मरवाही: Marwahi crime news पूरा मामला बीते 7 दिसंबर का है जब पेण्ड्रा थाना क्षेत्र के गांव में रहने वाली नाबालिग युवती अचानक घर से गायब हो गई. परिजनों ने युवती के गुमशुदगी की रिपोर्ट 7 दिसंबर को ही पेंड्रा थाने में दर्ज कराई. जिस पर पेंड्रा थाने में धारा 363 के तहत अपराध दर्ज किया गया. इधर परिजन नाबालिग को ढूंढते रहे एवं संदेह के आधार पर 7 दिसंबर को ही मरवाही थाना क्षेत्र के निवासी युवक के घर पहुंचे. जहां युवती के होने की सूचना के बाद आरोपी युवक और युवती को 112 में लेकर मरवाही थाना ले आए. परिजनों ने आरोपी युवक को मरवाही थाना प्रभारी को सुपुर्द करने के साथ ही कारवाई की मांग की. परिजनों ने बताया कि जिस पर मरवाही थाने में पदस्थ महिला थाना प्रभारी ने परिजनों को पुलिसिया रौब दिखाते हुए भगा दिया. पुलिस ने नाबालिक किशोरी को आरोपी युवक को ही सौंप दिया. not writing FIR in case of rape
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पुलिस पर पीड़िता को आरोपी को सौंपने का आरोप: जिसके बाद पुलिस अधिकारी ने पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए 10 दिसंबर को केस दर्ज किा और आरोपी दुर्गेश यादव को गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद गुपचुप तरीके से पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया. अपनी नाबालिग युवती को आरोपी युवक को सौंपे जाने से क्षुब्ध परिजनों ने पुलिस के इस कृत्य की जानकारी मीडिया को दी. परिजन अब इस पूरे मामले में मरवाही थाना प्रभारी पर कार्रवाई चाहते हैं. उनका कहना है कि हमने जब युवती को ढूंढ कर पुलिस को सुपुर्द किया तो बजाए कारवाई के पुलिस ने पुलिसिया रौब दिखाते हुए आरोपी युवक को ही हमारी नाबालिग किशोरी को सौंप दिया. जो कि पूर्णता गलत है. मामले पर जिम्मेदार पुलिस अधिकारी यह जरूर बताते हैं कि पास्को एक्ट और धारा 376 के तहत कारवाई की गई है. नाबालिक को दो दिनों तक आरोपी युवक को पुलिस द्वारा ही सौप देने एवं मिलने के 3 दिनों बाद 376 के तहत अपराध दर्ज करने में देरी को लेकर अधिकारी चुप्पी साध रहे हैं.