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Students Protest to Save Playground of Jp Verma College: जेपी वर्मा कालेज के खेल मैदान को बचाने को लेकर छात्रों का धरना - Jp Verma College

शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा महाविद्यालय के खेल मैदान को बचाने के लोकर एक नया मोड़ ले लिया है. यह मामला अब हाई कोर्ट से भी बेचने के कोई ठोस कारण नहीं होने की बात कही है, यानी इस जमीन को बेचा जा सकता है. खेल मैदान बेचने के मामले में कुछ महीने पहले काफी विवाद हुआ था और यह मामला प्रदेश की राजनीति में तूल पकड़ लिया था. बाद में इस मामले में मुख्यमंत्री की दखलदाजी के बाद महाविद्यालय के खेल मैदान को बेचने की कोशिश नाकाम हो गई थी. फिर महाविद्यालय की जमीन दान करने वाले व्यक्ति के वंशजों ने इसे बेचने की अनुमति को लेकर हाई कोर्ट तक पहुंच गए और हाईकोर्ट के निर्णय पर यह जमीन अब बिक सकती है. अब इस जमीन बचाने को लेकर छात्र मैदान में उतर गए है. रैली, धरना प्रदर्शन कर राज्यपाल और मुख्यमंत्री से खेल मैदान को बचाने की अपील भी कर रहे हैं.

Students Protest to Save Playground of Jp Verma College
जेपी वर्मा कालेज के खेल मैदान को बचाने को लेकर छात्रों का धरना
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Published : Feb 1, 2023, 9:14 PM IST

बिलासपुर: रायपुर रोड के जरहाभाटा में ताश की जमुना प्रसाद वर्मा महाविद्यालय स्थित है. यहां फर्स्ट ईयर से पोस्ट ग्रेजुएशन तक क्लास संचालित होती है. महाविद्यालय में कई एकड़ जमीन में महाविद्यालय का निर्माण कराया गया है. कुछ एकड़ जमीन खेल मैदान के लिए छोड़ दिया गया था. अब इस जमीन को दान करने वाले दान दाता के पौत्र इसे वापस लेकर इसे बेचना चाहते है. इस मामले में पहले भी विरोध किया गया और कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया था, लेकिन इसका अब तक प्रशासनिक तौर पर निर्णय नहीं हो पाया. जैसे ही हाई कोर्ट का निर्णय हुआ उसके बाद छात्रों ने जमीन बचाने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

यह भी पढ़ें: Debate On Unemployment Allowance: बेरोजगारी भत्ता पर कांग्रेस भाजपा आमने सामने

करोड़ों रुपए है जमीन की कीमत, हाई प्रोफाइल लोगो की है नजर: रायपुर बिलासपुर हाईवे के ठीक किनारे शहर के अंदरजमीन होने की वजह से जमीन काफी कीमती है. एक बड़ा भूखंड और समतल होने की वजह से इसकी कीमत आसमान छू रहा है. बाजार भाव में यदि बात करें तो यह जमीन कई करोड़ की है. यही कारण है कि दानदाता के पौत्र इस जमीन का सौदा कर बड़ी रकम हासिल करना चाहते हैं, वही कुछ राजनीति से जुड़े नुमाइंदे और भू माफिया भी इस जमीन को कब्जा कर बेचने की कोशिश कर रहे हैं. भू माफिया और राजनीतिक दलों के लोगो मे ऐसे भी है जिनमे कुछ इसे बचाना चाहते हैं तो कुछ इसे बेचकर मोटी रकम पाना चाहते हैं. बाजार में करोड़ों रुपए की कीमत होने की वजह से यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है और कुछ जमीन बेचने के पक्ष में है तो कुछ जमीन ना बिके इसका प्रयास कर रहे हैं.

छात्र उतरे सड़को पर, रैली धरना कर मनवाने मांग: खेल मैदान को लेकर अब छात्र सड़कों पर उतर गए है. रैली निकाल कर नेहरू चौक में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र नेताओं ने बताया कि "कॉलेज के ट्रस्टी 1944 में यह जमीन दान कर दिए थे और ट्रस्टी के वंशज इस जमीन को बेचने जा रहे हैं. यदि जमीन बिक गई तो खेल मैदान नहीं होगा और खेल मैदान नहीं होने से कॉलेज का अस्तित्व भी नहीं के बराबर होता है, क्योंकि यूजीसी, नेक या अन्य शैक्षणिक संस्थान जो फंडिंग करते हैं उसमें कॉलेज उनके मानक रूप में उतरना चाहिए. यदि खेल मैदान नहीं होगा तो कॉलेज मानक रूप में नहीं उतरेगा और इससे फंडिंग नहीं होने की वजह से छात्रों का भविष्य भी खराब होगा. महाविद्यालय में लगभग 4000 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं और ऐसे में इनका भविष्य भी खराब होने की चांसेस बढ़ जाएंगे.

बिलासपुर: रायपुर रोड के जरहाभाटा में ताश की जमुना प्रसाद वर्मा महाविद्यालय स्थित है. यहां फर्स्ट ईयर से पोस्ट ग्रेजुएशन तक क्लास संचालित होती है. महाविद्यालय में कई एकड़ जमीन में महाविद्यालय का निर्माण कराया गया है. कुछ एकड़ जमीन खेल मैदान के लिए छोड़ दिया गया था. अब इस जमीन को दान करने वाले दान दाता के पौत्र इसे वापस लेकर इसे बेचना चाहते है. इस मामले में पहले भी विरोध किया गया और कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया था, लेकिन इसका अब तक प्रशासनिक तौर पर निर्णय नहीं हो पाया. जैसे ही हाई कोर्ट का निर्णय हुआ उसके बाद छात्रों ने जमीन बचाने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

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करोड़ों रुपए है जमीन की कीमत, हाई प्रोफाइल लोगो की है नजर: रायपुर बिलासपुर हाईवे के ठीक किनारे शहर के अंदरजमीन होने की वजह से जमीन काफी कीमती है. एक बड़ा भूखंड और समतल होने की वजह से इसकी कीमत आसमान छू रहा है. बाजार भाव में यदि बात करें तो यह जमीन कई करोड़ की है. यही कारण है कि दानदाता के पौत्र इस जमीन का सौदा कर बड़ी रकम हासिल करना चाहते हैं, वही कुछ राजनीति से जुड़े नुमाइंदे और भू माफिया भी इस जमीन को कब्जा कर बेचने की कोशिश कर रहे हैं. भू माफिया और राजनीतिक दलों के लोगो मे ऐसे भी है जिनमे कुछ इसे बचाना चाहते हैं तो कुछ इसे बेचकर मोटी रकम पाना चाहते हैं. बाजार में करोड़ों रुपए की कीमत होने की वजह से यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है और कुछ जमीन बेचने के पक्ष में है तो कुछ जमीन ना बिके इसका प्रयास कर रहे हैं.

छात्र उतरे सड़को पर, रैली धरना कर मनवाने मांग: खेल मैदान को लेकर अब छात्र सड़कों पर उतर गए है. रैली निकाल कर नेहरू चौक में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र नेताओं ने बताया कि "कॉलेज के ट्रस्टी 1944 में यह जमीन दान कर दिए थे और ट्रस्टी के वंशज इस जमीन को बेचने जा रहे हैं. यदि जमीन बिक गई तो खेल मैदान नहीं होगा और खेल मैदान नहीं होने से कॉलेज का अस्तित्व भी नहीं के बराबर होता है, क्योंकि यूजीसी, नेक या अन्य शैक्षणिक संस्थान जो फंडिंग करते हैं उसमें कॉलेज उनके मानक रूप में उतरना चाहिए. यदि खेल मैदान नहीं होगा तो कॉलेज मानक रूप में नहीं उतरेगा और इससे फंडिंग नहीं होने की वजह से छात्रों का भविष्य भी खराब होगा. महाविद्यालय में लगभग 4000 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं और ऐसे में इनका भविष्य भी खराब होने की चांसेस बढ़ जाएंगे.

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