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Special: 4 लाख की आबादी पर महज 99 वेंटिलेटर, कोरोना से कैसे लड़ेगा बिलासपुर ?

छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. आए दिन हजारों की संख्या में नए संक्रमित मरीजों की पहचान हो रही है. हाल के दिनों में कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर में वृद्धि और रिकवरी रेट में कमी देखी गई है. ऐसे में अस्पताल सुविधाओं को जल्द दुरुस्त करने की जरूरत है.

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4 लाख की आबादी पर महज 99 वेंटिलेटर
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Published : Sep 3, 2020, 6:54 PM IST

Updated : Sep 26, 2020, 3:44 PM IST

बिलासपुर: जिस रफ्तार से देश में कोरोना का विस्तार हो रहा है उससे ऐसा लगता है कि भारत जल्द ही ब्राजील को भी पीछे छोड़ देगा और अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच जाएगा. भारत संक्रमण के मामले में फिलहाल ब्राजील से महज 1 लाख 13 हजार 9 सौ 14 कदम पीछे है. भारत में 67 हजार से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है. इन सबके बीच भारत के छत्तीसगढ़ की हालत भी दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रही है. छत्तीसगढ़ में बीते कुछ दिनें में मोर्टेलिटी रेट (मृत्यु दर) में तेजी से वृद्धि हुई है. ऐसे में कोरोना से गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए वेंटिलेटर बहुत मायने रखता है, छत्तीसगढ़ में वेंटिलेटर की स्थिति भी वेंटिलेटर पर है, यानी बेहद खराब है. बात करें छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर की तो यहां 4 लाख की आबादी पर 99 वेंटिलेटर है. अब आप स्वास्थ्य विभाग की भयावहता को समझ गए होंगे.

4 लाख की आबादी पर महज 99 वेंटिलेटर

बिलासपुर शहर की आबादी 4 लाख से अधिक है और शहर में शासकीय और निजी मिलाकर कुल 130 अस्पताल है. इन तमाम अस्पतालों में महज 99 वेंटिलेटर की सुविधा मौजूद है. शुरुआती दौर में संक्रमण की रफ्तार शहर में कम थी और अब धीरे-धीरे शहर में कोरोना संक्रमण अपना भयावह रूप लेते जा रहा है. ताजा आंकड़ों की बात करें तो शहर में 2165 से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमिकत हैं. जिसमें एक हजार से ज्यादा एक्टिव केस है. बिलासपुर में अबतक 40 के करीब मौत भी हो चुकी है. शहर में अचानक से बढ़े मृत्यु दर (मोर्टेलिटी रेट) से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है.

पढ़ें: बलरामपुर: माकड में हाथियों ने मचाया उत्पात, कई घर हुए क्षतिग्रस्त, हमले में मवेशी घायल

मृत्यु दर में वृद्धि और रिकवरी रेट में कमी

विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना सबसे ज्यादा मानव शरीर के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. ऐसे में वेंटिलेटर की उपयोगिता और ज्यादा बढ़ जाती है. इन सबसे बीच जो छत्तीसगढ़ रिकवरी रेट में देश में कई राज्यों से आगे था, वर्तमान में इसमें भी भारी गिरावट दर्ज की गई है. छत्तीसगढ़ का रिकवरी रेट 69.76 प्रतिशत से गिरकर अब 59.72 प्रतिशत रह गई है. यानी मृत्यु दर में वृद्धि के साथ रिकवरी रेट में करीब 10 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. हालांकि इन सबसे बीच स्वास्थ्य विभाग कोरोना पर काबू पाने की हर कोशिश में लगा है. इसी बीच स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को अधिग्रहित करने का भी फैसला लिया है. वर्तमान में शहर में 800 बेड की उपलब्धता है और अगर निजी अस्पतालों के माध्यम से सुविधा और बढ़ाई गई तो शहर के बिगड़ते हालात को कुछ हदतक नियंत्रित किया जा सकता है. बैठक में हर अस्पताल में वेंटिलेटर सुविधा बढ़ाने पर भी सहमति बनी है. जिसे फिलहाल अमलीजामा नहीं पहनाया गया है.

विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते रफ्तार को देखते हुए विपक्ष ने भी सरकार पर हमला तेज कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना की बेतहाशा वृद्धि सरकार की नाकामी है. विपक्ष का आरोप है प्रदेश की सरकार ने गाइडलाइंस और नियमों की लगातार अवहेलना की है. जिसके कारण छत्तीसगढ़ में संक्रमण ने भयानक रूप लिया है.

बिलासपुर से सांसद अरुण साव ने भी कोरोना काल में राज्य सरकार और प्रशासनिक तंत्र के बीच समन्वय न होने का आरोप लगाया है. सांसद का कहना है कि प्रदेश की जनता को प्रदेश सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है. सरकार अगर गंभीर होती तो सामूहिकता के साथ कोरोना के खिलाफ जंग लड़ती, जो कहीं दिखती नहीं है.

सुविधा बढ़ाने की जरूरत

बहरहाल, छत्तीसगढ़ में 35 हजार से अधिक संक्रमित और करीब 300 से ज्यादा मौत का आंकड़ा आ चुका है. जो अब डराने लगा है. राष्ट्रीय पैमाने पर भी छत्तीसगढ़ में बढ़ते संक्रमण को लोकर चिंता जाहिर की जा रही है. ऐसे में जरूरी है कि वेंटिलेटर जैसी सुविधा को और जल्द से जल्द बढ़ाया जाए.

बिलासपुर: जिस रफ्तार से देश में कोरोना का विस्तार हो रहा है उससे ऐसा लगता है कि भारत जल्द ही ब्राजील को भी पीछे छोड़ देगा और अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच जाएगा. भारत संक्रमण के मामले में फिलहाल ब्राजील से महज 1 लाख 13 हजार 9 सौ 14 कदम पीछे है. भारत में 67 हजार से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है. इन सबके बीच भारत के छत्तीसगढ़ की हालत भी दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रही है. छत्तीसगढ़ में बीते कुछ दिनें में मोर्टेलिटी रेट (मृत्यु दर) में तेजी से वृद्धि हुई है. ऐसे में कोरोना से गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए वेंटिलेटर बहुत मायने रखता है, छत्तीसगढ़ में वेंटिलेटर की स्थिति भी वेंटिलेटर पर है, यानी बेहद खराब है. बात करें छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर की तो यहां 4 लाख की आबादी पर 99 वेंटिलेटर है. अब आप स्वास्थ्य विभाग की भयावहता को समझ गए होंगे.

4 लाख की आबादी पर महज 99 वेंटिलेटर

बिलासपुर शहर की आबादी 4 लाख से अधिक है और शहर में शासकीय और निजी मिलाकर कुल 130 अस्पताल है. इन तमाम अस्पतालों में महज 99 वेंटिलेटर की सुविधा मौजूद है. शुरुआती दौर में संक्रमण की रफ्तार शहर में कम थी और अब धीरे-धीरे शहर में कोरोना संक्रमण अपना भयावह रूप लेते जा रहा है. ताजा आंकड़ों की बात करें तो शहर में 2165 से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमिकत हैं. जिसमें एक हजार से ज्यादा एक्टिव केस है. बिलासपुर में अबतक 40 के करीब मौत भी हो चुकी है. शहर में अचानक से बढ़े मृत्यु दर (मोर्टेलिटी रेट) से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है.

पढ़ें: बलरामपुर: माकड में हाथियों ने मचाया उत्पात, कई घर हुए क्षतिग्रस्त, हमले में मवेशी घायल

मृत्यु दर में वृद्धि और रिकवरी रेट में कमी

विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना सबसे ज्यादा मानव शरीर के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. ऐसे में वेंटिलेटर की उपयोगिता और ज्यादा बढ़ जाती है. इन सबसे बीच जो छत्तीसगढ़ रिकवरी रेट में देश में कई राज्यों से आगे था, वर्तमान में इसमें भी भारी गिरावट दर्ज की गई है. छत्तीसगढ़ का रिकवरी रेट 69.76 प्रतिशत से गिरकर अब 59.72 प्रतिशत रह गई है. यानी मृत्यु दर में वृद्धि के साथ रिकवरी रेट में करीब 10 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. हालांकि इन सबसे बीच स्वास्थ्य विभाग कोरोना पर काबू पाने की हर कोशिश में लगा है. इसी बीच स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को अधिग्रहित करने का भी फैसला लिया है. वर्तमान में शहर में 800 बेड की उपलब्धता है और अगर निजी अस्पतालों के माध्यम से सुविधा और बढ़ाई गई तो शहर के बिगड़ते हालात को कुछ हदतक नियंत्रित किया जा सकता है. बैठक में हर अस्पताल में वेंटिलेटर सुविधा बढ़ाने पर भी सहमति बनी है. जिसे फिलहाल अमलीजामा नहीं पहनाया गया है.

विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते रफ्तार को देखते हुए विपक्ष ने भी सरकार पर हमला तेज कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना की बेतहाशा वृद्धि सरकार की नाकामी है. विपक्ष का आरोप है प्रदेश की सरकार ने गाइडलाइंस और नियमों की लगातार अवहेलना की है. जिसके कारण छत्तीसगढ़ में संक्रमण ने भयानक रूप लिया है.

बिलासपुर से सांसद अरुण साव ने भी कोरोना काल में राज्य सरकार और प्रशासनिक तंत्र के बीच समन्वय न होने का आरोप लगाया है. सांसद का कहना है कि प्रदेश की जनता को प्रदेश सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है. सरकार अगर गंभीर होती तो सामूहिकता के साथ कोरोना के खिलाफ जंग लड़ती, जो कहीं दिखती नहीं है.

सुविधा बढ़ाने की जरूरत

बहरहाल, छत्तीसगढ़ में 35 हजार से अधिक संक्रमित और करीब 300 से ज्यादा मौत का आंकड़ा आ चुका है. जो अब डराने लगा है. राष्ट्रीय पैमाने पर भी छत्तीसगढ़ में बढ़ते संक्रमण को लोकर चिंता जाहिर की जा रही है. ऐसे में जरूरी है कि वेंटिलेटर जैसी सुविधा को और जल्द से जल्द बढ़ाया जाए.

Last Updated : Sep 26, 2020, 3:44 PM IST
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