ETV Bharat / state

आरक्षण मामले में 6 जनवरी को होगी सुनवाई, HC ने 82 फीसदी आरक्षण नीति पर लगाई है रोक

बिलासपुर हाईकोर्ट में आरक्षण से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में आगामी 6 जनवरी को सुनवाई तय की गई है. जिसकी सुनवाई चीफ जस्टिस डिवीजन बेंच करेगी.

आरक्षण मामले में 6 जनवरी को होगी सुनवाई
author img

By

Published : Nov 22, 2019, 8:23 PM IST

बिलासपुर: हाईकोर्ट में आरक्षण से जुड़े दो अलग-अलग मामले की सुनवाई आगामी 6 जनवरी को तय की गई है. पिछली सुनवाई में छत्तीसगढ़ सरकार के कुल 82 फीसदी आरक्षण की नीति पर रोक लगा दी गई थी, जिसमें OBC के लिए 27 फीसदी आरक्षण था. दोनों मामलों में 6 जनवरी को चीफ जस्टिस डिवीजन बेंच सुनवाई करेगी.

दरअसल, हाईकोर्ट में भूपेश सरकार और पूर्व रमन सरकार के 2012 में बढ़ाए गए आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी. साथ ही कोर्ट ने मौजूदा सरकार की ओर से OBC ओबीसी के लिए बढ़ाए गए आरक्षण पर पहले से ही रोक लगा रखी है.

विरोधियों ने दी थी कोर्ट में चुनौती
भूपेश सरकार ने पिछले दिनों राज्य में SC, ST और OBC कोटे का आरक्षण बढ़ा दिया था, जिससे राज्य में 82 फीसदी आरक्षण हो गया था. बढ़े आरक्षण पर विरोधियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दिया था, जिसके बाद कोर्ट ने अन्य पिछड़े वर्गों के लिए बढ़ाए गए आरक्षण पर भी रोक लगा दिया था.

आरक्षण को लेकर कोर्ट में चुनौती
2012 में तत्कालीन रमन सरकार की ओर से अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को 20 से बढ़ाकर 32 फीसदी कर दिया गया था. इसके अलावा अनुसूचित जाति के कोटे को 16 से घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया था. जिसके बाद 2012 में राज्य में कुल आरक्षण 58 फीसदी हो गया था, जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इसपर भी कोर्ट में 6 जनवरी को सुनवाई होगी.

बिलासपुर: हाईकोर्ट में आरक्षण से जुड़े दो अलग-अलग मामले की सुनवाई आगामी 6 जनवरी को तय की गई है. पिछली सुनवाई में छत्तीसगढ़ सरकार के कुल 82 फीसदी आरक्षण की नीति पर रोक लगा दी गई थी, जिसमें OBC के लिए 27 फीसदी आरक्षण था. दोनों मामलों में 6 जनवरी को चीफ जस्टिस डिवीजन बेंच सुनवाई करेगी.

दरअसल, हाईकोर्ट में भूपेश सरकार और पूर्व रमन सरकार के 2012 में बढ़ाए गए आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी. साथ ही कोर्ट ने मौजूदा सरकार की ओर से OBC ओबीसी के लिए बढ़ाए गए आरक्षण पर पहले से ही रोक लगा रखी है.

विरोधियों ने दी थी कोर्ट में चुनौती
भूपेश सरकार ने पिछले दिनों राज्य में SC, ST और OBC कोटे का आरक्षण बढ़ा दिया था, जिससे राज्य में 82 फीसदी आरक्षण हो गया था. बढ़े आरक्षण पर विरोधियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दिया था, जिसके बाद कोर्ट ने अन्य पिछड़े वर्गों के लिए बढ़ाए गए आरक्षण पर भी रोक लगा दिया था.

आरक्षण को लेकर कोर्ट में चुनौती
2012 में तत्कालीन रमन सरकार की ओर से अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को 20 से बढ़ाकर 32 फीसदी कर दिया गया था. इसके अलावा अनुसूचित जाति के कोटे को 16 से घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया था. जिसके बाद 2012 में राज्य में कुल आरक्षण 58 फीसदी हो गया था, जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इसपर भी कोर्ट में 6 जनवरी को सुनवाई होगी.

Intro:बिलासपुर हाईकोर्ट में आरक्षण से जुड़े दो अलग अलग मामलों में सुनवाई अब एक साथ आगामी 6 जनवरी को तय की गई है। बीते सुनवाई में छत्तीसगढ़ सरकार के कुल 82 फीसदी आरक्षण की नीति पर रोक लगा दी थी। इसमें ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण था, जिसे भी कोर्ट ने रोक लगा रखी है। अब इन मामलों में कोर्ट 6 जनवारी को चीफ जस्टिस डिवीजन बेंच सुनवाई करेगी।
Body:जानकारी दें कि कोर्ट ने मौजूदा सरकार द्वारा बढ़ाए गए आरक्षण के साथ 2012 में रमन सरकार द्वारा बढ़ाए गए आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करने का फैसला लिया है। न्यायालय ने मौजूदा सरकार द्वारा ओबीसी के लिए बढ़ाए गए आरक्षण पर पहले से ही रोक लगा रखी है। भूपेश सरकार ने पिछले दिनों राज्य मेंं एससी, एसटी व ओबीसी कोटे का आरक्षण बढ़ा दिया था जिससे राज्य में 82 फ़ीसदी आरक्षण हो गया था। जिसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। बाद में अन्य पिछड़े वर्गों के लिए बढ़ाए गए आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी। Conclusion:वहीं हाईकोर्ट में 2012 में रमन सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को 20 से बढ़ाकर 32 फ़ीसदी कर दिया गया था। वहीं अनुसूचित जाति का कोटा 16 से घटाकर 12 फ़ीसदी कर दिया गया था। लेकिन अन्य पिछड़े वर्ग के 14 फ़ीसदी आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी। इसके बाद 2012 में राज्य में कुल आरक्षण 58 फ़ीसदी हो गया था, जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
बाईट....अनीश तिवारी..अधिवक्ता
विशाल झा...बिलासपुर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.