मरवाही: बिहार विधानसभा का चुनावी परिणाम, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के दर्जनों सीटों के अलावा देशभर की निगाहें इस बार छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल मरवाही सीट पर परिणाम के दिन अटकी रहेगी. रिजल्ट आने से पहले हर आम और खास लोग अपने-अपने कैलकुलेशन और विश्लेषण में जुटे हुए नजर आ रहे हैं. तमाम लोगों के बीच इनदिनों जो चर्चा का विषय बना हुआ है वो उसमें कुछ बिंदु बेहद खास हैं, जिसमें जोगी का क्षेत्र में प्रभाव, सत्ताधारी कांग्रेस का हालिया क्षेत्र में किया गया काम और फिर दोनों धुरविरोधी विपक्ष का एकमंच पर आकर सत्ताधारी पार्टी से टकराना.
मरवाही उपचुनाव आखिरी समय तक बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुका था. शुरुआती दौर में यह जरूर लगा था कि मरवाही में जोगी सिम्पैथी फैक्टर काम करेगा, लेकिन जीसीसीजे की उम्मीदवारी खत्म होने के बाद एकतरफा कांग्रेस के हक में मुकाबला चला गया. बाद में जीसीसीजे और भाजपा के एक मंच पर आने के बाद फिर मुकाबला दिलचस्प हो गया.
अजीत जोगी के हिस्से में 70 हजार वोट किसके खाते में...?
तमाम लोगों के बीच इन दिनों जो चर्चा का विषय बना हुआ है वो उसमें कुछ बिंदु बेहद खास हैं, जिसमें जोगी का क्षेत्र में प्रभाव, सत्ताधारी कांग्रेस का हालिया क्षेत्र में किया गया काम और फिर दोनों धुरविरोधी विपक्ष का एकमंच पर आकर सत्ताधारी पार्टी से टकराना. विश्लेषण का एक और मुख्य विषय बना हुआ है वो यह कि आखिर पिछली बार अजीत जोगी के हिस्से में आए 70 हजार से अधिक जनमत इसबार किधर जाएगा.
10 तारीख को सामने आएगी दावों की सच्चाई
बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा मरवाही में दूसरी बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई थी, वहीं जोगी के सामने कांग्रेस को तीसरा स्थान मिला था. इसका अर्थ यह है कि कांग्रेस को जोगी के अधिकांश वोट बैंक पर सेंध लगाना ही होगा. तब कांग्रेस की नैया पार होगी.
बीजेपी-जेसीसीजे जोगी के अपमान की बात कर गेम अपने पाले में करना चाहते हैं. कांग्रेस का यह तर्क भी है कि पहले जोगी कांग्रेस से ही जीतते आए हैं इसलिए ये उन्हीं के वोटर हैं. वो कहीं नहीं जाएंगे. दूसरी ओर भाजपा अपने मजबूत कैडर वोटर और जोगी सिम्पैथी को आधार मानते हुए खुद को मजबूत स्थिति में मान रही है. बहरहाल जीत और हार के दावों की सच्चाई के लिए हम सबको 10 तारीख तक का इंतजार है.