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माघ पूर्णिमा पर मनियारी नदी में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

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Published : Feb 27, 2021, 5:03 PM IST

माघी पूर्णिमा के मौके बिलासपुर जिले के मनियारी नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. इस मौके पर श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान कर धार्मिक स्थानों पर पूजा-पाठ की. माघी पूर्णिमा के दिन बिल्हा क्षेत्र से लगे कई स्थानों पर मेला आयोजन किया गया. भक्तों ने देवरानी-जेठानी के प्रसिद्ध मंदिर और रूद्र शिव में पूजा अर्चना की.

Thousands of devotees took dip of faith in Maniyari river
मनियारी नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

बिलासपुरः माघी पूर्णिमा के मौके जिले के मनियारी नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. इस मौके पर श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान कर धार्मिक स्थानों पर पूजा-पाठ की. माघी पूर्णिमा के दिन बिल्हा क्षेत्र से लगे कई स्थानों पर मेले का आयोजन किया गया. भूलकहा और जोगी दीपा समेत मनिहारी नदी के तट पर बसे तालागांव के पौराणिक स्थल पर मेले की धूम रही. देवरानी-जेठानी के प्रसिद्ध मंदिर और रूद्र शिव की पूजा अर्चना के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. विश्व प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र तालागांव में भक्तों ने पूजा-पाठ किया.

राजिम माघी पुन्नी मेला: हजारों श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में लगाई डुबकी

सर्भपुरी शासकों ने तालागांव में बनवाया था मंदिर

श्रद्धालुओं ने बताया कि 5वीं-6वीं शताब्दी के दक्षिण कौशल सर्भपुरी शासकों ने तालागांव में मंदिर बनवाया था. विशिष्ट स्थापत्य शैली से देवरानी जेठानी मंदिर का निर्माण कराया था. मंदिर में मौजूद कलाकृति और मूर्तियों का भी निर्माण भी इसी दौरान कराया गया था. वर्ष 1976 से लेकर 1989 तक की गई खुदाई में यहां लाल फर्शी पत्थर के प्राचीन अवशेष मिल चुके हैं. भक्त यहां पूर्णिमा के दिन मनियारी नदी में डुबकी लगाकर पूजा-पाठ करते हैं.

मेले में जुटी श्रद्धालुओं की भीड़

माघी पूर्णिमा मेले जुटे श्रद्धालुओं ने झूले और ओखरे की मिठास का आनंद लिया. बच्चों ने भी खिलौनों की खूब खरीदारी की. मेले में जहां खेल-खिलौने और मिठाइयों की दुकान पर भीड़ देखी गई. वहीं छत्तीसगढ़ की संस्कृति में मेले का पारंपरिक महत्व भी देखने को मिला. नदी के तट पर और धार्मिक स्थानों के आस-पास भक्तों की भीड़ देखी गई.

बिलासपुरः माघी पूर्णिमा के मौके जिले के मनियारी नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. इस मौके पर श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान कर धार्मिक स्थानों पर पूजा-पाठ की. माघी पूर्णिमा के दिन बिल्हा क्षेत्र से लगे कई स्थानों पर मेले का आयोजन किया गया. भूलकहा और जोगी दीपा समेत मनिहारी नदी के तट पर बसे तालागांव के पौराणिक स्थल पर मेले की धूम रही. देवरानी-जेठानी के प्रसिद्ध मंदिर और रूद्र शिव की पूजा अर्चना के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. विश्व प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र तालागांव में भक्तों ने पूजा-पाठ किया.

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सर्भपुरी शासकों ने तालागांव में बनवाया था मंदिर

श्रद्धालुओं ने बताया कि 5वीं-6वीं शताब्दी के दक्षिण कौशल सर्भपुरी शासकों ने तालागांव में मंदिर बनवाया था. विशिष्ट स्थापत्य शैली से देवरानी जेठानी मंदिर का निर्माण कराया था. मंदिर में मौजूद कलाकृति और मूर्तियों का भी निर्माण भी इसी दौरान कराया गया था. वर्ष 1976 से लेकर 1989 तक की गई खुदाई में यहां लाल फर्शी पत्थर के प्राचीन अवशेष मिल चुके हैं. भक्त यहां पूर्णिमा के दिन मनियारी नदी में डुबकी लगाकर पूजा-पाठ करते हैं.

मेले में जुटी श्रद्धालुओं की भीड़

माघी पूर्णिमा मेले जुटे श्रद्धालुओं ने झूले और ओखरे की मिठास का आनंद लिया. बच्चों ने भी खिलौनों की खूब खरीदारी की. मेले में जहां खेल-खिलौने और मिठाइयों की दुकान पर भीड़ देखी गई. वहीं छत्तीसगढ़ की संस्कृति में मेले का पारंपरिक महत्व भी देखने को मिला. नदी के तट पर और धार्मिक स्थानों के आस-पास भक्तों की भीड़ देखी गई.

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