गौरेला पेंड्रा मरवाही: स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के तहत गौरेला जनपद के ग्राम पीपरखूंटी गांव में शौचालय निर्माण के भुगतान में अनियमितता का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. building toilets पिछले 3 साल से भुगतान ना मिलने से नाराज हितग्राहियों का गुस्सा फूट पड़ा. amount not received बड़ी संख्या में ग्रामीण शिकायत करने के लिए एसडीएम कार्यालय पहुंचे. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम पेंड्रा रोड पुष्पेंद्र शर्मा ने गौरेला जनपद सीईओ को अपने दफ्तर में बुलाया और 7 दिन में मामले की जांच करने का निर्देश दिया.
2018 -19 का है पूरा मामला: स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए हितग्राहियों को मिलने वाली राशि में बड़े गड़बड़झाला कर रकम डकारने का मामला 2018-19 का है. गौरेला जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत पीपरखूंटी में सैकड़ों शौचालयों की स्वीकृत हुई थी. तब सरकारी दबाव में ग्रामीणों ने खुद के खर्च से अपने घरों में शौचालय बनवा लिया. हालांकि तब उन्हें आश्वासन दिया गया था कि राशि उन्हें जल्द ही मिल जाएगी. शासन से पूरे पैसे की स्वीकृति के साथ ही राशि भी मिल गई. आरोप है कि गांव के सरपंच ने शासन से मिलने वाली पूरी राशि निकाल ली है.
इस गांव में शौचालय निर्माण की राशि के नाम पर हो रहा बड़ा घोटाला, जानिए पूरा मामला
आरटीआई से खुला मामला, जांच में हुई पुष्टि: राशि निकालने के बाद भी हितग्राहियों को प्रति शौचालय दो से तीन हजार रुपए का ही भुगतान किया गया. पूरी गड़बड़ी का खुलासा आरटीआई से हुआ. इसमें 14वें और 15वें वित्त की राशि के साथ विभिन्न मदों से शौचालय के नाम पर लाखों रुपए की निकासी और वितरण बताया गया. लिखित शिकायत के बाद पूरे मामले की जांच जनपद गौरेला द्वारा गठित कमेटी ने की. जांच में यह पाया गया कि ग्रामीणों को दो और तीन हजार का नगद भुगतान किया गया, जबकि हितग्राही मूलक योजना में राशि हितग्राहियों के खाते में डालनी थी. इस तरह प्रति हितग्रही ₹10 हजार से अधिक की राशि की गड़बड़ी की गई.
सीईओ को 7 दिन की मोहलत: लिखित शिकायत के बाद एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा ने गौरेला जनपद सीईओ को अपने कार्यालय में बुलाया. ग्रामीणों के सामने ही 7 दिन की मोहलत देते हुए कहा "अगले सोमवार तक पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट उनके कार्यालय में प्रस्तुत करें, ताकि ग्रामीणों को हो रही परेशानी से निजात दिलाई जा सके."