बिलासपुर: Rashtriya Swayamsevak Sangh बिलासपुर में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बिलासपुर में पथ संचलन के साथ बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य राम माधव विशेष रूप से शामिल रहे.
आज सब पार्टी हिंदुत्तव के बारे में सोच रही : दरअसल रेलवे इंस्टिट्यूट ग्राउंड में आयोजित आरएसएस के कार्यक्रम में राम माधव ने उद्बोधन देते हुए हिंदुत्व और मतांतरण पर भी खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि "आज हिंदुत्व के विचार का प्रभाव इतना ज्यादा है. कहीं राम जी के जन्म स्थान पर राम जी के मंदिर का भव्य पुनिर्माण होता हुआ दिखता है. तो कहीं राम वन गमन पथ पर भी मंदिरों का निर्माण होता दिखता है. फिर चाहे दोनों करने वाले भले ही अलग-अलग पार्टियों के लोग हों." आगे उन्होंने कहा कि, "एक ऐसा समय था, जब हिंदू विचार कहना सेकुलरिज्म का विरोध माना जाता था. इसको सांप्रदायिकता का परिचायक माना जाता था. लेकिन आज जो दृश्य है, सबसे बड़ा हिंदू मैं हूं. यह कहने का होड़ लगा हुआ है. एक राम जन्मभूमि में राम मंदिर बनाएंगे कहता है. तो एक कहता है राम पथ गमन में मंदिर बनेगा.
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जो अच्छा काम करेगा उसे हम समर्थन देंगे: राम माधव ने कहा कि "हमारे पास इस समय स्वयं सेवकों की इतनी बड़ी ताकत है. लोगों को लगता है कि 24 में भी मोदी को दोबारा जिताना है. उसके लिए ये ताकत नहीं बनाया जाता. जो अच्छा काम करेगा हम उसे समर्थन देंगे. यह अलग विषय है कि यह पूरा कार्य धर्म के जय के लिए है. खराब व्यवस्थाओं को छोड़कर अच्छी व्यवस्थाओं को लाना पड़ेगा. आज समाज को जोड़ने में नहीं बल्कि तोड़ने का साधन राजनीति बन चुका है."
"महिलाओं के ऊपर अत्याचार बढ़ा": उन्होंने दिल्ली की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि "हमने देखा मासूम लड़की के शरीर को टुकड़े-टुकड़े कर फेंक दिया गया. ऐसा व्यवहार पुरुष कर सकता है क्या, यह कैसे संभव है. उसकी धर्म की बहस पर मैं नहीं जा रहा हूं. लेकिन इतना बड़ा कानून होने के बाद भी इस प्रकार का अत्याचार महिलाओं के ऊपर होता है. कानून एक रास्ता है. परिष्कार हमारे दिमाग में होना चाहिए. सद्भावना सम्मान की भावना निर्माण करना चाहिए. आगे उन्होंने मतांतरण पर वार करते हुए कहा कि, जो कहता है तुम्हारे धर्म में तुम्हें स्वर्ग नहीं मिलेगा मेरे पास आओ मेरे साथ चलो नहीं तो तुम स्वर्ग में नहीं जाओगे नरक में जाओगे. यह मतांतरण करने की प्रक्रिया क्यों हो रही है. जिसको जिस में रुचि है उस भगवान की पूजा कर लेगा. भारत की विशेषता यही है."