गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए देश में लॉकडाउन है. लॉकडाउन के कारण आवागमन पूरी तरह से बाधित है. इसका असर अब आम जनजीवन के साथ जंगली जानवरों पर भी दिखाई दे रहा है. लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, लेकिन ऐसे भी लोग है जिन्हें बेजुबानों की भी चिंता है और वे लोग इन भूखे जानवारों की मदद करने के लिए सामने आ रहे हैं.
कई दिनों से भूखे थे बंदर
दरअसल गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से मध्य प्रदेश के अमरकंटक को जोड़ने वाले रास्ते में पड़ने वाले पहाड़ों और जंगलों में सैकड़ों की संख्या में बंदर हैं, बीते दिनों लॉकडाउन से मध्य प्रदेश की सीमा से लगने वाले अमरकंटक क्षेत्र से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है, जिसके कारण बंदर कई दिनों से भूखे हैं. इन बंदरों का पेट यहां से निकलने वाले वाहन चालकों की ओर से दिए जाने वाले भोजन और खाने-पीने की चीजों से भर जाता था, लेकिन वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो जाने के कारण सभी बंदर भूखे थे.
समाजसेवियों ने खिलाया बेजुबानों को खाना
इसका पता स्थानीय समाजसेवियों को हुआ तो उन्होंने प्रशासन को इसकी सूचना दी. साथ ही वे बंदरों के पास खाने-पीने की चीज लेकर गए, जिससे कि इन बेजुबानों का पेट भर सके. समाजसेवियों के इस पहल और बंदरों की भूख का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि बंदर झुंड के झुंड यहां उमड़ पड़े. समाजसेवियों की ओर से किया गया यह काम सराहनीय है.