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NTPC सीपत को सुप्रीम कोर्ट से झटका, जहरीले गैस रोकने के लिए FGD लगाने के आदेश

बिलासपुर के सीपत स्थित NTPC को प्रदूषण रोकने के लिए फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन प्लांट लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है.

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NTPC सीपत को सुप्रीम कोर्ट से झटका
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Published : Aug 14, 2020, 9:00 PM IST

बिलासपुर: NTPC (राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम) प्लांट सीपत से होने वाले प्रदूषण को रोकने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया है. सर्वोच्च न्यायालय में NTPC ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पारित आदेश को चुनौती दी थी. कोर्ट ने याचिका को निराकृत करते हुए रेलवे और NTPC को एक महीने के अंदर कोयला परिवहन ढककर करने और प्लांट से निकलने वाले जहरीले सल्फर डाइऑक्साइड को फैलने से रोकने के लिए फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) प्लांट लगाने के आदेश दिए हैं. इसके लिए दिसंबर 2021 तक का समय दिया गया है.

NTPC सीपत को सुप्रीम कोर्ट से झटका

केस को लेकर अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि बिलासपुर की रश्मि सिंह, रमाशंकर और देव कुमार कनेरी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें NTPC सीपत प्लांट से निकलने वाले सल्फर डाइऑक्साइड, खुले में कोयला लाने, जल और वायु प्रदूषण के साथ ही राखड़ के फैलने को रोकने की मांग की गई थी. 2014 में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को सौंप दिया था.

पढ़ें: CM बघेल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को लिखा पत्र, EIA अधिसूचना के मसौदे पर उठाए सवाल

NGT ने 27 फरवरी 2020 को फैसला सुनाया था. इसमें NGT ने पाया कि NTPC प्लांट से प्रदूषण रोकने के लिए पर्यावरण शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है. एनजीटी ने जल प्रदूषण पानी रिसाव और राखड़ की व्यवस्था पर कमेटी बनाने के लिए कहा था. साथ ही सुधार के लिए कमेटी के निर्णय पर फैसला लेने को कहा था. साथ ही एनजीटी ने कोयला परिवहन ढककर करने और आसपास के रहने वालों को सल्फर डाइऑक्साइड से बचाने के लिए सल्फर डाइऑक्साइड को संग्रहित कर के पर्यावरण में जाने से रोकने के लिए कहा था.

बिलासपुर: NTPC (राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम) प्लांट सीपत से होने वाले प्रदूषण को रोकने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया है. सर्वोच्च न्यायालय में NTPC ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पारित आदेश को चुनौती दी थी. कोर्ट ने याचिका को निराकृत करते हुए रेलवे और NTPC को एक महीने के अंदर कोयला परिवहन ढककर करने और प्लांट से निकलने वाले जहरीले सल्फर डाइऑक्साइड को फैलने से रोकने के लिए फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) प्लांट लगाने के आदेश दिए हैं. इसके लिए दिसंबर 2021 तक का समय दिया गया है.

NTPC सीपत को सुप्रीम कोर्ट से झटका

केस को लेकर अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि बिलासपुर की रश्मि सिंह, रमाशंकर और देव कुमार कनेरी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें NTPC सीपत प्लांट से निकलने वाले सल्फर डाइऑक्साइड, खुले में कोयला लाने, जल और वायु प्रदूषण के साथ ही राखड़ के फैलने को रोकने की मांग की गई थी. 2014 में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को सौंप दिया था.

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NGT ने 27 फरवरी 2020 को फैसला सुनाया था. इसमें NGT ने पाया कि NTPC प्लांट से प्रदूषण रोकने के लिए पर्यावरण शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है. एनजीटी ने जल प्रदूषण पानी रिसाव और राखड़ की व्यवस्था पर कमेटी बनाने के लिए कहा था. साथ ही सुधार के लिए कमेटी के निर्णय पर फैसला लेने को कहा था. साथ ही एनजीटी ने कोयला परिवहन ढककर करने और आसपास के रहने वालों को सल्फर डाइऑक्साइड से बचाने के लिए सल्फर डाइऑक्साइड को संग्रहित कर के पर्यावरण में जाने से रोकने के लिए कहा था.

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