बिलासपुर: प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है. प्रदेश के अन्य हिस्सों के अलावा बिलासपुर शहर में भी अब रिमझिम बारिश का नजारा दिखने लगा है. इस बीच हर साल बारिश के दौरान शहरवासियों को जो दिक्कत होती है, उसे सुधारने के लिए नगर निगम कितना तैयार है, इसे लेकर ETV भारत ने स्थानीय प्रशासन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
प्रशासन के दावों के बीच ETV भारत ने प्रशासनिक इंतेजामात का जायजा लिया. बिलासपुर शहर पर अब स्मार्ट सिटी का ठप्पा भी लग गया है. वहीं स्मार्ट सिटी के नाम पर अब तक करोड़ों रुपए लुटाए जा चुके हैं. कागजों में तो शहर में विकास हो रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. स्मार्ट सुविधाएं तो दूर शहर में जगह-जगह खुली पड़ी नालियां प्रशासन को आइना दिखा रही है. हालात ये हैं कि शहर की चोक हो चुकी नालियां एक दिन के बरसात को भी शायद ही झेल पाए.
नालियों को खुला छोड़ दिया गया
शहर के पुराना बस स्टैंड, तेलीपारा और कोतवाली थाना जैसे इलाकों में हर जगह नालियां सफाई के बगैर नजर आ रही है. जिसकी वजह से जलभराव की स्थिति बनती है. इन नालियों की सफाई तो दूर इन्हें जगह-जगह खुला छोड़ दिया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात से पहले नालियों की साफ सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही होती है. जिसका खामियाजा गंदगी और बीमारियों के रूप में लोगों को झेलना पड़ता है. लोगों की शिकायत है कि कुछ क्षेत्रों में नालियों की साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता कर निगम अपना पल्ला झाड़ लेता है.
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जगह-जगह खोदे जा रहे गड्ढे
शहर में इन अव्यवस्थाओं के बीच अमृत मिशन योजना का काम भी किया जा रहा है. जिसके लिए नगर निगम ने जगह-जगह गड्ढा खोद दिया है. जो जलभराव के साथ-साथ दुर्घटना को भी न्योता दे रहा है. स्थानीय प्रशासन हर साल की तरह इस बार भी नालियों की सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती कर करने का काम कर रहा है.
महापौर की दलीलें
शहर में चल रहे इस काम पर महापौर रामशरम यादव का कहना है कि 15 जून तक सब कुछ ठीक कर लिया जाएगा. मेयर का कहना है कि बरसात को देखते हुए नालियों को लगातार साफ किया जा रहा है. नालियों से मलबा और मिट्टी निकालने का काम किया जा रहा है. बता दें कि शहर में मच्छरों का प्रकोप भी लगातार बढ़ता जा रहा है. इसे लेकर महापौर ने कहा कि नालियों में दवाई डालने का काम भी जारी है. बहरहाल, मेयर के इन दावों के बीच अब देखना होगा की शहर की बदहाल पड़ी नालियों की हालत आखिर कब तक सुधर पाती है.