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तारबाहर थाना प्रभारी कलीम खान उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित - Tarabhar Police Station Incharge

बिलासपुर के तारबाहर थाना प्रभारी कलीम खान को छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सम्मानित किया. आयोग ने बाल कल्याण के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें सम्मानित किया.

Tarabahar police station incharge Kalim Khan honored for outstanding work in bilaspur
कलीम खान हुए सम्मानित
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Published : Feb 7, 2021, 6:02 PM IST

बिलासपुर : तारबाहर थाना प्रभारी मोहम्मद कलीम खान को छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सम्मानित किया है. बाल कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है. आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे और सचिव प्रतीक खरे ने उन्हें प्रमाण पत्र सौंपा.

कलीम खान को वर्ष 2019-20 में विराट सराफ अपहरण कांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 50 से अधिक गुमशुदा बालक-बालिकाओं की बरामदगी और कई बच्चों को नशे की लत से छुड़ाकर मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया था. कलीम खान एक बच्ची की शिक्षा का खर्च भी उठा रहे हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय की स्पेशल रिपोर्ट में कलीम का नाम

थाना प्रभारी कलीम खान का नाम केंद्रीय गृह मंत्रालय की स्पेशल रिपोर्ट में शामिल हुआ था. उस समय वह सिटी कोतवाली के प्रभार में थे. कोरोनाकाल में छत्तीसगढ़ के 8 जवानों का नाम शामिल हुआ था. लॉकडाउन के दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक रिसर्च किया था. प्रवासी मजदूरों तक आवश्यक सेवा पहुंचाने और जरूरतमंदों, गर्भवती महिलाओं सहित परिवार और बेजुबानों की भी मदद करना शामिल था.

पढ़ें- अरपा महोत्सव: साइक्लोथॉन का किया गया शुभारंभ

कोरोनाकाल में किया था सराहनीय कार्य

पुलिस अनुसंधान और अपराध ब्यूरो की ओर से कोविड-19 महामारी के दौरान संघर्ष में भारतीय पुलिस की भूमिका को लेकर एक बुकलेट जारी की थी. कलीम खान के प्रयासों को इसमें शामिल किया था. शासन के निर्देश नहीं मानने वालों की आरती उतारकर और मॉर्निंग वॉक पर निकलने वालों को योगासन सीखाकर घर में रहने की सलाह दी थी. कलीम ने मोहल्ला समिति बनाकर निगरानी भी करवाई. इस दौरान पूरे शहर की निगरानी के लिए ड्रोन का भी इस्तमाल किया गया था. मेडिकल कर्मियों और सफाईकर्मियों का सम्मान किया गया. महिला दिवस के दिन महिला वृद्धाश्रम और पुलिस परिवार की महिलाओं को केक और पुष्पगुच्छ देकर उनका सम्मान करने जैसे सराहनीय कार्य कलीम ने किए थे.

40 दिनों तक घर से बाहर रहकर की जनता की सेवा

कलीम खान और उनके टीम लॉकडाउन के दौरान 40 दिनों तक थाना परिसर में ही रही. घर से दूर हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के बारे में सोचते हुए अकेली रहने वाली छात्राओं को सुरक्षित घर भेजने की व्यवस्था की. राशन और भोजन के लिए एनजीओ की मदद ली. जागरूकता के लिए अलग-अलग मोहल्लों में स्थानीय लोगों की टीम बनाई गई, जिसमें लोगों को जोड़कर घरों में रहने प्रेरित किया गया.

कलीम खान ने सिखाया योगासन

लॉकडाउन के दौरान कलीम ने मॉर्निंग वॉक करने वालों को योगासन की जानकारी दी. उन्हें घर में ही रहकर फिटनेस बरकरार रखने के आसन सिखाए. इस तरह से तमाम प्रयासों के लिए शहर के आमजनों से कलीम खान को काफी सराहना मिली.

बिलासपुर : तारबाहर थाना प्रभारी मोहम्मद कलीम खान को छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सम्मानित किया है. बाल कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है. आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे और सचिव प्रतीक खरे ने उन्हें प्रमाण पत्र सौंपा.

कलीम खान को वर्ष 2019-20 में विराट सराफ अपहरण कांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 50 से अधिक गुमशुदा बालक-बालिकाओं की बरामदगी और कई बच्चों को नशे की लत से छुड़ाकर मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया था. कलीम खान एक बच्ची की शिक्षा का खर्च भी उठा रहे हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय की स्पेशल रिपोर्ट में कलीम का नाम

थाना प्रभारी कलीम खान का नाम केंद्रीय गृह मंत्रालय की स्पेशल रिपोर्ट में शामिल हुआ था. उस समय वह सिटी कोतवाली के प्रभार में थे. कोरोनाकाल में छत्तीसगढ़ के 8 जवानों का नाम शामिल हुआ था. लॉकडाउन के दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक रिसर्च किया था. प्रवासी मजदूरों तक आवश्यक सेवा पहुंचाने और जरूरतमंदों, गर्भवती महिलाओं सहित परिवार और बेजुबानों की भी मदद करना शामिल था.

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कोरोनाकाल में किया था सराहनीय कार्य

पुलिस अनुसंधान और अपराध ब्यूरो की ओर से कोविड-19 महामारी के दौरान संघर्ष में भारतीय पुलिस की भूमिका को लेकर एक बुकलेट जारी की थी. कलीम खान के प्रयासों को इसमें शामिल किया था. शासन के निर्देश नहीं मानने वालों की आरती उतारकर और मॉर्निंग वॉक पर निकलने वालों को योगासन सीखाकर घर में रहने की सलाह दी थी. कलीम ने मोहल्ला समिति बनाकर निगरानी भी करवाई. इस दौरान पूरे शहर की निगरानी के लिए ड्रोन का भी इस्तमाल किया गया था. मेडिकल कर्मियों और सफाईकर्मियों का सम्मान किया गया. महिला दिवस के दिन महिला वृद्धाश्रम और पुलिस परिवार की महिलाओं को केक और पुष्पगुच्छ देकर उनका सम्मान करने जैसे सराहनीय कार्य कलीम ने किए थे.

40 दिनों तक घर से बाहर रहकर की जनता की सेवा

कलीम खान और उनके टीम लॉकडाउन के दौरान 40 दिनों तक थाना परिसर में ही रही. घर से दूर हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के बारे में सोचते हुए अकेली रहने वाली छात्राओं को सुरक्षित घर भेजने की व्यवस्था की. राशन और भोजन के लिए एनजीओ की मदद ली. जागरूकता के लिए अलग-अलग मोहल्लों में स्थानीय लोगों की टीम बनाई गई, जिसमें लोगों को जोड़कर घरों में रहने प्रेरित किया गया.

कलीम खान ने सिखाया योगासन

लॉकडाउन के दौरान कलीम ने मॉर्निंग वॉक करने वालों को योगासन की जानकारी दी. उन्हें घर में ही रहकर फिटनेस बरकरार रखने के आसन सिखाए. इस तरह से तमाम प्रयासों के लिए शहर के आमजनों से कलीम खान को काफी सराहना मिली.

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