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आखिर कैसे बिलासपुर के रिक्शा चालक बलवंत का रिक्शा बना मैसेंजर ?

बिलासपुर का रिक्शा चालक का रिक्शा लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा(Rickshaw driver Balwant of Bilaspur became messenger) है. लोगों को रिक्शे के माध्यम से मैसेज दिया जा रहा है, ताकि लोग समाज में पैठी बुराइयों को खुद के उपर हावी न होने दे.

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Published : May 18, 2022, 9:27 PM IST

Unique Rickshaw of Bilaspur
बिलासपुर का अनोखा रिक्शा

बिलासपुर: समाज में कई बुराईयां व्याप्त है, जिसे खत्म करना आसान नहीं. लेकिन बिलासपुर का एक रिक्शा चालक स्लोगन लिख-लिख कर लोगों को जागरूक कर रहा है. बिलासपुर के देवरीखुर्द इलाके में रहने वाला रिक्शा चालक बलवंत सिंह जांगड़े (Bilaspur rickshaw driver Balwant Singh Jangde) अपनी दो बेटी, दो बेटा और पत्नी के साथ रहता है. रिक्शा चलाकर ये अपने परिवार को भरण-पोषण करता है. लेकिन बलवंत का रिक्शा आम नहीं बल्कि काफी खास है.

बलवंत के रिक्शा में बुराइयों को खत्म करने का संदेश लिखा है. रिक्शा चालक समाज सुधार के लिये अपने रिक्शे में अलग-अलग जगह संदेश लिखता है. शराब, दूसरे नशे, दहेज और विवाद के दुष्परिणामों को लिख कर ये लोगों को जागरूक कर रहा है. बलवंत लोगों को अमन चैन के साथ रहने का संदेश दे रहा है.

बिलासपुर का अनोखा रिक्शा चालक

समाजिक कुरीतियों को खत्म करने का उठाया जिम्मा: समाज सेवा की भावना लिए शहर की सड़कों पर घूमता यह रिक्शा चालक एक अलग ही ढंग से समाज में फैली बुराइयों को खत्म करने का संदेश दे रहा है. रिक्शा चालक अपने रिक्शा में अलग-अलग जगह पर कुछ ऐसे संदेश लिख कर रहा है, जो निजी जीवन में इंसान अपनाएं तो धीरे-धीरे समाज में फैली कुरीतियां और बुराइयां खत्म हो जाएगी. रिक्शा चालक रिक्शा चलाकर सामाजिक बुराइयों को अपने रिक्शा में अंकित कर लोगों को समाज सुधार के लिए संदेश सालों से दे रहा है. उसे उम्मीद है कि लोगों पर इसका असर जरूर पड़ेगा.

बलवंत के विचार बनाते हैं उसे दूसरों से अलग: बता दें कि बलवंत तखतपुर इलाके के पदमपुर का रहने वाला है. लेकिन पिछले 40 सालों से वह बिलासपुर शहर में रहकर रिक्शा चलाता है. बलवंत रिक्शा चलाकर अपने बच्चों का पालन पोषण के साथ ही उन्हें शिक्षा से जोड़ने का काम कर रहा है. बलवंत की एक बेटी ग्रेजुएट है. बाकी के बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं. बलवंत ने अपने बच्चों का पालन पोषण रिक्शा चलाकर होने वाली कमाई से किया है. बलवंत काफी गरीब है लेकिन उसके विचार अमीरों के विचारों से भी बढ़कर हैं. वह समाज में फैली बुराइयों और कुरीतियों को खत्म करने की सोच रखता है. बलवंत की यही सोच उसे औरों से अलग करती है.

अपनी सोच को उकेरता है रिक्शे पर: रिक्शा चालक बलवंत सिंह जांगड़े ने ईटीवी भारत से बताया, "मैं रिक्शा चलाते समय बहुत सारी बातों को सोचता रहता हूं. मन में हमेशा ख्याल आता है कि समाज में फैली बुराइयों को कैसे खत्म किया जाए? लोगों को इसके लिए कैसे समझाया जाए? मैंने उसका हल निकाला. अपने रिक्शे पर मन में उठने वाले बातों को संदेश के रूप में उकेरना शुरू किया. समय-समय पर समसामयिक विषयों पर भी सोचता हूं. उसे रिक्शे की बॉडी पर लिखता हूं. अपने रिक्शे पर शायरी भी लिखता हूं और शायरी के माध्यम से समाज सुधार का संदेश देने की कोशिश करता हूं ताकि पढ़ने वाले शख्स उसका अमल करे."

यह भी पढ़ें: बिलासपुर रेलवे का कबाड़ से जुगाड़ वाला ऑफिस, 6 सीटर दफ्तर में मिलता ट्रेन-सा मजा, देखिये कैसे

नशा, दहेज प्रथा, लूटमार और गुंडागर्दी पर देते है लोगों को नसीहत: बलवंत रिक्शा चलाने के दौरान अक्सर सड़कों पर देखते हैं कि शराब के नशे में लोग वाहन चलाते हैं. खुद की जान जोखिम में तो डालते ही हैं. साथ ही दूसरे राहगीरों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए बलवंत शराब के दुष्परिणाम को लोगों को लिख कर बताते हैं. दहेज प्रथा की वजह से जहां उसकी एक बड़ी बेटी का ससुराल उससे छूट गया है, उससे भी वह व्यथित होकर दहेज प्रथा की बुराइयों को लोगों को बताते हैं. बलवंत का कहना है कि "अक्सर रात में वह काम के दौरान देखते हैं कि लोग नशा कर मारपीट करते हैं. लूटपाट जैसी घटना को अंजाम देते हैं. लोगों के ऐसा करने से जिनके साथ यह घटना होती है उनके और उनके परिवार के लिए यह घटना बड़ा दुखदाई होता है. इसलिए भी वह संदेश के माध्यम से लोगों को बताते हैं कि सामाजिक बुराइयां यदि खत्म हो जाएगी तो समाज के लोग एक अच्छा जीवन जीने लगेंगे".

मास्क और हेलमेट के लिखते हैं फायदे: पिछले दिनों कोरोनाकाल में बलवंत के कुछ साथी कोरोना की चपेट में आ गए थे. उनकी असमय मृत्यु हो गई थी. उससे भी बलवंत दु:खी हो गये थे. वह मास्क के उपयोग के लिए लोगों से अपील करते हैं. मास्क लगाने से कितना फायदा होता है. यह भी रिक्शे में बलवंत ने लिखा है. बलवंत रिक्शा चालक होने के कारण पूरे समय सड़कों पर ही रहते हैं. इस दौरान कई ऐसी घटनाएं देखते हैं. जैसे वाहन चालक हेलमेट नहीं लगाए रहते हैं और दुर्घटना होने पर सिर में चोट होने की वजह से उनकी मौत हो जाती है. इन मौतों को रोकने को बलवंत ने हेलमेट लगाने का संदेश भी रिक्शा में लिख कर रखा है.

ग्रेजुएट बेटी को तलाश है अच्छी नौकरी की: बलवंत की छोटी बेटी श्वेता सिंह ग्रेजुएट है. उसे एक अच्छी नौकरी की तलाश है. वह चाहती है कि "यदि शासकीय नौकरी उसे मिल जाए तो वह अपने और अपने परिवार का पालन पोषण बेहतर ढंग से कर सकेगी. क्योंकि वह बचपन से देखते आ रही है कि उसके पिता कड़ी मेहनत कर उनके पालन पोषण का इंतजाम करते हैं. तबीयत खराब होने के बावजूद भी वह रिक्शा चलाकर अपने बच्चों का पेट भरते हैं". बेटी चाहती है कि जिस तरह पिता कड़ी मेहनत और मशक्कत कर उन्हें इस लायक बनाए हैं. वह भी अपनी एक पहचान बना सके. नौकरी मिलने पर वो अपने पिता की तरह अपने परिवार का पालन पोषण कर सके और पिता को आगे के जीवन में आराम से जीवन यापन करने की व्यवस्था कर सके.

कम लोगों को है दूसरों की चिंता: समाज में ऐसे बहुत कम ही लोग हैं, जो अपने अलावा दूसरों की भी चिंता करते हैं. उनमें एक बलवंत भी हैं. रिक्शा चालक होने के बावजूद भी बलवंत समाज सुधार, नशा मुक्ति, दहेज प्रथा और बहुत सारी सामाजिक कुरीतियों को समाज के लिए हानिकारक मानते हैं. बलवंत समाज को संदेश दे रहे हैं कि जब समाज से बुराई खत्म हो जाएगी, तो एक समय आएगा जब समाज के लोग एक दूसरे के लिए अच्छी सोच के साथ भलाई का काम करेंगे.

बिलासपुर: समाज में कई बुराईयां व्याप्त है, जिसे खत्म करना आसान नहीं. लेकिन बिलासपुर का एक रिक्शा चालक स्लोगन लिख-लिख कर लोगों को जागरूक कर रहा है. बिलासपुर के देवरीखुर्द इलाके में रहने वाला रिक्शा चालक बलवंत सिंह जांगड़े (Bilaspur rickshaw driver Balwant Singh Jangde) अपनी दो बेटी, दो बेटा और पत्नी के साथ रहता है. रिक्शा चलाकर ये अपने परिवार को भरण-पोषण करता है. लेकिन बलवंत का रिक्शा आम नहीं बल्कि काफी खास है.

बलवंत के रिक्शा में बुराइयों को खत्म करने का संदेश लिखा है. रिक्शा चालक समाज सुधार के लिये अपने रिक्शे में अलग-अलग जगह संदेश लिखता है. शराब, दूसरे नशे, दहेज और विवाद के दुष्परिणामों को लिख कर ये लोगों को जागरूक कर रहा है. बलवंत लोगों को अमन चैन के साथ रहने का संदेश दे रहा है.

बिलासपुर का अनोखा रिक्शा चालक

समाजिक कुरीतियों को खत्म करने का उठाया जिम्मा: समाज सेवा की भावना लिए शहर की सड़कों पर घूमता यह रिक्शा चालक एक अलग ही ढंग से समाज में फैली बुराइयों को खत्म करने का संदेश दे रहा है. रिक्शा चालक अपने रिक्शा में अलग-अलग जगह पर कुछ ऐसे संदेश लिख कर रहा है, जो निजी जीवन में इंसान अपनाएं तो धीरे-धीरे समाज में फैली कुरीतियां और बुराइयां खत्म हो जाएगी. रिक्शा चालक रिक्शा चलाकर सामाजिक बुराइयों को अपने रिक्शा में अंकित कर लोगों को समाज सुधार के लिए संदेश सालों से दे रहा है. उसे उम्मीद है कि लोगों पर इसका असर जरूर पड़ेगा.

बलवंत के विचार बनाते हैं उसे दूसरों से अलग: बता दें कि बलवंत तखतपुर इलाके के पदमपुर का रहने वाला है. लेकिन पिछले 40 सालों से वह बिलासपुर शहर में रहकर रिक्शा चलाता है. बलवंत रिक्शा चलाकर अपने बच्चों का पालन पोषण के साथ ही उन्हें शिक्षा से जोड़ने का काम कर रहा है. बलवंत की एक बेटी ग्रेजुएट है. बाकी के बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं. बलवंत ने अपने बच्चों का पालन पोषण रिक्शा चलाकर होने वाली कमाई से किया है. बलवंत काफी गरीब है लेकिन उसके विचार अमीरों के विचारों से भी बढ़कर हैं. वह समाज में फैली बुराइयों और कुरीतियों को खत्म करने की सोच रखता है. बलवंत की यही सोच उसे औरों से अलग करती है.

अपनी सोच को उकेरता है रिक्शे पर: रिक्शा चालक बलवंत सिंह जांगड़े ने ईटीवी भारत से बताया, "मैं रिक्शा चलाते समय बहुत सारी बातों को सोचता रहता हूं. मन में हमेशा ख्याल आता है कि समाज में फैली बुराइयों को कैसे खत्म किया जाए? लोगों को इसके लिए कैसे समझाया जाए? मैंने उसका हल निकाला. अपने रिक्शे पर मन में उठने वाले बातों को संदेश के रूप में उकेरना शुरू किया. समय-समय पर समसामयिक विषयों पर भी सोचता हूं. उसे रिक्शे की बॉडी पर लिखता हूं. अपने रिक्शे पर शायरी भी लिखता हूं और शायरी के माध्यम से समाज सुधार का संदेश देने की कोशिश करता हूं ताकि पढ़ने वाले शख्स उसका अमल करे."

यह भी पढ़ें: बिलासपुर रेलवे का कबाड़ से जुगाड़ वाला ऑफिस, 6 सीटर दफ्तर में मिलता ट्रेन-सा मजा, देखिये कैसे

नशा, दहेज प्रथा, लूटमार और गुंडागर्दी पर देते है लोगों को नसीहत: बलवंत रिक्शा चलाने के दौरान अक्सर सड़कों पर देखते हैं कि शराब के नशे में लोग वाहन चलाते हैं. खुद की जान जोखिम में तो डालते ही हैं. साथ ही दूसरे राहगीरों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए बलवंत शराब के दुष्परिणाम को लोगों को लिख कर बताते हैं. दहेज प्रथा की वजह से जहां उसकी एक बड़ी बेटी का ससुराल उससे छूट गया है, उससे भी वह व्यथित होकर दहेज प्रथा की बुराइयों को लोगों को बताते हैं. बलवंत का कहना है कि "अक्सर रात में वह काम के दौरान देखते हैं कि लोग नशा कर मारपीट करते हैं. लूटपाट जैसी घटना को अंजाम देते हैं. लोगों के ऐसा करने से जिनके साथ यह घटना होती है उनके और उनके परिवार के लिए यह घटना बड़ा दुखदाई होता है. इसलिए भी वह संदेश के माध्यम से लोगों को बताते हैं कि सामाजिक बुराइयां यदि खत्म हो जाएगी तो समाज के लोग एक अच्छा जीवन जीने लगेंगे".

मास्क और हेलमेट के लिखते हैं फायदे: पिछले दिनों कोरोनाकाल में बलवंत के कुछ साथी कोरोना की चपेट में आ गए थे. उनकी असमय मृत्यु हो गई थी. उससे भी बलवंत दु:खी हो गये थे. वह मास्क के उपयोग के लिए लोगों से अपील करते हैं. मास्क लगाने से कितना फायदा होता है. यह भी रिक्शे में बलवंत ने लिखा है. बलवंत रिक्शा चालक होने के कारण पूरे समय सड़कों पर ही रहते हैं. इस दौरान कई ऐसी घटनाएं देखते हैं. जैसे वाहन चालक हेलमेट नहीं लगाए रहते हैं और दुर्घटना होने पर सिर में चोट होने की वजह से उनकी मौत हो जाती है. इन मौतों को रोकने को बलवंत ने हेलमेट लगाने का संदेश भी रिक्शा में लिख कर रखा है.

ग्रेजुएट बेटी को तलाश है अच्छी नौकरी की: बलवंत की छोटी बेटी श्वेता सिंह ग्रेजुएट है. उसे एक अच्छी नौकरी की तलाश है. वह चाहती है कि "यदि शासकीय नौकरी उसे मिल जाए तो वह अपने और अपने परिवार का पालन पोषण बेहतर ढंग से कर सकेगी. क्योंकि वह बचपन से देखते आ रही है कि उसके पिता कड़ी मेहनत कर उनके पालन पोषण का इंतजाम करते हैं. तबीयत खराब होने के बावजूद भी वह रिक्शा चलाकर अपने बच्चों का पेट भरते हैं". बेटी चाहती है कि जिस तरह पिता कड़ी मेहनत और मशक्कत कर उन्हें इस लायक बनाए हैं. वह भी अपनी एक पहचान बना सके. नौकरी मिलने पर वो अपने पिता की तरह अपने परिवार का पालन पोषण कर सके और पिता को आगे के जीवन में आराम से जीवन यापन करने की व्यवस्था कर सके.

कम लोगों को है दूसरों की चिंता: समाज में ऐसे बहुत कम ही लोग हैं, जो अपने अलावा दूसरों की भी चिंता करते हैं. उनमें एक बलवंत भी हैं. रिक्शा चालक होने के बावजूद भी बलवंत समाज सुधार, नशा मुक्ति, दहेज प्रथा और बहुत सारी सामाजिक कुरीतियों को समाज के लिए हानिकारक मानते हैं. बलवंत समाज को संदेश दे रहे हैं कि जब समाज से बुराई खत्म हो जाएगी, तो एक समय आएगा जब समाज के लोग एक दूसरे के लिए अच्छी सोच के साथ भलाई का काम करेंगे.

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