बिलासपुर: प्रसिद्ध समाजसेवी और आदिवासियों के मसीहा प्रभुदत्त खेड़ा की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई है. शहर के अपोलो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. अपोलो प्रबंधन का कहना है कि उनके ठीक हो जाने तक उनका अपोलो में रूटीन इलाज जारी रहेगा और विशेष परिस्थितियों में उन्हें दिल्ली एम्स भी भेजा जा सकता है.
खेड़ा की उम्र 92 साल से अधिक है और वे कुछ महीने पहले भी बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में इलाज के लिए आ चुके हैं. खेड़ा दिल्ली विवि में अध्यापन का काम कर चुके हैं और साल 1980 से अचानकमार क्षेत्र में आदिवासी बैगाओं को जागरूक करने में जुटे हैं.
गांधीवादी प्रोफेसर खेड़ा अभयारण्य शिक्षण समिति छपरवा से संचालित हायर सेकंडरी स्कूल में नियमित रूप से शिक्षण के कार्य से जुड़े हुए हैं. प्रोफेसर खेड़ा ने हिन्दू कॉलेज दिल्ली में बतौर रीडर सेवाएं दी हैं. खेड़ा गणित और मनोविज्ञान विषय में एमए की डिग्री ली है और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही पीएचडी की उपाधि भी हासिल की है.