बिलासपुर: समाज कल्याण घोटाले मामले में लॉ मैन्युअल का उल्लंघन समेत नैतिक दुराचार का आरोप झेल रहे महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता के खिलाफ स्टेट बार काउंसिल की कार्रवाई पर रोक जारी रखी है. साथ ही स्टेट बार काउंसिल से हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता को नोटिस जारी करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है. अब इस मामले में अगले हफ्ते सुनवाई होगी.
बता दें समाज कल्याण विभाग में एनजीओ के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला की बात सामने आई थी. जिसको लेकर कुंदन सिंह ठाकुर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका पर लंबी सुनवाई के बाद जनवरी 2020 में हाईकोर्ट ने फैसला जारी करते हुए, सीबीआई को राज्य के कई बड़े आईएएस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश जारी किया था.
कुंदन सिंह ने की थी शिकायत
हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद आला अधिकारियों के बीच हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई थी. बीते दिनों मामले में कुंदन सिंह ठाकुर ने स्टेट बार काउंसिल में शिकायत दर्ज कराई थी. कुंदन सिंह ने अपनी शिकायत में कहा था कि हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अधिकारियों ने परिसर के अंदर महाधिवक्ता कार्यालय में बैठक की थी, जिसमें महाधिवक्ता ने उन्हें इस मामले को लेकर सलाह मशवरा दिया था.
महाधिवक्ता पर लगाया गया था आरोप
कुंदन सिंह ने अपनी शिकायत में महाधिवक्ता पर लॉ मैनुअल का उल्लंघन समेत नैतिक दुराचार का आरोप लगाया था. जिसके बाद स्टेट बार काउंसिल ने महाधिवक्ता को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक हफ्ते में जवाब मांगा था. बार काउंसिल की इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में याचिका दायर कर दी. मामले में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता की ओर से दलील दी गई की स्टेट बार काउंसिल के अधिकार क्षेत्र में नहीं है कि, वह महाधिवक्ता को नोटिस जारी करें. जिसके बाद हाईकोर्ट ने 22 मई को बार काउंसिल की महाधिवक्ता के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
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मामले पर मंगलवार को फिर से सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मामले में बार काउंसिल से महाधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई पर स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही हाईकोर्ट ने बार काउंसिल को महाधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई पर रोक जारी रखने का आदेश जारी किया है. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मैनन और पी पी साहू की डिविजन बेंच में की गई.