बिलासपुर : निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. जीपी सिंह ने अपने खिलाफ दुर्ग भिलाई में हुए एफआईआर को निरस्त करने याचिका दायर की थी. याचिका पर हाई कोर्ट में 6 अप्रैल गुरुवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई. कोर्ट ने जीपी सिंह की याचिका खारिज कर दी है. दुर्ग के व्यापारी ने जीपी सिंह पर जबरन वसूली और भयादोहन कर 20 लाख रुपए वसूलने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. मामले की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने जीपी सिंह की याचिका खारिज कर दी है.
व्यापारी का क्या था मामला : एफआईआर में व्यापारी ने कहा था कि ''उसका अपने पार्टनर के साथ लेनदेन का विवाद था. उसके पार्टनर ने उसके पैसे दबा दिए थे. उल्टा उसे ही फर्जी केस में फंसा दिया गया. इस दौरान व्यापारी की पत्नी और उनके परिजनों से केस कमजोर करने के बदले में 1 करोड़ रुपए की मांग की गई थी. एडवांस के तौर पर उनसे 20 लाख रुपए वसूल लिए गए थे. एफआईआर के मुताबिक उनके पार्टनर की साझेदारी जीपी सिंह से थी और वे उस वक्त रायपुर के आईजी थे.''
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जीपी सिंह ने उठाया पद का फायदा : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जीपी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करवाने वाले व्यापारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. व्यापारी ने जीपी सिंह पर ब्लैकमेल कर 20 लाख रुपए की उगाही करने का आरोप लगाया था. इसके बाद व्यापारी ने कोर्ट में अपना जवाब पेश किया. निलंबित आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ 2021 में व्यापारी ने दुर्ग जिले के स्मृति नगर चौकी में एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में बताया गया था कि जीपी सिंह ने व्यापारी को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर उससे 20 लाख रुपए वसूले थे. व्यापारी के आरोप के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी.