बिलासपुर: साल 2018 में अधिसूचना जारी कर प्रिंटेड पेपर पर खाने का सामान बेचने पर रोक लगाया गया था. साल 2019 में इसे छत्तीसगढ़ में भी लागू किया गया. बावजूद इसके प्रिंटेड पेपर पर खाने का सामान बेचा जा रहा है. इसे लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में पहले भी सुनवाई हो चुकी है. गुरुवार को हुई सुनवाई में बिलासपुर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से 3 सप्ताह में लिखित जवाब मांगा है.
प्रतिबंध के बावजूद प्रिंटेड पेपर पर बिक रहा खाने का सामान: याचिका में गुरुवार को हुई सुनवाई में बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने 3 सप्ताह में लिखित में जवाब देने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी रिज्वाइंडर पेश करने के लिए 1 सप्ताह का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी.
2018 में लगा प्रतिबंध: मामले में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई है. जनहित याचिका में बताया गया है कि साल 2018 में अधिसूचना जारी कर प्रिंटेड पेपर पर खाने का सामान बेचने पर रोक लगाई जा चुकी थी. साल 2019 में छत्तीसगढ़ में इसे लागू किया गया. लेकिन इसका पालन छत्तीसगढ़ में नहीं हो रहा है.
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3 सप्ताह में जवाब देने का निर्देश: मामले में अधिवक्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट रितेश शर्मा ने प्रदेश में प्रिंटेड पेपर में खाने का सामान बेचने को लेकर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश देने की मांग की है. गुरुवार को हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में कोर्ट ने सरकार को 3 सप्ताह में लिखित जवाब देने का निर्देश दिया है.