Line Police Stations Raipur) में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Raman Singh), भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) के खिलाफ FIR दर्ज कराई. NSUI के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा की तरफ से यह शिकायत दर्ज कराई गई. जिसमें कांग्रेस पार्टी की इमेज को खराब करने का आरोप लगाया गया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि डॉक्टर रमन सिंह, संबित पात्रा (Raman Singh, Sambit Patra) और दूसरे बीजेपी नेताओं की तरफ से सोशल मीडिया पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के जाली लेटर हेड पर फेक न्यूज (fake news) फैलाकर देश का माहौल खराब करने की साजिश की गई. जिसके बाद यह मामला पुलिस में पहुंचा. बीजेपी ने रायपुर और फिर प्रदेश के दूसरे जिलों में प्रदर्शन किया. उसके बाद रमन सिंह ने अपना ट्विटर एक्सेस (Twitter Access) देने से इंकार कर दिया. फिर यह मुद्दा अदालत के दरवाजे तक पहुंचा.
क्या होता है टूलकिट?
टूलकिट एक डिजिटल दस्तावेज (Toolkit a digital document) होता है. इसे सोशल मीडिया के जरिए शेयर किया जाता है. टूलकिट (tool kit) आमतौर पर किसी मुद्दे को लेकर तैयार किया जाता है. उस मुद्दे पर तैयारियों और आगे के रोडमैप का उल्लेख किया जाता है. टूलकिट में संबंधित मामले से जुड़ा हर अपडेट डाला जाता है. इसे जन आंदोलन बनाने की कोशिश से जुड़ी तमाम सामग्री सूचनाओं के तौर पर उपलब्ध करवाई जाती है. इसमें एक्शन प्वाइंट दिया होता है और उसी के मुताबिक तैयारी की जाती है. सोशल मीडिया पर हैशटैग भी चलाया जाता है.सीधे शब्दों में कहें तो एक तरह का नोट या डॉक्यूमेंट होता है, जिसमें किसी मामले को लेकर कई जानकारी लिखी होती है. इस डॉक्यूमेंट को इंटरनेट के माध्यम से एक-दूसरे को भेजा जाता है या सोशल मीडिया पर किसी चीज का प्रचार किया जाता है. इसका इस्तेमाल अक्सर आंदोलन या प्रदर्शन में ज्यादातर होता है. इसमें जानकारी दी जाती है कि भीड़ को कहां इकट्ठा होना है, कौन से नारे लगाने हैं और सोशल मीडिया पर किस हैशटैग के साथ अपनी बात रखनी है और किस तरह से आंदोलन को आगे लेकर जाना है.