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बिलासपुर: कठपुतली कार्यक्रम के जरिए लगाई जा रही मोहल्ला क्लास, कलेक्टर ने की तारीफ

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Published : Sep 17, 2020, 3:13 PM IST

छत्तीसगढ़ के दूरस्थ और ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क कनेक्टिविटी सही नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी. इस परेशानी को देखते हुए गांव-गांव में ऑफलाइन मोहल्ला क्लासेस की शुरूआत की गई. इसी कड़ी में शिक्षक नई तरकीब के साथ बच्चों को पढ़ा रहे हैं, जिससे बच्चे भी खुश हैं और उनके अभिभावक भी.

Mohalla class in bilaspur
मोहल्ला क्लास में पढ़ते बच्चे

बिलासपुर: कोरोना की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो, इसके लिए राज्य शासन तरह-तरह के प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने गांव-गांव में मोहल्ला क्लास की शुरुआत की है. शहर में मोहल्ला क्लास में पढई तुहंर पारा के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी कलेक्टर ने जमकर तारीफ की है.

मोहल्ला क्लास में पढ़ते बच्चे

कार्यक्रम का आयोजन शहर के मन्नाडोल तिफरा में किया गया. इस दौरान शिक्षकों ने कठपुतली कार्यक्रम प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में कठपुतली के माध्यम से शिक्षा, सुरक्षा और जागरूकता को जोड़कर मोहल्ला क्लास का संचालन किया गया. बच्चों को शिक्षत करने की इस पहल को शिक्षा विभाग के अधिकारियों खूब सराहा है. मौके पर मौजूद कलेक्टर और सचिव ने तालियां बजाकर शिक्षकों का उत्साह बढ़ाया और उन्हें प्रोतसाहित किया.

पढ़ें: SPECIAL: बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहे कोरिया के 'सिनेमा वाले बाबू', खास है इनका मोहल्ला क्लास !

कार्यक्रम में DEO, BEO बिल्हा, ABEO बिल्हा, DMC बिलासपुर, BRC बिल्हा, समेत कई लोग मौजूद रहे. कोरोना काल में सुवाधाविहिन क्षेत्रों में बच्चे पढ़ाई से वंचित हैं, लेकिन शिक्षकों की इस पहल से बच्चों की पढ़ाई की परेशानियां कुछ हद तक कम हुई है. शहर के शिक्षकों की ओर से लगातार बच्चों के विकास के लिए काम किया जा रहा है.

पढ़ई तुंहर दुआर की शुरुआत

कोरोना संकट को देखते हुए राज्य सराकार ने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए नई योजना पढ़ई तुंहर दुआर की शुरूआत की. इस योजना के तहत बच्चों को ऑनलाइन मोबाइल के जरिए इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है. एक एप्लीकेशन तैयार कर स्कूली बच्चों और शिक्षकों उसमें पंजीयन करने की सुविधा दी गई, लेकिन छत्तीसगढ़ के दूरस्थ और ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क कनेक्टिविटी सही नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी. इस परेशानी को देखते हुए गांव-गांव में ऑफलाइन मोहल्ला क्लासेस की शुरूआत की गई. जिसमें शिक्षक गांव के मोहल्लों में जाकर बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं. इसी कड़ी में शिक्षक नई तरकीब के साथ बच्चों को पढ़ा रहे हैं, जिससे बच्चे भी खुश हैं और उनके अभिभावक भी.

Mohalla class in bilaspur
मोहल्ला क्लास में पढ़ते बच्चे

पढ़ई तुंहर दुआर योजना के तहत मोहल्ला क्लास

छत्तीसगढ़ के कोरिया के फाटपानी गांव के शासकीय प्राथमिक शाला में पढ़ाने वाले शिक्षक अशोक लोधी, इन दिनों बच्चों के लिए 'सिनेमा वाले बाबू' बने हुए हैं. वे LED टीवी के माध्यम से गांव-गांव जाकर मोहल्ला क्लास में बच्चों की पढ़ाई करा रहे हैं, जिससे बच्चे खुश हैं. वे टाइम-टेबल के हिसाब से रोजाना अलग-अलग मोहल्लों में जाकर टीवी में ऑडियो और वीडियो के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं. बच्चों के बीच अब उनकी 'सिनेमा वाले बाबू' के नाम से पहचान बन गई है.

बिलासपुर: कोरोना की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो, इसके लिए राज्य शासन तरह-तरह के प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने गांव-गांव में मोहल्ला क्लास की शुरुआत की है. शहर में मोहल्ला क्लास में पढई तुहंर पारा के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी कलेक्टर ने जमकर तारीफ की है.

मोहल्ला क्लास में पढ़ते बच्चे

कार्यक्रम का आयोजन शहर के मन्नाडोल तिफरा में किया गया. इस दौरान शिक्षकों ने कठपुतली कार्यक्रम प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में कठपुतली के माध्यम से शिक्षा, सुरक्षा और जागरूकता को जोड़कर मोहल्ला क्लास का संचालन किया गया. बच्चों को शिक्षत करने की इस पहल को शिक्षा विभाग के अधिकारियों खूब सराहा है. मौके पर मौजूद कलेक्टर और सचिव ने तालियां बजाकर शिक्षकों का उत्साह बढ़ाया और उन्हें प्रोतसाहित किया.

पढ़ें: SPECIAL: बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहे कोरिया के 'सिनेमा वाले बाबू', खास है इनका मोहल्ला क्लास !

कार्यक्रम में DEO, BEO बिल्हा, ABEO बिल्हा, DMC बिलासपुर, BRC बिल्हा, समेत कई लोग मौजूद रहे. कोरोना काल में सुवाधाविहिन क्षेत्रों में बच्चे पढ़ाई से वंचित हैं, लेकिन शिक्षकों की इस पहल से बच्चों की पढ़ाई की परेशानियां कुछ हद तक कम हुई है. शहर के शिक्षकों की ओर से लगातार बच्चों के विकास के लिए काम किया जा रहा है.

पढ़ई तुंहर दुआर की शुरुआत

कोरोना संकट को देखते हुए राज्य सराकार ने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए नई योजना पढ़ई तुंहर दुआर की शुरूआत की. इस योजना के तहत बच्चों को ऑनलाइन मोबाइल के जरिए इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है. एक एप्लीकेशन तैयार कर स्कूली बच्चों और शिक्षकों उसमें पंजीयन करने की सुविधा दी गई, लेकिन छत्तीसगढ़ के दूरस्थ और ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क कनेक्टिविटी सही नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी. इस परेशानी को देखते हुए गांव-गांव में ऑफलाइन मोहल्ला क्लासेस की शुरूआत की गई. जिसमें शिक्षक गांव के मोहल्लों में जाकर बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं. इसी कड़ी में शिक्षक नई तरकीब के साथ बच्चों को पढ़ा रहे हैं, जिससे बच्चे भी खुश हैं और उनके अभिभावक भी.

Mohalla class in bilaspur
मोहल्ला क्लास में पढ़ते बच्चे

पढ़ई तुंहर दुआर योजना के तहत मोहल्ला क्लास

छत्तीसगढ़ के कोरिया के फाटपानी गांव के शासकीय प्राथमिक शाला में पढ़ाने वाले शिक्षक अशोक लोधी, इन दिनों बच्चों के लिए 'सिनेमा वाले बाबू' बने हुए हैं. वे LED टीवी के माध्यम से गांव-गांव जाकर मोहल्ला क्लास में बच्चों की पढ़ाई करा रहे हैं, जिससे बच्चे खुश हैं. वे टाइम-टेबल के हिसाब से रोजाना अलग-अलग मोहल्लों में जाकर टीवी में ऑडियो और वीडियो के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं. बच्चों के बीच अब उनकी 'सिनेमा वाले बाबू' के नाम से पहचान बन गई है.

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