बिलासपुर: छत्तीसगढ़ का टूलकिट विवाद उच्च न्यायालय पहुंच गया है. कथित टूलकिट केस में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने याचिका दायर की है. दोनों ने अपने वकील के माध्यम से याचिका दायर की है. रायपुर में दर्ज FIR को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. केस में जल्द ही हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है.
18 मई को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट किया. जिसके बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मच गई. इस ट्वीट का असर ये हुआ कि कांग्रेस ने रमन सिंह के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज कराई और उनकी गिरफ्तारी की मांग की.
रमन सिंह का वो ट्वीट जिस पर विवाद खड़ा हुआ
पूर्व सीएम रमन सिंह ने कांग्रेस का कथित लेटर ट्विटर पर पोस्ट करते हुए दावा किया था कि इसमें देश का माहौल खराब करने की पूरी प्लानिंग लिखी है. रमन सिंह की तरफ से सोशल मीडिया पर लिखा गया कि 'कोरोना संकट के समय कांग्रेस की बिलो द बेल्ट राजनीति देखकर शर्म आती है. विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने कांग्रेस कुंभ का दुष्प्रचार और जलती लाशों की फोटो दिखाने का षड्यंत्र कर रही है. महामारी से साथ लड़ने के बजाय कांग्रेस लोगों को आपस में लड़ा रही है.' रमन सिंह ने #congresstoolkitexposed के साथ ये पोस्ट ट्वीट किया.
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रायपुर में रमन सिंह के खिलाफ FIR
रमन सिंह के ट्वीट के बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह पर जाली दस्तावेजों की मदद से सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया और रायपुर के सिविल लाइंस थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई.
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52 पुलिस थानों में एफआईआर
कथित टूलकिट को लेकर कांग्रेस ने पूर्व सीएम रमन सिंह और संबित पात्रा के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रवक्ता संबित पात्रा, स्मृति ईरानी और बीएल संतोष, संबित पात्रा पर समेत कई बीजेपी नेताओं के खिलाफ छत्तीसगढ़ के 52 पुलिस थानों में FIR दर्ज कराई है. बीजेपी ने इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया है.
सोशल मीडिया में भी छिड़ा था वार
कांग्रेस ने जहां इस मामले में पूर्व सीएम रमन सिंह और संबित पात्रा समेत बीजेपी के कुछ नेताओं के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज कराई थी. इसके विरोध में बीजेपी ने सोशल मीडिया पर एक बड़ा अभियान छेड़ दिया और # 'भूपेश हमें भी गिरफ्तार करो' को ट्रेंड करा दिया. इसका जवाब सोशल मीडिया पर ही कांग्रेस के नेताओं ने जमकर भड़ास निकाल कर दिया. और देखते ही देखते प्रदेश भर के 52 पुलिस थानों में बीजेपी नेताओं के खिलाफ शिकायत और FIR दर्ज करा दी गई थी.
क्या होता है टूलकिट ?
टूलकिट एक डिजिटल दस्तावेज होता है. इसे सोशल मीडिया के जरिए शेयर किया जाता है. टूलकिट आमतौर पर किसी मुद्दे को लेकर तैयार किया जाता है. उस मुद्दे पर तैयारियों और आगे का रोडमैप का उल्लेख किया जाता है. टूलकिट में संबंधित मामले से जुड़ा हर अपडेट डाला जाता है.उस मुद्दे से जुड़े अदालती याचिकाओं, प्रदर्शनकारियों की जानकारी, इसे जन आंदोलन बनाने की कोशिश से जुड़ी तमाम सामग्री सूचनाओं के तौर पर उपलब्ध करवाई जाती है. इसमें एक्शन प्वाइंट दिया होता है और उसी के मुताबिक तैयारी की जाती है. सोशल मीडिया पर हैशटैग भी चलाया जाता है.