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GPM : भगवान भरोसे जल जीवन मिशन, टंकी से लकर नल कनेक्शन तक हुआ घटिया काम

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Published : May 2, 2023, 7:46 PM IST

ग्रामीण इलाकों में शुद्ध पेय जल हर घरों में पहचाने के लिए जल जीवन मिशन योजना लाई गई है. लेकिन ये योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. योजना में ठेकेदार निर्माण कार्यों में लापरवाही बरत रहे हैं, जिसका खामियाजा दूर दराज में रहने वाले आदिवासियों को भुगतना पड़ रहा है.

Gourela Pendra Marwahi
टंकी से लकर नल कनेक्शन तक घटिया निर्माण

गौरेला पेंड्रा मरवाही : लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को 327 करोड़ 91 लाख रुपए की लागत से 222 गांवों में 74 हजार 838 घरेलू नल कनेक्शन देना है. गौरेला के दूरस्थ ग्राम आदिवासी पंचायत टीडी के लोग आज भी साफ पानी के मोहताज हैं. टीडी गांव के लोग आज भी पानी के दूसरे स्त्रोतों पर निर्भर हैं.

टीडी गांव में नल जल योजना के तहत भ्रष्टाचार : टीडी गांव में यदि नल जल योजना की बात की जाए तो कागजों में ठेकेदार ने ओवरहेड टंकी की बजाए नीचे पानी की टंकी लगाकर काम पूरा होना बता दिया. लेकिन हकीकत में आज भी ग्रामीणों के घरों में पानी नहीं पहुंचा है. पाइप लाइन को जमीन के तीन फीट अंदर से ले जाना है. लेकिन पाइप कई जगह से टूट चुकी है. क्योंकि इसे सही तरीके से अंडरग्राउंड नहीं किया गया था, जिसका नतीजा ये हुआ कि पानी गांवों तक पहुंचता ही नहीं.

करंगरा गांव की तस्वीर : विशेष जनजाति बैगा बाहुल्य करंगरा गांव के बैगा लोगों से ठेकेदार और विभाग को कोई मतलब नहीं है. नल जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए नल कनेक्शन में पानी नहीं आता. जिस हैंडपंप से ग्रामीण निस्तारी का पानी लेते थे, ठेकेदार ने मोटर लगवाकर अपना काम पूरा दिखा दिया. नल के कनेक्शन जो घरों के सामने लगाए गए हैं, वो सिर्फ दिखावा हैं. क्योंकि जिसे पानी चाहिए उसे टंकी के नीचे आना होता है, जहां मोटर की मदद से पानी मिलता है.


महोरा गांव में भी यही हाल : मरवाही ब्लॉक के महोरा गांव में भी भ्रष्टाचार चरम पर किया गया. यहां जल जीवन मिशन का काम अफसरों की निगरानी में होना था, लेकिन स्कूल परिसर में जो टंकी बनाई गई है, वो निम्न दर्जे की थी. निर्माणधीन टंकी की जांच करने पर अफसरों ने इसे तोड़ने का आदेश दिया, लेकिन ठेकेदार ने सिर्फ ऊपरी हिस्से को तोड़ा है. ग्रामीणों की माने तो यदि टंकी में पानी स्टोर हुआ तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

ये भी पढ़ें- जल जीवन मिशन का जिले में बुरा हाल

बहरहाल जिले में चल रहे जल जीवन मिशन के लगभग सभी काम गुणवत्ताहीन है. जानकारों की मानें तो ठेकेदार कौन है किसी को नहीं पता. लेकिन ठेकेदार ने काम लेकर पेटी कॉन्ट्रैक्ट में ठेका किसी और को दे दिया है. भले ही कलेक्टर कई मौकों पर कह चुके हैं कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, फिर भी ऐसी तस्वीरें हैरान कर देती हैं.

गौरेला पेंड्रा मरवाही : लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को 327 करोड़ 91 लाख रुपए की लागत से 222 गांवों में 74 हजार 838 घरेलू नल कनेक्शन देना है. गौरेला के दूरस्थ ग्राम आदिवासी पंचायत टीडी के लोग आज भी साफ पानी के मोहताज हैं. टीडी गांव के लोग आज भी पानी के दूसरे स्त्रोतों पर निर्भर हैं.

टीडी गांव में नल जल योजना के तहत भ्रष्टाचार : टीडी गांव में यदि नल जल योजना की बात की जाए तो कागजों में ठेकेदार ने ओवरहेड टंकी की बजाए नीचे पानी की टंकी लगाकर काम पूरा होना बता दिया. लेकिन हकीकत में आज भी ग्रामीणों के घरों में पानी नहीं पहुंचा है. पाइप लाइन को जमीन के तीन फीट अंदर से ले जाना है. लेकिन पाइप कई जगह से टूट चुकी है. क्योंकि इसे सही तरीके से अंडरग्राउंड नहीं किया गया था, जिसका नतीजा ये हुआ कि पानी गांवों तक पहुंचता ही नहीं.

करंगरा गांव की तस्वीर : विशेष जनजाति बैगा बाहुल्य करंगरा गांव के बैगा लोगों से ठेकेदार और विभाग को कोई मतलब नहीं है. नल जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए नल कनेक्शन में पानी नहीं आता. जिस हैंडपंप से ग्रामीण निस्तारी का पानी लेते थे, ठेकेदार ने मोटर लगवाकर अपना काम पूरा दिखा दिया. नल के कनेक्शन जो घरों के सामने लगाए गए हैं, वो सिर्फ दिखावा हैं. क्योंकि जिसे पानी चाहिए उसे टंकी के नीचे आना होता है, जहां मोटर की मदद से पानी मिलता है.


महोरा गांव में भी यही हाल : मरवाही ब्लॉक के महोरा गांव में भी भ्रष्टाचार चरम पर किया गया. यहां जल जीवन मिशन का काम अफसरों की निगरानी में होना था, लेकिन स्कूल परिसर में जो टंकी बनाई गई है, वो निम्न दर्जे की थी. निर्माणधीन टंकी की जांच करने पर अफसरों ने इसे तोड़ने का आदेश दिया, लेकिन ठेकेदार ने सिर्फ ऊपरी हिस्से को तोड़ा है. ग्रामीणों की माने तो यदि टंकी में पानी स्टोर हुआ तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

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बहरहाल जिले में चल रहे जल जीवन मिशन के लगभग सभी काम गुणवत्ताहीन है. जानकारों की मानें तो ठेकेदार कौन है किसी को नहीं पता. लेकिन ठेकेदार ने काम लेकर पेटी कॉन्ट्रैक्ट में ठेका किसी और को दे दिया है. भले ही कलेक्टर कई मौकों पर कह चुके हैं कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, फिर भी ऐसी तस्वीरें हैरान कर देती हैं.

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